कानपुर शूटआउट:सुप्रीम कोर्ट की हिदायत- विकास दुबे एनकाउंटर जैसी गलती फिर न दोहराए यूपी पुलिस; अब तीन सदस्यीय आयोग जांच करेगा

10 जुलाई की सुबह कानपुर में विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ था एक सदस्य वाले जांच आयोग में 2 सदस्य और जुड़े, इसके अध्यक्ष भी बदले गए

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कानपुर के बिकरु गांव में 2 जुलाई को सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर मामले की बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक हफ्ते में आयोग अपनी जांच शुरू करे और आने वाले दो महीने में इसे पूरा कर लिया जाए। अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को हिदायत दी है कि विकास दुबे एनकाउंटर जैसी गलती भविष्य में न हो।

बीते सोमवार को हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने विकास के एनकाउंटर की जांच के लिए दोबारा आयोग बनाने का निर्देश दिया था। बुधवार को हुई सुनवाई में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जरनल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएस चौहान और उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूर्व डीजी केएल गुप्ता को आयोग में शामिल करने का प्रस्ताव रखा। जिस पर अदालत ने सहमति दे दी।

मामले की जांच कर रहे जस्टिस शशिकांत अग्रवाल भी आयोग में रहेंगे। लेकिन, आयोग की अध्यक्षता बीएस चौहान करेंगे। तुषार मेहता ने कहा कि आयोग जांच करेगा कि 64 क्रिमिनल केस होने के बाद भी विकास जमानत या पैरोल पर बाहर आने में कैसे कामयाब हो गया? कौन उसे संरक्षण दे रहा था? कोर्ट ने कहा कि, ये सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, जिसकी जांच होनी चाहिए।

पुलिस ने हलफनामा दाखिल किया था
पुलिस ने विकास के एनकाउंटर को सही बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था। इसमें कहा था कि विकास के एनकाउंटर की तुलना हैदराबाद के रेप आरोपियों के एनकाउंटर से नहीं की जा सकती। तेलंगाना सरकार ने एनकाउंटर की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन नहीं किया था, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाया है।

याचिकाकर्ता ने न्यायिक आयोग को गैरकानूनी बताया था

याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा था कि न्यायिक आयोग का गठन गैरकानूनी है। सरकार ने इसके लिए विधानसभा की मंजूरी नहीं ली, न ही ऑर्डिनेंस पास किया है। जस्टिस शशिकांत हाईकोर्ट के रिटायर जज नहीं हैं। उन्होंने विवादास्पद हालात में अपने पद से इस्तीफा दिया था। पुलिस ने 16 साल के प्रभात मिश्रा का भी एनकाउंटर कर दिया। पुलिस ने बदला लेने के लिए गैंगवार जैसा रवैया अपनाया।

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