राजस्थान विधानसभा स्पीकर ने वापस ली याचिका, सिब्बल ने SC को दी जानकारी, विधायकों की अयोग्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकता है
भाजपा विधायक मदन दिलावर ने बसपा के विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने को हाईकोर्ट में चुनौती दी कांग्रेस राजस्थान को छोड़ देशभर में राजभवनों पर प्रदर्शन करेगी, कहा- राजस्थान में पहले ही घेराव कर चुके, ; राज्यपाल ने विधानसभा का सत्र बुलाने की फाइल संसदीय मामलों के विभाग को लौटाई
राजस्थान के सियासी संग्राम में सोमवार सुबह बड़ा बदलाव हुआ. राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने हाईकोर्ट के जिस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, उसे वापस ले लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका वापस लेने की अपील स्वीकार कर ली है. कांग्रेस की ओर से लड़ाई को अब अदालत की बजाय राजनीतिक रूप से लड़ने पर विचार किया जा रहा है. हालांकि, कांग्रेस शुक्रवार को आए हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दे सकती है.
इस बीच न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि राज्यपाल ने विधानसभा का सत्र बुलाने की फाइलें संसदीय मालमों के विभाग को लौटा दी हैं। राजभवन ने सरकार से कुछ और डिटेल मांगी है।
दूसरी तरफ राजस्थान हाईकोर्ट भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका पर सुनवाई करेगा। दिलावर ने बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ स्पीकर के सामने दायर याचिका पर कार्रवाई नहीं होने को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। दिलावर की याचिका पर हाईकोर्ट के जस्टिस महेन्द्र गोयल सुनवाई करेंगे। इसमें विधानसभा स्पीकर, सचिव सहित बसपा के छह एमएलए को भी पक्षकार बनाया गया है।
दिलावर के वकील आशीष शर्मा ने बताया कि प्रार्थी ने स्पीकर के यहां चार महीने पहले मार्च 2020 में बसपा एमएलए लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर भरतपुर) के कांग्रेस में विलय के खिलाफ स्पीकर को शिकायत की थी।
साथ ही, स्पीकर से आग्रह किया था कि वे इन छह एमएलए को दल-बदल कानून के तहत राजस्थान विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करें। लेकिन, स्पीकर ने शिकायत पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
11.06 AM: राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है. कपिल सिब्बल ने अदालत को ये जानकारी दी, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका वापस लेने की बात को स्वीकार कर लिया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने कहा कि वो शुक्रवार को आए हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दे सकते हैं.
10.57 AM: दिल्ली में कांग्रेस पार्टी राजस्थान के मसले पर विरोध प्रदर्शन कर रही है. यहां दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी को हिरासत में ले लिया गया है.
10.50 AM: सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान स्पीकर की ओर से वकील कपिल सिब्बल हाईकोर्ट के फैसले की जानकारी देंगे. दूसरी पक्ष से हरीश साल्वे अपना पक्ष रखेंगे.
10.38 AM: राजस्थान के मामले में बड़ा ट्विस्ट सामने आ रहा है. विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी सुप्रीम कोर्ट में डाली अपनी याचिका वापस ले सकते हैं. आज ही सुबह 11 बजे इस याचिका पर सुनवाई होनी थी. कांग्रेस की कोशिश अब अदालती नहीं बल्कि राजनीतिक लड़ाई लड़ने की है.
देशभर में राजभवन के सामने होंगे प्रदर्शन
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सोमवार को कांग्रेस की सेव डेमोक्रेसी सेव कॉन्सटीट्यूशन मुहीम के तहत देशभर में राजभवन के सामने प्रदर्शन किया जाएगा। राजस्थान मे ऐसा नहीं किया जाएगा। हमने महामहिम को कैबिनेट का रिवाइज्ड नोट भेज दिया है और उम्मीद करते हैं कि वे जल्द सत्र आहूत करने की स्वीकृति देंगे।
14 दिन पहले नोटिस देने से शुरू हुआ विवाद
- 14 जुलाई : स्पीकर जाेशी ने पायलट सहित 19 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस दिया, 17 जुलाई तक जवाब मांगा।
- 16 जुलाई : नोटिस के खिलाफ पायलट सहित 19 विधायक हाईकोर्ट में गए। मुख्य सचेतक महेश जाेशी ने कैविएट लगा दी।
- 17 जुलाई : हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सुनवाई की और मामला खंडपीठ में भेजा। खंडपीठ ने 18 जुलाई काे सुनवाई तय की।
- 18 जुलाई : खंडपीठ ने अगली सुनवाई 20 जुलाई तय की और स्पीकर से कहा कि वे 21 जुलाई तक नोटिस पर कार्रवाई न करें।
- 20 जुलाई : बहस पूरी नहीं हुई, 21 जुलाई को भी सुनवाई।
- 21 जुलाई : हाईकोर्ट ने फैसला 24 जुलाई के लिए सुरक्षित रख लिया। स्पीकर को भी कोई निर्णय नहीं करने के लिए कहा।
- 22 जुलाई : हाईकोर्ट के दखल पर स्पीकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
- 23 जुलाई : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हाईकोर्ट का फैसला आने दीजिए। यह हमारे फैसले के अधीन रहेगा।
- 24जुलाई : हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी काे सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई से अभी राेक दिया। हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए।
5 सवालों से समझिए…राजस्थान की सियासत की पूरी तस्वीर
1. हाईकोर्ट के फैसले का पायलट खेमे पर क्या असर होगा?
जवाब: हाईकोर्ट ने 19 विधायकों को नोटिस मामले में यथास्थिति को कहा है। मायने यह कि अभी उनकी सदस्यता रद्द नहीं होगी। आदेश का सोमवार को सुप्रीम कोर्ट रिव्यू करेगा।
2. क्या गहलोत सरकार के पास बहुमत है?
जवाब: गहलोत सरकार ने राजभवन ले जाकर विधायकों की परेड करवाई। इसमें 102 का आंकड़ा दिया है। इनमें कांग्रेस के 88, निर्दलीय 10, बीटीपी के 2, सीपीएम और आरएलडी का एक-एक विधायक है। यदि इतने विधायक फ्लोर टेस्ट में सरकार का साथ देते हैं तो सरकार बहुमत हासिल कर लेगी। यदि दो-पांच विधायक भी इधर-उधर हुए तो सरकार खतरे में है।
3. क्या राज्यपाल सोमवार को विशेष सत्र बुलाएंगे?
जवाब: राज्यपाल ने शुक्रवार रात कैबिनेट से कोरोना का हवाला देने और जल्दबाजी में विशेष सत्र बुलाने जैसे 6 सवाल पूछे थे। इससे लगता है कि राज्यपाल सोमवार को या इमरजेंसी में सत्र बुलाने की अनुमति नहीं देंगे। यदि कैबिनेट ने दूसरी बार राजभवन को प्रस्ताव भेजा तो नियमानुसार राज्यपाल मना भी नहीं कर सकते। लेकिन, तुरंत सत्र की गुंजाइश नहीं लग रही है।
4. आखिर सत्र क्यों बुलाना चाहते हैं गहलोत?
जवाब: सत्र बुलाना तो बहाना है। मंशा बिल लाकर व्हिप जारी करना है, जो बागी बिल के खिलाफ वोट देंगे उनकी सदस्यता रद्द होगी। इसीलिए राज्यपाल को जो पत्र दिया, उसमें फ्लोर टेस्ट का उल्लेख नहीं। 19 की विधायकी गई तो बहुमत को 92 विधायक चाहिए जो सरकार के पास हैं।
5. भाजपा की सत्र बुलाने में रुचि क्यों नहीं है?
जवाब: भाजपा नहीं चाहती कि सरकार सत्र बुलाकर पायलट गुट पर एक्शन ले। वह चाहती है कि 19 विधायकों की सदस्यता बची रहे और जरूरत पड़े तो सरकार को हिला सकें।
सियासी संग्राम से पहले विधानसभा में स्थिति
107 कांग्रेस
और अब ये हालात
गहलोत के पक्ष में: 88 कांग्रेस, 10 निर्दलीय, 2 बीटीपी, 1 आरएलडी, 1 माकपा यानी कुल 102
पायलट गुट: 19 बागी कांग्रेस, 3 निर्दलीय। कुल 22
भाजपा प्लस: 72 भाजपा, 3 आरएलपी। कुल 75
माकपा 1 : गिरधारी मईया फिलहाल तटस्थ।