ट्रांसपोर्ट विभाग:ट्रैफिक पुलिस की तरह ट्रांसपोर्ट अफसर भी चालान और वाहन जब्त कर सकेंगे, ट्रांसपोर्ट विभाग में तैनात अफसरों को ट्रैफिक पुलिस का पावर देगी सरकार

जिला स्तर के अधिकारियों को चालान को लेकर टारगेट दिए जाएंगे। इसके आधार पर इन कर्मचारियों की वर्क परफॉर्मेंस का आकलन होगा। साथ ही अधिकारियों को यह भी कहा गया है कि ओवरलोडेड एवं नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों पर भी शिकंजा कसेंंगे। अधिकारियों को दिए टारगेट का आकलन हर महीने होगा।

 

पंजाब के ट्रांसपोर्ट विभाग को भी अब ट्रैफिक पुलिस की तर्ज पर अपटेड किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर तैनात अधिकारियों को शक्तियां दी जाएगी और साथ में पुलिस विभाग की तरह
टारगेट भी दिए जाएंगे। विभाग के कामकाज को तेज चलाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। हाल ही में हुई विभाग के अधिकारियों की एक मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। जिसके बाद जिला स्तर के अधिकारियों को टारगेट एवं शक्तियां देने का ड्राफ्ट तैयार करना शुरू हो चुका है।

इसमें जिला स्तर पर अधिकारियों को पुलिस के जैसी शक्तियां देने को हरी झंडी मिल चुकी है। विभाग के उच्च अधिकारियों के इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब विभाग के जिला स्तर के अधिकारी अपनी मनमर्जी से काम करने की बजाय विभाग के दिशा निर्देशों द्वारा काम करेंगे और अपने काम को पूरा करने के लिए अधिकारियों को फील्ड में भी उतरना पड़ेगा। वहीं अपनी वर्क परफॉर्मेंस की रिपोर्ट भी अधिकारियों को देनी होगी।
सख्ती: दूसरे राज्यों से आ रहे ओवरलोडेड वाहनों पर शिकंजा

अक्सर सड़कों पर लोगों को ओवर लोडेड वाहन दिखाई देते हैं। पुलिस का मन किया तो इनके चालान काट दिए जाते हैं नहीं तो ऐसे ही सड़कों पर दौड़ते रहते हैं। लेकिन अब ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी जिले लेवल पर अपने जिलों में नाके लगाएंगे। जहां पर ओवर लोडेड वाहनों पर नजर रखी जाएगी। विभाग के अधिकारी जिला स्तर पर नाकों एवं चेकिंग के दौरान ऐसे वाहनों के चालान काटने के साथ इसे इंपाउंड भी करेंगे।
हर रोज 12 हजार ट्रक और बसें आती हैं

रोज दूसरे राज्यों से सूबे में 12 हजार बसें और ट्रक आते हैं। जिसमें ट्रकों में फैक्ट्रियों एवं दूसरी चीजों के सामान के अलावा ट्रांसपोर्ट की बसें आती हैं। कई वाहन इतने ओवर लोड होते हैं कि अकसर सड़कों पर पलट जाते हैं। जिसके बाद विभाग ने यह फैसला किया है कि अब विभाग सूबे में नियमों का पालन सख्ती से करवाएंगा।

टारगेट होंगे फिक्स, परफॉर्मेंस ठीक नहीं हुई तो अफसर का होगा ट्रांसफर

जिला स्तर के अधिकारियों को चालान को लेकर टारगेट दिए जाएंगे। इसके आधार पर इन कर्मचारियों की वर्क परफॉर्मेंस का आकलन होगा। साथ ही अधिकारियों को यह भी कहा गया है कि ओवरलोडेड एवं नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों पर भी शिकंजा कसेंंगे। अधिकारियों को दिए टारगेट का आकलन हर महीने होगा। जिसकी वर्क परफॉर्मेंस ठीक नहीं होगी उस जिला स्तर के अधिकारी या कर्मचारी को बदल दिया जाएगा।

दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर विशेष नजर

दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर विशेष नजर रहेगी। वाहनों के कागजात चेक करने के साथ परमिट को भी चेक किया जाएगा। अगर कोई वाहन जरूरत से ज्यादा ओवरलोडेड है तो उसका मौके पर ही चालान काट कर वाहन को इंपाउंड कर लिया जाएगा। ताकि आगे जाकर वाहन किसी दूसरे वाहन के लिए हादसे का सबब नहीं बने।

जल्द मौके पर जुर्माना भरने की मिलेगी सुविधा
अधिकारी विचार कर रहे हैं कि वाहन चालकों का चालान कटने के बाद उन्हें विभाग के कार्यालय में चक्कर नहीं लगाने पड़े। इसके लिए मौके पर ही चालान भुगतने की सुविधा देने को मशीनें भी मुहैया करवाई जाएं। ताकि चालान के जुर्माने का निपटारा मौके पर ही हो सके। अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है लेकिन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही ऐसी सुविधा भी प्रदान की जाएगी।

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