बठिंडा में पंजाब पुलिस का पूर्व कांस्टेबल पिछले 7 साल से कर रहा था अफीम की तस्करी, डेढ़ किलो के साथ काबू

पिछले तीन माह में पुलिस विभाग के स्पेशन टास्क फोर्स ने पंजाब पुलिस के साथ जुड़े तीसरे व्यक्ति को किया नसा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार, इससे पहले एक पुलिस कर्मी अपनी पत्नी व बेटे के साथ मिलकर हेरोइन तस्करी करते हो चुका है गिरफ्तार, आरोपी की पहचान भीम सिंह पुत्र जीत सिंह वासी घुम्मन कलां के तौर पर हुई है एसटीएफ की टीम ने मौड़ मंडी से पकड़ा आरोपी को, नौकरी से इस्तीफा देने के बाद कर रहा था तस्करी

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बठिंडा. बठिंडा में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शुक्रवार को पंजाब पुलिस के पूर्व कांस्टेबल को तस्करी के आरोप में डेढ़ किलो अफीम के साथ पकड़ा है। बताया जाता है कि वह पुलिस की नौकरी से इस्तीफा देकर पिछले सात साल से तस्करी में जुटा था। आरोपी के खिलाफ मौड़ मंडी थाने में मामला दर्ज कर लिया है। जिसको पुलिस ने अदालत में पेश करके उसका रिमांड हासिल किया जा रहा है।

तस्कर की गिरफ्तारी के संबंंध में जानकारी देते एसटीएफ के डीएसपी गुरशरण सिंह।

आरोपी की पहचान भीम सिंह पुत्र जीत सिंह वासी घुम्मन कलां के तौर पर हुई है। एसटीएफ बठिंडा रेंज के डीएसपी गुरचरण सिंह ने बताया कि एसटीएफ के आईजी बलकार सिंह, एआईजी गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ बठिंडा रेंज की टीम नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान चलाए हुए है। इसी के तहत एसटीएफ की टीम ने मौड़ मंडी में गश्त कर रही थी। पुलिस टीम गांव घुम्मन कलां के पास एक पगड़ीधारी व्यक्ति पुलिसटीम को देखकर घबराकर भागने लगा तो पुलिस टीम ने उसे घेरकर उसके हाथमें पकड़े एक पॉलीथिन के लिफाफे की जांच की तो उसमें से अफीम बरामद हुई। इसका वजन किया गया तो वह डेढ़ किलो निकली। आरोपी के खिलाफ मौड़ मंडी थाने में एनडीपीएस एक्ट के केस दर्ज कर लिया है।
डीएसपी गुरचरण सिंह ने बताया कि पूछताछ में ये बात सामने आई है कि आरोपी पंजाब पुलिस में बतौर कॉन्स्टेबल तैनात था और सात साल पहले अपनी मर्जी से नौकरी से रिजाइन दे गया था। ये खुद भी अफीम का सेवन करता था, बाद में बेचने भी लगा। सात साल से राजस्थान से अफीम लेकर आ रहा था और बठिंडा इलाके में अफीम के शौकीनों को सप्लाई करता था। उक्त अफीम उसे हनुमानगढ़ के बस स्टैंड पर किसी अज्ञात व्यक्ति से डेढ़ लाख रुपए में लेकर आया था।
डीएसपी ने बताया कि आरोपी भीम सिंह अफीम खरीदने के लिए बेचने वाले के खाते में पैसे जमा करवा देता था और बाद में अफीम का कारोबार करने वाला अपने कारिंदे को हनुमानगढ़ के बस स्टैंड पर अफीम लेकर भेज देता था जिसे भीम सिंह लेकर बठिंडा आ जाता था।

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