राजस्थान में सियासत:जयपुर के होटल में 19 दिन रुकने के बाद गहलोत खेमे के विधायक जैसलमेर रवाना, विधानसभा सत्र शुरू होने तक 15 दिन वहीं रहेंगे
गहलोत खेमे के विधायकों को अब 14 अगस्त तक होटल में रहना होगा, ईद-रक्षाबंधन वहीं मनाएंगे इस दौरान विधायक अपने रिश्तेदारों और करीबियों से मिल सकेंगे, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के कहने पर विधानसभा सत्र 14 अगस्त को बुलाया है
राजस्थान के सियासी घमासान का शुक्रवार को 22वां दिन है। इस बीच, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के सभी विधायक जयपुर के फेयरमॉन्ट होटल से एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए हैं। यहां से वे प्लेन से जैसलमेर जाएंगे। सभी विधायक 19 दिन से होटल में ठहरे थे।
जैसलमेर में ये कहां रुकेंगे इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन इतना तय है कि वे यहां विधानसभा सत्र शुरू होने तक रह सकते हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र ने 14 अगस्त से विधानसभा का सत्र बुलाया है। उधर, भाजपा ने गहलोत सरकार पर हमला किया है। राजस्थान भाजपा प्रमुख सतीश पूनिया ने ट्वीट कर कहा कि अगर कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है तो विधायकों को कैद क्यों किया जा रहा है।
सब एक हैं,कोई खतरा नहीं है,लोकतंत्र है,सब ठीक है तो बाड़ा क्यूँ,और बिकाऊ कौन है?उनके नाम सार्वजनिक करो;बाड़े में भी अविश्वास!!जयपुर से जैसलमेर के बाद आगे तो पाकिस्तान है;हकीकत से कब तक दूर भागेंगे जादूगर @ashokgehlot51जी@BJP4Rajasthan @BJP4India #RajasthanPoliticalCrisis
— Satish Poonia (@DrSatishPoonia) July 31, 2020
शिफ्ट किए जाने की वजह हॉस ट्रेडिंग का डर
- सचिन पायलट समेत 19 बागी विधायकों के बागी होने के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने विधायकों को 13 जुलाई को जयपुर के पास फेयरमॉन्ट होटल में शिफ्ट कर दिया था। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और सभी विधायक अपने काम होटल से ही कर रहे हैं।
- सूत्रों की मानें तो खरीद-फरोख्त से बचने के लिए विधायकों को जैसलमेर शिफ्ट किया जा रहा है। जयपुर में विधायकों का अपने परिवार के सदस्यों से मिलना-जुलना जारी है। ऐसे में आशंका है कि इन्हें हॉस ट्रेडिंग का जरिया बनाया जा सकता है।
- उधर, होटल के मालिक भी लगातार ईडी के निशाने पर हैं। पहले भी यहां ईडी की कार्रवाई हो चुकी है। विधायकों ने भी होटल बदलने की मांग की है।
गहलोत ने कहा- अब विधायकों की कीमत अनलिमिटेड हो गई
सीएम गहलोत ने बागियों पर हमला करते हुए कहा- जो लोग गए हैं, पता नहीं उनमें से किस-किस ने पहली किश्त ले ली है। कइयों ने पहली किश्त नहीं ली है, उन्हें वापस आना चाहिए। जिस रात से विधानसभा सत्र की तारीख तय हुई, उसी रात से विधायकों के पास फोन आने लगे हैं, हॉर्स ट्रेडिंग के लिए विधायकों के ‘रेट’ भी बढ़ गए हैं। पहले 10, 15, 25 करोड़ की कीमत थी, अब अनलिमिटेड है। अमित शाह को चाहिए कि सरकार गिराने के इरादे छोड़ें।