पंजाब की इंडस्ट्रीज को लॉक डाउन की वजह से हुए नुकसान से बाहर निकालने के लिए उद्योग विभाग के अधिकारियों ने एक बार फिर से सूबे की इंडस्ट्रीज को राहत देने का फैसला किया है। विभाग के अधिकारियों के राहत दिए जाने के इस प्रपोजल को विभाग के मंत्री ने भी हरी झंडी दे दी है। सरकार नहीं चाहती है कि आर्थिक तंगी की वजह से सूबे में छोटे एवं मध्यम उद्योग बंद हों।
लॉक डाउन की वजह से सूबे की कई छोटी इंडस्ट्रीज बंद होने की कगार पर आ गई थी। लेकिन अब सरकार ने इन उद्योगों को बड़ी राहत देने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले से सूबे की लगभग 2.50 लाख इंडस्ट्रीज के संचालकों को फायदा पहुंचेगा और इन इंडस्ट्रीज को फिर से अपना काम शुरू करने में मदद मिलेगी।
इन इंडस्ट्रीज के संचालकों का एक प्रतिनिधि मंडल विभाग के मंत्री सुंदर श्याम अरोडा से भी मिला था। जिसमें उन्होंने अपने उद्योगों को पेश का रही दिक्कतों के बारे में बताया था। जिसमें खासतौर पर लॉक डाउन की वजह से आर्थिक हालत पलती होने को मुख्य वजह बताते हुए राहत दिए जाने की मांग की थी।
वित्त विभाग की मंजूरी के बाद सीएम करेंगे घोषणा
उद्योग विभाग द्वारा एक कनाल से कम एरिया में बनी इंडस्ट्रीज को छूट दिए जाने के फैसले को लेकर वित्त विभाग की मंजूरी ली जाएगी। वित्त विभाग से मंजूरी मिलने के बाद सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह इस छूट का एलान करेंगे। सरकार इंडस्ट्रीज को छूट इसलिए भी देना चाहती है क्योंकि सूबे में बड़े उद्योगों से ज्यादा सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग हैं। ऐसे में सरकार ने इनकी मदद के लिए हाथ आगे नहीं बढ़ाया तो यह उद्योग बंद हो जाएंगे। इससे सरकार को टैक्स बंद होगा और लोगों का रोजगार भी चला जाएगा।
50 हजार उद्योग लिक्विड मनी न होने से बंद थे
लॉकडाउन में उद्योग चलाने की छूट के बाद भी 50 हजार से अधिक उद्योग लिक्विड मनी न होने से बंद थे। उद्योग कच्चा माल नहीं खरीद पा रहे थे। जिन फैक्ट्रियों में माल तैयार था वह बिक नहीं रहा था। जिसके बाद विभाग ने माल बिकवाने में मदद की।
विभाग की ओर से एक कनाल से कम एरिया में बनी इंडस्ट्रीज को टैक्सेज में छूट देने का फैसला किया है। ताकि ऐसे उद्योग रिवाइव कर सकें। -सुंदर श्याम अरोडा, उद्योग मंत्री