तरनतारन/ अमृतसर/बटाला। पंजाब के कई जिलों में जहरीली शराब पीने से 30 लोगों की मौत हो गई। मरने वाले तरनतारन, अमृतसर और बटाला क्षेत्र के हैं। इससे पहले पांच लोगों की मौत हो गई थी। आज 25 और लोगों ने दम तोड़ दिया। इससे हड़कंप मच गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूरी मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वीरवार को मारे गए पांच लोगों के परिजनों ने इस संबंध में पुलिस को बिना सूचना दिए शवों का अंतिम संस्कार कर दिया।
ये मौतें वीरवार से लेकर अब तक जहरीली शराब पीने से 30 लोगों की मौत हो गई है। तरनतारन में 15, अमृतसर में आज दो और बटाला में दो लोगों की मौत हुई है। दो दिन में अमृतसर में नौ और बटाला के छह लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अमृतसर, बटाला और तरनतारन में शराब पीने से हुई मौतों के मामले में जालंधर के डिविजनल कमिश्नर को न्यायिक जांच करने के आदेश दिए हैं। इस जांच में ज्वाइंट एक्सरसाइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर और संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक भी शामिल होंगे। यहां चिंताजनक बात यह है कि पंजाब में पिछले कई दशक से अवैध शराब का गौरखधंधा पुलिस के नाक तले सरेआम चल रहा थाा व इसे रोकने के लिए सरकारी स्तर पर भी किसी तरह के प्रयास नहीं किए गए। इस बात का खुलासा पिछले एक माह में पंजाब सरकार की तरफ से राज्य में शराब राजस्व बढ़ाने के लिए विभिन्न थाा प्रभारियों को गैरकानूनी ढंग से घरों में निकाली जा रही शराब को रोकने के आदेश के बाद हुआ जब राज्य के हर जिले में लाखों लीटर लाहन व हजारों लीटर गैरकानूनी घर की निकाली कच्ची शराब पुलिस ने पकड़ी व हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया। यह सिलसिला अभी भी जारी है। इसमें सरकार के स्पष्ट हो गया था कि राज्य में हर जिले में लाखों लीटर जहर हर माह तैयार हो रहा है व आने वाले समय खासकर कोरोना काल में यह लोगों की मौत का कारण बन सकता है।
उधर, पंजाब पुलिस के डीजीपी दिनकर गुप्ता द्वारा जारी किए गए प्रेस बयान में कहा गया है कि मौत के पहले पांच मामले अमृतसर ग्रामीण क्षेत्र मैं मुच्छल और टांगरा गांव में सामने आए थे। इस मामले में मृतकों में गांव मुच्छल के मंगल सिंह, बलविंदर सिंह, दलबीर सिंह, गुरप्रीत सिंह, कश्मीर सिंह ,काका सिंह ,कृपाल सिंह ,जसवंत सिंह , जोगा सिंह के अलावा कांगड़ा गांव के बलदेव सिंह शामिल हैं। बटाला शहर में बूटा राम, भिंडा , रिंकू सिंह, काला, कालू , बिल्ला और जितेंद्र की मौत हुई है।
इन लोगों की मौत देसी ढंग से घरों में तैयार की गई अवैध शराब पीकर हुई है। मारे गए लोगों में गांव नौरंगाबाद निवासी धर्म सिंह, साहिब सिंह, तेजा सिंह, हरबंस सिंह, सुखदेव सिंह, गांव मल्लमोहरी निवासी मिट्ठू सिंह, नाजर सिंह (पिता-पुत्र), जोधपुर निवासी मिट्ठू सिंह, भुल्लर निवासी प्रकाश सिंह, गांव बचड़े गुरमेल सिंह के अलावा तरनतारन निवासी रंजीत सिंह, हरजीत सिंह, हरजीत सिंह हीरा, भाग मल्ल सिंह, अमरीक सिंह शामिल है। डीसी कुलवंत सिंह धूरी का कहना है कि मामले की जांच के आदेश दिए गए है।
गांव मुच्छल के करीब तीस घरों में अवैध शराब का धंधा करते हैं लोग
जानकारी के अनुसार, गांव मुच्छल में वीरवार को जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत के बाद शुक्रवार को आसपास के गांव के 16 और लोगों ने दम तोड़ दिया। वीरवार को मरे लोगों की पहचान दलबीर सिंह, बलविंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, मंगल सिंह व बलदेव सिंह के रूप में हुई थी। इन पीडि़त परिवारों ने पुलिस को सूचित किए बिना ही शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। साथ ही आरोप लगाया कि गांव के कई घरों में देसी शराब निकालकर बेची जाती है।
सब इंस्पेक्टर अनूप सिंह ने बताया कि पुलिस पीडि़तों के बयान ले रही है। मुच्छल गांव निवासी जागीर कौर ने बताया कि उसका बेटा गुरप्रीत सिंह पिछले तीन साल से शराब पी रहा था। मंगलवार को उसने काफी शराब पी। देर रात उसकी तबीयत बिगड़ गई। बुधवार को उसने दम तोड़ दिया।
वहीं मंगल सिंह, दलबीर सिंह, बलदेव सिंह और बलविंदर सिंह के स्वजनों ने बताया कि चारों ने मंगलवार को गांव में ही शराब पी थी। सभी की मौत बुधवार को हुई। पीडि़त परिवारों ने आरोप लगाया कि गांव में अवैध शराब का धंधा पुलिस की मिलीभगत से चल रहा है। यहां 30 से अधिक घर अवैध शराब का कारोबार कर रहे हैं। सस्ती शराब के चक्कर में युवाओं की जिंदगी से खेला जा रहा है। एसएसपी विक्रमजीत दुग्गल ने कहा कि मामले की पूरी जांच करवाई जाएगी।
तरनतारन में भी अवैध शराब पीने से हुई थी तीन लोगों की मौत
तरनतारन के गांव रटौल में गत दिवस अवैध देसी शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई। एक व्यक्ति की आंखों की रोशनी चली गई थी। यहां भी पीडि़त परिवारों ने भी पुलिस को सूचित किए बिना ही शवों का अंतिम संस्कार कर दिया था।
लॉकडाउन में शराब बिक्री पर बैन लगा तो लाेगाें ने घरों में खोल दी शराब की भटि्ठयां
लॉकडाउन व कर्फ्यू दौरान बेशक सरकार की ओर से शराब की बिक्री पर पाबंदी रही लेकिन इस दौरान शराब पीने के शौकीनों ने अपनी आपूर्ति के लिए घरों में शराब की भट्टियां खोल दी। इसी का नतीजा है कि जिले में कर्फ्यू हटते ही शराब तस्करी के मामले अचानक बढ़ गए हैं। इनमें भी ज्यादातर मामले लाहन बरामदगी के हैं। दो माह पहले शुरू मुहिम के पिछले पांच दिन में जिले में अलग अगल जगहों से 2900 लीटर लाहन बरामद की गई। कर्फ्यू मे छूट मिलने के बाद नशा तस्कर जिले में पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं, पिछले पांच दिन में जिले के अलग अगल थाना क्षेत्रों में नशा तस्करी के 47 मामले दर्ज हो चुके हैं, इन मामलों में 40 से अधिक आरोपी पकड़े जा चुके हैं। जिसमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं। इनके अलावा अवैध शराब, नलीली गोलियां व हेरोइन तस्करी के मामले भी बढ़ी मात्रा में शामिल हैं। कोरोनावायरस के चलते जारी देशव्यापी लॉकडाउन में अगर सबसे ज्यादा मांग किसी चीज की बढ़ी है तो वह है शराब। जब लॉकडाउन में शराब की बिक्री पर बैन लगा था, तो लोग अवैध तरीके से शराब बेच और खरीद रहे थे। इतना ही नहीं शराब के दाम पांच गुना तक बढ़ा दिए गए थे। ऐसे में शराब पीने वालों के लिए मानों जैसे मुसीबत आन पड़ी थी। जिसे देखते हुए ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में लोगो ने शराब की आपूर्ति के लिए अपने घरों में ही शराब निकालनी शुरु कर दी। उन्होंने अपने घरों में शराब की भट्ठियां लगाकर चोरी छिपे शराब निकालनी व बेचनी शुरु कर दी।