22 कंपनियों को भारत में मोबाइल और उसके पार्ट्स बनाने का न्योता, 12 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
केंद्र सरकार की PLI Scheme के तहत 22 इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने भारत में उत्पादन शुरू करने का प्रस्ताव दिया है. इससे 12 लाख लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा. आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी.
नई दिल्ली. आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने शनिवार को ऐलान किया कि पेगाट्रॉन, सैमसंग, लावा और डिक्सॉन जैसी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने भारत में मोबाइल डिवाइस और उनके कम्पोनेन्ट बनाने का प्रस्ताव दिया है. केंद्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेन्टिव स्कीम (PLI Scheme) के तहत ये कंपनियां अगले पांच साल में 11.5 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन करेंगी. इससे देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग (Electronics Manufacturing in India) को बढ़ावा मिल सकेगा. पीएलआई स्कीम के तहत कुल 22 कंपनियों ने आवेदन दिया है, जिसमें सैमसंग, Foxconn Hon Hai, Rising Star, Wistron और Pegatron जैसी दिग्गज ब्रांड्स हैं.
Under the Production-Linked Incentive Scheme, around 22 companies have applied. These companies will produce mobile phone & components in India worth Rs 11.5 lakh crores in the coming 5 yrs out of which products worth Rs 7 lakh crores will be exported: Union Minister RS Prasad pic.twitter.com/YXoi7lzXOC
— ANI (@ANI) August 1, 2020
रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा, ‘इंटरनेशनल मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने 15,000 व इससे अधिक के सेग्मेंट में उत्पादन के लिए आवेदन किया है.’ इनमें से तीन कंपनियां एप्पल की iPhone की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स हैं. इनका नाम फॉक्सकॉन, विस्ट्रोन और पेगाट्रॉन है.
37 फीसदी के साथ एप्पल और 22 फीसदी के साथ सैमसंग को मिला दें तो ये दोनों कंपनियां वैश्विक मोबाइल फोन्स की सेल्स रेवेन्यू से करीब 60 फीसदी प्राप्त करती है. अब केंद्र सरकार पीएलआई स्कीम के बाद उम्मीद की इन कंपनियों का मैन्युफैक्चरिंग बेस कई गुना तक बढ़ जाएगा.
क्या चीनी कंपनियों को भी मिलेगा मौका?
रविशंकर प्रसाद से जब चीनी कंपनियों की भागीदारी के बारे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं किसी देश का नाम नही लेना चाहता. इन्वेस्टमेंट के नियमो का सवाल है तो भारत सरकार के नॉर्म्स हैं जो भारत सरकार के द्वारा फिक्स किये जाते हैं.
12 लाख लोगों को मिल सकेगा रोजगार
आईटी मिनिस्टर ने यह भी बताया कि इन कंपनियों द्वारा जमा किए गए प्रस्ताव के बाद देश में 12 लाख नये रोजगार अवसर पैदा होंगे. इसमें से 3 लाख डायरेक्ट नौकरियां होंगी और करीब 9 लाख इनडायरेक्ट नौकरियां होंगी. उन्होंने कहा, ‘ मोबाइल फोन्स के लिए डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन मौजूदा 15-20 फीसदी से बढ़कर 35-40 फीसदी बढ़ जाएगा. जबकि, इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेन्ट के लिए यह 45-50 फीसदी के करीब पहुंच जाएगा.’
इस स्कीम के तहत भारत में मैन्युफैक्चर किए जाने वाले उत्पाद के इनक्रीमेंटल सेल्स पर 4 से 6 फीसदी तक तक इन्सेन्टिव दिया जाएगा. योग्य कंपनियों को यह इन्सेन्टिव 5 सालों के लिए होगा, जिसका बेस ईयर वित्त वर्ष 2019-20 होगा. इस स्कीम के तहत आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2020 थी. इस स्कीम के तहत इन्सेन्टिव्स आज से यानी 1 अगस्त 2020 से लागू हों गए हैं.