चंडीगढ़। पंजाब में आए दिन पुलिस कर्मचारी हेरोइन, भुक्की जैसे नशों की तस्करी में संलिप्त होने पर पकड़े जा रहे हैं। जेलों में सुरक्षा कर्मी सरेआम कैदियों को नशे की सप्लाई पहुंचा रहे है तो अब पंजाब के हर गांव में सरेआम बिक रही जहरीली शराब ने फिर से पुलिस की कारगुजारी पर सवाल खड़े कर दिए है। नशा तस्करों व शराब माफिया से मिलीभगत कर रातों रात अमीरी के सपने देख रहे कुछ पुलिस कर्मचारी इस धंधे को फलने का काम कर रहे हैं जिसके चलते पूरी पंजाब पुलिस के दामन में दाग लग रहा है। राजनीतिक संरक्षण में चल रहे नशे के गौरखधंधों की चैन तोड़ने के लिए बेशक पंजाब की कैप्टन सरकार ने कमर कस ली है व मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाने व आरोपियों को कानून की गिरफ्त में लाने के आदेश दिए है। वही तीन दिन बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ अभी तक पंजाब में जहरीली शराब की चैन को बढ़ावा दे रहे लोगों का सुराग हाथ नहीं लग सका है। बताया जाता है कि अत्याधिक गर्मी पड़ते ही हर साल पंजाब के गांवों में सैकड़ों लोग इस जहरीली शराब की चपेट में आकर मौत का ग्रास बनते हैं लेकिन सामूहिक मौते होने के कारण उक्त मामला राज्य में फिर से गर्मा गया हैै।
पंजाब के अमृतसर, तरनतारन और गुरदासपुर जिलों में जहरीली शराब पीने की अलग-अलग घटनाओं में शुक्रवार को 32 लोगों की मौत हो गई। सरकार के मुताबिक शुक्रवार शाम तक अमृतसर ग्रामीण में ज़हरीली शराब पीने वाले 11 व्यक्ति, बटाला में 9 और तरनतारन में 19 व्यक्तियों की मौत हुई है। वीरवार को अमृतसर में 7 लोगों की मौत हुई थी। अब जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। हालांकि, अपुष्ट सूत्रों के अनुसार देर रात मौतों का आंकड़ा 45 से 49 तक पहुंच गया है। अगर पुलिस घटना की सूचना मिलने के बाद तुरंत एक्शन में आती तो मौतों का बढ़ने वाला आंकड़ा रोका जा सकता था। शुक्रवार को भी 13 लोगों के पोस्टमार्टम के बिना संस्कार हो जाना भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता है। इधर, सीएम अमरिंदर सिंह ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा, शुक्रवार को अमृतसर ग्रामीण, बटाला और तरनतारन से शराब की तस्करी करने वाले 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारियां और बढ़ सकती हैं। क्योंकि कई इलाकों में ज़हरीली शराब बेचने वालों का नैटवर्क फैला है। तरनतारन में गिरफ्तार मिट्ठू ने तस्करी करना माना है। बटाला से अकाली नेत्री दर्शन रानी व राजन की गिरफ्तारी हुई है। कश्मीर सिंह, अंग्रेज़ सिंह, अमरजीत व बलजीत तरनतारन से गिरफ्तार किए गए। बलविंदर कौर को वीरवार को गिरफ्तार किया था। बटाला में बूटा राम निवासी काजी मोरी, भूपिंदर कुमार, जतिंदर कुमार, बिट्टा निवासी हाथी गेट, बिट्टू, कालू निवासी कपूरी गेट, जस, लाडी महाजन वासी ठठियारी गेट बटाला की मौत हुई है।
कोई घर आकर मरा तो कोई रास्ते में गिर ही गया
जहरीली शराब का असर इतना तेज था कि ज्यादातर लाेगाें ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम ताेड़ दिया। कुछ लाेगाें के शव गलियाें में मिले। तरनतारन में रेहड़ी लगाने वाले प्यारा सिंह (40) निवासी सरहाली रोड की माैत शुक्रवार सुबह 5 बजे हुई। प्यारा सिंह के घर के पास रहने वाले भागमल (46) की लाश घर के नजदीक गली में पड़ी मिली। घरवालों को सूचना सुबह सैर जाने वाले युवक ने दी। मलमोहड़ी गांव केे 60 साल के नाजर सिंह, उसके बेटे जतिंदर (36) ने घर में ही दम तोड़ दिया।
आरोपी महिला के पति समेत मुच्छल गांव में 4 और ने दम तोड़ा, आज भी नहीं हुए पोस्टमार्टम
अमृतसर जिले के मुच्छल गांव में जहरीली शराब पीने से बीमार हुए 4 और लोगों ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। दम तोड़ने वालों में जसवंत सिंह जस्सा भी शामिल है, जो जहरीली शराब बेचने की आरोपी बलविंदर कौर का पति है। बलविंदर कौर को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। तीन अन्य मृतकों में मंगल सिंह (45), जोगा सिंह (38) और जसविंदर सिंह (40) शामिल हैं। लापरवाही का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। तरनतारन के प्यारा सिंह (40), भागमल (46) निवासी सरहाली रोड, लखविंदर सिंह (50), हरजीत सिंह (65), अमरीक सिंह (55) सचखंड रोड निवासी, जोधपुर निवासी सतनाम सिंह बिट्टू (45), मलमोहड़ी निवासी नाजर सिंह (60) और जतिंदर सिंह (36) का बिना पोस्टमार्टम संस्कार करवा दिया गया।
जंडियाला गुरु से जुड़े हैं जहरीली शराब के तार
1.बटाला में जहरीली शराब तस्करी के कई मामले दर्ज हैं जिसके आरोपी जंडियाला गुरु से आते हैं। ये आरोपी यहीं से शराब लाकर बटाला के इलाकों में बिकवाते थे। एक्साइज की टीम ने यहीं का एक तस्कर भी पकड़ा है। 2. बटाला स्थित बड़ी डिस्टलरी के एल्कोहल वाले ट्रक से अक्सर चोरी होती है। इसी एल्कोहल में पानी अथवा स्प्रिट मिलाकर शराब बनाई जाती है। 3. सूबे में कच्ची शराब (लाहन) की तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। इसमें एल्कोहल की मात्रा का कोई पैमाना नहीं होता। तस्कर दरियाओं के किनारे लाहन और भट्ठी जमीन में दबाए रहते हैं।
पुलिसिया तंत्र पर बड़े सवाल
- पुलिस को खुफिया तंत्र/मुखबिरों से मौतों की जानकारी क्यों नहीं मिली?
- जिन गांवों में मौतें हुईं, वह अवैध शराब के लिए पहले से बदनाम हैं। पुलिस ने सख्ती क्यों नहीं बरती?
- ग्रामीणों अनुसार इन गांवों में रोज शाम को शराबियों का मजमा लगता है। पुलिस को जानकारी के बावजूद लापरवाही क्यों बरती गई?
- लॉकडाउन में नशे और अवैध शराब पर नकेल कसने के पुलिस के दावों की इन मौतों ने हवा निकाल दी। वह भी तब जब रोज शाम लाॅकडाउन की वजह से नाके लगाए जा रहे हैं।
- अमृतसर, तरनतारन, बटाला में जहरीली शराब की सप्लाई के पीछे एक ही गिरोह या व्यक्ति तो नहीं है?
- मानसून सीजन में अवैध शराब निकालने वाले इसमें कैमिकल और नशीली दवाएं इस्तेमाल करते हैं। इस एंगल से सख्ती क्यों नहीं की?
- जिन गांवों में मौतें हुई हैं, वह सत्ताधारी कांग्रेसी नेताओं के दबदबे वाले हैं। क्या पुलिस ने जानबूझकर लापरवाही बरती?
दूसरों को मौत बांटने वाली शराब तस्कर बलविंदर लॉकअप में फूट-फूटकर रोई, खुद को कोस रही
दूसरों काे अवैध और जहरीली शराब से मौत बांटने वाली महिला तस्कर बलविंदर के पति की भी मौत हो गई। पुलिस हवालात में बंद बलविंदर को यह खबर मिली तो वह बुरी तरह टूट गई। वह लॉकअप में फूट-फूटकर रोई। वह लॉकअप की सलाखों पर अपना सिर मार-मार कर काफी देर तक खुद काे कोसती रही।
पति की मौत की खबर से टूट गई बलविंदर, हवालात की सलाखों पर सिर मार खुद को कोसा
जिले के मुच्छल गांव में जहरीली शराब पीने से मरने वालों में शराब तस्कर बलविंदर कौर का पति जसवंत सिंह भी शामिल है। हवालात में बंद बलविंदर ने कभी सोचा भी नहीं था कि जिस शराब से वह गांव के लोगों को मौत के मुंह में धकेल रही है, वही शराब उसका सुहाग छीन लेगी।
जांच अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को जब जसवंत सिंह के मरने की खबर बलविंदर कौर को दी गई तो वह सन्न रह गई। कुछ देर बाद फूट-फूट कर रोने लगी। अपना सिर हवालात की सलाखों पर मारा और खुद को खूब कोसा भी। महिला सुरक्षा कर्मियों ने उसे संभाला। पुलिस ने जसवंत सिंह के मरने की जानकारी उसके बेटों को भी दे दी है।
बलविंदर कौर को कोस रहा मुच्छल गांव का हर परिवार
मुच्छल में अवैध शराब का कारोबार करने वाली बलविंदर कौर को आज मुच्छल गांव का प्रत्येक व्यक्ति कोस रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते शराब तस्कर बलविंदर कौर पर शिकंजा कसा होता तो आज गांव में दस लोगों की मौत का मातम नहीं छाया होता। सभी घर आबाद होते। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपित तस्कर महिला अपने गिरोह के दो अन्य सदस्यों के साथ मिलकर गांव में खुलेआम शराब तस्करी कर रही थी।
मुच्छल की हर गली में छाया मातम
मुच्छल गांव की हर गली में शुक्रवार को मातम था। कुछ मरने वालों के लिए सदमे में बेदम थे, तो कुछ परिवार जहरीली शराब पीकर अस्पताल में भर्ती हुए लोगों के लिए दुखी थे। गांव के लोग अब यही दुआ कर रहे थे कि अब शराब से इलाके में किसी की जान न जाए। मंगलवार और बुधवार को इसी गांव में दलबीर सिंह, बलविंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, मंगल सिंह, बलदेव सिंह, कश्मीर सिंह और काला सिंह की मौतें हो चुकी है।
पैसों की लालच में बन गए मौत के सौदागर
चंद पैसों के लालच में कुछ लोग घरों से ही अवैध शराब के कारोबार के लिए मौत के सौदागर बन गए हैं। घरों में बनी भट्ठी में सफेदी का इस्तेमाल कर शराब की जगह मौत परोस रहे हैं। बटाला, अमृतसर और तरनतारन के गांवों में शराब पीकर मरने वाले के पीछ कुछ यही कारण सामने आ रहा है। एक जानकार ने बताया कि गांवों में खुलेआम अल्कोहल मिल जाती है। जिस शराब का सेवन करने से मौतें हुईं हैं वह सारी अल्कोहल बेस्ड बताई जा रही है।
अमृतसर के मुच्छल गांव में कुछ लोग घरों में निकाल रहे शराब, सफेदी का इस्तेमाल कर मौत परोस रहे
पुलिस की नजरों से बचकर अवैध शराब निकालने वाले ये तस्कर चंद पैसों के लालच में ज्यादा अल्कोहल का इस्तेमाल कर देते हैं। गर्मी और उमस के दिनों में इस शराब को बनने में कम से कम पांच दिन का समय लगता है। सर्दी के दिनों मेें यह टाइम बढ़कर आठ दिन हो जाता है। यही नहीं शराब तस्कर पुलिस के डर और जल्दी पैसे कमाने के चक्कर में इस अल्कोहल में सफेदी का इस्तेमाल करते हैं और शराब में जहीरीले कण पैदा होने लगते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही नहीं बल्कि जानलेवा साबित हो रहा है।
कोरोना काल में बढ़ी अवैध शराब की डिमांड
कोरोना काल में जब सरकार ने कफ्र्यू और लॉकडाउन कर दिया था तो रोजाना शराब का सेवन करने वालों को शराब मिलनी बंद हो गई। तब लोगों ने गांवों में बनने वाली अवैध शराब को चोरी छिपे मंगवाना शुरू कर दिया। इस तरह घरों में निकलने वाली इस शराब की डिमांड बढ़ गई।