किन घरों में ज्यादा फैल रहा है कोरोना का संक्रमण, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर पिछले कुछ महीनों में अलग-अलग संस्थाओं की कई रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं. कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों में अलग-अलग राय है.

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नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. भारत में कोरोना (Corona in India) मरीजों की संख्या 17 लाख के पार पहुंच गई है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के शुरुआती दिनों में विशेषज्ञों ने बताया था कि जिन घरों में वेंटिलेशन (ventilation) की पूरी व्यवस्था नहीं है, वहां पर कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक है. इस बारे में अब अमेरिका (America) की मिनेसोटा यूनिवर्सिटी ने भी एक रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक छोटे और बंद स्थान पर कोरोना ना केवल हवा में अधिक समय तक रहता है, बल्कि इसके ड्रॉपलेट्स अलग-अलग जगहों पर चिपकते भी हैं.

आज के समय में घर काफी छोटे होने लगे हैं. ऐसा पहले भी शोध में पाया गया है कि छोटे घरों में रहना सेहत के लिहाज से अच्छा नहीं होता. कोरोना महामारी के इस दौर में छोटे घरों में रहने वाले लोगों के लिए खतरा और बढ़ गया है. शोध में पाया गया है कि बड़े और हवादार घरों में रहने वाले लोगों में कोरोना का खतरा बंद घरों में रहने वाले लोगों से काफी कम है.

पिछले कुछ महीनों में कोरोना वायरस को लेकर अलग-अलग संस्थाओं की कई रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं. कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों में अलग-अलग राय है. कोरोना पर शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया था कि यह 3 फीट की दूरी तक फैल सकता है. इसके बाद कहा गया कि ये 6 से 8 फीट की दूरी तक फैल सकता है और अब कहा जा रहा है कि कोरोना का असर 13 फीट की दूरी तक हो सकता है.

विशेषज्ञों का कहना है ​कि छोटे घरों के अंदर की हवा घर में घूमती रहती है जबकि बड़े आकार और खुले घरों में हवा का प्रवाह बना रहता है. इसके साथ ही बंद घरों में सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पातीं जिसके कारण भी वायरस को पनपने का सुरक्षित स्थान मिल जाता है. हवादार घरों में कोरोना वायरस ज्यादा देर तक रुक नहीं पाता है और हवा के फ्लो के साथ घर से बाहर निकल जाता है.

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