सीरियल किलर डॉक्टर ने 100 लोगों को मारकर शव मगरमच्छों को खिलाया

देवेंद्र शर्मा को कुछ दिन पहले ही दिल्ली (Delhi) से गिरफ्तार किया गया है. वह किडनी रै​केट (Kidney Racket) से जुड़े एक मामले में पिछले 16 साल से सजा काट रहा था और पेरोल पर बाहर आया था. उसे 20 दिन में पेरोल खत्म होने के बाद वापस जेल जाना था लेकिन वह अंडग्राउंड हो गया.

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नई दिल्ली. डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है लेकिन जब डॉक्टर ने लोगों की जान लेने लगे तो इससे बड़ा अपराध कोई नहीं हो सकता. डॉक्टर के पेशे में रहकर लोगों की बेरहमी से हत्या करने वाले हैवान देवेंद्र शर्मा के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. सीरियल किलर डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने पहले कहा था कि उसने 50 कत्ल करने के बाद गिनती करना बंद कर दिया था लेकिन आज उसने एक बार फिर पुलिस को बयान दिया कि वह अब तक 100 से अधिक लेागों को मार चुका है. यही नहीं उसने बताया कि वह शवों का छुपाने के लिए यूपी की उस नहर में डाल देता था, जिसमें बहुत ढेर सारे मगरमच्छ होते थे.

देवेंद्र शर्मा को कुछ दिन पहले ही दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है. वह किडनी रै​केट से जुड़े एक मामले में पिछले 16 साल से सजा काट रहा था और पेरोल पर बाहर आया था. उसे 20 दिन में पेरोल खत्म होने के बाद वापस जेल जाना था लेकिन वह अंडग्राउंड हो गया. अब एक बार फिर उसके पकड़े जाने पर कई चौंकाने वाले मामले सामने आने लगे हैं. पुलिस ने दावा किया कि वह हत्या के 100 से ज्यादा मामलों में संलिप्त रहा है लेकिन वास्तविक संख्या की पुष्टि नहीं की जा सकती. दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान में उसके खिलाफ दर्ज मामले में संबंधित राज्यों की पुलिस जांच कर रही है.

बीएएमएस डिग्रीधारी देवेंद्र शर्मा (62) उत्तरप्रदेश प्रदेश के अलीगढ़ जिले में पुरेनी गांव का रहने वाला है और दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम ने हत्या के एक मामले में पेरोल की अवधि खत्म होने के छह महीने बाद उसे पकड़ा है. पुलिस ने बताया कि शर्मा अपहरण और हत्या के कई मामलों में दोषी करार दिया गया है. उत्तरप्रदेश में फर्जी गैस एजेंसी चलाने के मामले में उसे दो बार गिरफ्तार किया गया और किडनी बेचने के गिरोह चलाने के मामले में कई राज्यों में जेल भी जा चुका है.

पुलिस उपायुक्त (अपराध) राकेश पवेरिया ने बताया, इससे पहले वह मोहन गार्डेन में रह रहा था और वहां से वह बपरोला चला गया. वहां पर उसने एक विधवा से शादी कर ली और प्रॉपर्टी का कारोबार करने लगा. सूचना मिलने पर हमारी टीम ने मंगलवार को उसे गिरफ्तार किया. बिहार में सीवार से बीएएमएस की डिग्री हासिल करने के बाद वह जयपुर में अपनी क्लीनिक चलाने लगा. उसने 1992 में गैस डीलरशिप स्कीम में 11 लाख रुपये निवेश किया लेकिन उसे नुकसान हो गया. इसके बाद 1995 में उसने अलीगढ़ के छारा गांव में फर्जी गैस एजेंसी शुरू कर दी और बाद में आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया.डीसीपी ने बताया कि उसके सहयोगी एलपीजी सिलेंडर ले जाने वाले ट्रकों को लूट लेते थे और ड्राइवर की हत्या कर देते थे. इसके बाद ट्रक से सिलेंडर को अपनी फर्जी गैस एजेंसी में उतार लेते थे.

करीब 50 हत्याओं की बात कबूली
आरोपी ने करीब 50 हत्याओं की बात कबूली है। हालांकि उस समय मीडिया रिपोर्ट में आंकड़ा 100 से ज्यादा बताया गया था। आरोपी 2002 से 2004 के बीच कई मर्डर केस में गिरफ्तार किया गया। आधा दर्जन केस में से सजा भी हो चुकी है। जयपुर के एक मर्डर केस में इसे उम्र कैद की सजा हुई थी। करीब 16 साल जेल में रहने के बाद इसे जनवरी में 20 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था। इसकी पत्नी और बेटा भी इसके अपराधिक गतिविधियों के कारण 2004 में ही से नाता तोड़ चुके हैं।

आरोपी पैरोल जंप करने के बाद अपने पड़ोसी गांव में कुछ दिन रहकर मार्च माह में जानकार के मोहन गार्डन स्थित में रहा। हाल ही में इसने एक विधवा से शादी की थी और बापरोला में रह रहा था। आजकल वह प्रॉपर्टी के धंधे में हाथ आजमा रहा था। इसमें कुछ दिन पहले ही कनॉट प्लेस के एक मार्शल हाउस की डील जयपुर के एक शख्स को फसाने के इरादे से करने की बात भी कबूली है।

हत्या के कई मामलों में हो चुकी सजा
डॉ को हत्या के कई मामलों में सजा हो चुकी है। वह जयपुर राजस्थान की सेंट्रल जेल में बंद था। इसी साल जनवरी में वह पैरोल पर बाहर आया था, लेकिन पैरोल की तय समय अवधि के बाद सरेंडर करने के स्थान पर फरार हो गया था। क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स सेल ने इसे बापरौला से गिरफ्तार किया है।

जांच में पता चला है कि डॉ शर्मा ने सिवान बिहार से बीएएमएस की डिग्री हासिल की थी। 1984 से करीब 11 सालों तक इसने जयपुर में जनता हॉस्पिटल के नाम से क्लीनिक चलाया। 1994 में भारत की कंपनी की तरफ से गैस डीलरशिप की योजना शुरू की। देवेंद्र ने भी इसमें करीब ₹1100000 का निवेश किया था, लेकिन कंपनी ने हजारों इन्वेस्टर्स को धोखा दिया और बंद हो गई।

10 सालों तक चलाया किडनी रैकेट
डॉक्टर देवेंद्र शर्मा गैस एजेंसी की डीलरशिप में हुआ लाखों का घाटा पूरा करने के लिए किडनी रैकेट में शामिल हो गया। इस रैकेट के तार जयपुर से शुरू होकर गुरुग्राम तक फैलते चले गए। 1994 से 2004 के बीच इसने करीब 125 के किडनी अवैध तरीके से ट्रांसप्लांट करवाई। एक केस के 5 से 7 लाख रुपये तक वसूले जाते थे। 2004 में गुरुग्राम किडनी रैकेट केस में इसे गिरफ्तार किया गया था। यह रैकेट अनमोल नर्सिंग होम में डॉक्टर अमित द्वारा चलाया जा रहा था।

 

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