पंजाब में फीस मामला: हाईकोर्ट ने कहा-निजी स्कूल वसूल सकते हैं फीस पर नहीं देने वाले छात्रों के नाम नहीं काट सकते

बेंच ने कहा कि जिन अभिभावकों को फीस भरने में परेशानी है वे सिंगल बेंच के आदेशों के मुताबिक अपनी वित्तीय स्थिति का ब्योरा दे स्कूल में आवेदन दे सकते हैं। स्कूल अगर नहीं मानता है तो वह रेगुलेटरी अथॉरिटी के पास जा सकते हैं।

पंजाब के प्राइवेट स्कूलों द्वारा वसूली जा रही फीस के मामले पर सोमवार को पंजाब हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई है। अभिभावकों को अंतरिम राहत देते हुए कोर्ट ने कहा है कि जब तक रेगुलेटरी अथॉरिटी फैसला नहीं लेती, फीस नहीं देने पर बच्चे का नाम स्कूल से नाम नहीं काटा जाएगा।

बेंच ने कहा कि जिन अभिभावकों को फीस भरने में परेशानी है वे सिंगल बेंच के आदेशों के मुताबिक अपनी वित्तीय स्थिति का ब्योरा दे स्कूल में आवेदन दे सकते हैं। स्कूल अगर नहीं मानता है तो वह रेगुलेटरी अथॉरिटी के पास जा सकते हैं। गौर हो कि सिंगल बेंच ने निजी स्कूलों को बच्चों से ट्यूशन फीस के साथ साथ एडमिशन फीस, एनुअल चार्जेस और अन्य चार्जेस वसूलने की भी अनुमति दे दी थी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले से सरकार और अभिभावक असंतुष्ट थे।

अंतिम वर्ष की परीक्षा लेने के यूजीसी के आदेश को चुनौती

देश के सभी कॉलेजों व यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित करने के यूजीसी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। छात्रों ने याचिका लगा इस आदेश को रद्द करने की मांग की है। उनका कहना है कि अन्य की परीक्षाएं रद्द कर सकते हैं, तो ग्रेजुएशन कोर्स के क्यों नहीं?

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