एम्स डायरेक्टर ने कहा- कोविड वैक्सीन के लिए पहले चरण में 375 स्वस्थ लोगों पर होगा ट्रायल

एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (AIIMS Director Randeep Guleria) ने कहा कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine Trial) के ट्रायल का पहला चरण 18-55 वर्ष की आयु के स्वस्थ लोगों पर किया जाएगा कोई अन्य बीमारी न हो.

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नई दिल्ली. कोविड-19 की वैक्सीन (Covid-19) को लेकर दुनिया भर में शोध चल रहे हैं. भारत में दो वैक्सीन अपने ह्यूमन ट्रायल (Human Trial) के चरण में पहुंच गई हैं. एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (AIIMS Director Randeep Guleria) ने सोमवार को इन्हीं वैक्सीन को लेकर संवाददाता सम्मेलन में महत्वपूर्ण जानकारी दी. एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा यह दिल खुश करने वाला है, क्योंकि भारत में हम रिसर्च और डेवलपमेंट नहीं करते हैं. हम अपना टीका खुद बना रहे हैं. हम बड़े पैमाने पर उत्पादन में बहुत अच्छे हैं. लेकिन रिसर्च और डेवलपमेंट नहीं तो यह अच्छा है. गुलेरिया ने कहा है कि ये वैक्सीन 1 से 2 साल के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने वाली हो सकती है.

एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया (फोटो-Getty Images)

वैक्सीन की डोज़ देने को लेकर एम्स निदेशक ने इशारा किया कि यह प्राथमिकता के साथ देनी होगी. पहले जो बुजुर्ग और पहले से कई बीमारियों से पीड़ित हैं  उन्हें ये दी जाएगी, फिर जिन्हें ज्यादा जान का खतरा है, जैसे स्वास्थ्यकर्मी, उन्हें इसका फायदा मिलेगा. गुलेरिया ने कहा वैक्सीन के ट्रायल का पहला चरण 18-55 वर्ष की आयु के स्वस्थ लोगों पर किया जाएगा कोई अन्य बीमारी न हो. कुल 1125 नमूने एकत्र किए गए हैं, जिनमें से 375 का पहले चरण में अध्ययन किया जाएगा और दूसरे चरण में 12-65 साल के 750 लोगों के बीच ये ट्रायल किया जाएगा.

भारत में मृत्यु दर कम

देश में कोरोना की स्थिति पर एम्स निदेशक ने कहा यदि आप केवल भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया के आंकड़ों को देखें, तो इटली और स्पेन में जो कुछ हुआ है या जो अमेरिका में हो रहा है, उसकी तुलना में मृत्यु दर बहुत कम है. कुछ क्षेत्रों में मामले अपनी पीक पर पहुंचे हैं. ऐसा लगता है कि दिल्ली ने ऐसा हुआ है क्योंकि मामलों में काफी गिरावट आई है. कुछ क्षेत्रों को अभी चरम पर पहुंचना बाकी है. कुछ राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं. वे कुछ समय बाद शिखर पर पहुंचेंगे.

स्थानीय स्तर पर हो सकता है कम्युनिटी ट्रांसमिशन’
देश में कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन को लेकर एम्स निदेशक ने कहा कि इस बात के अधिक प्रमाण नहीं हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर सामुदायिक प्रसारण हो रहा है. लेकिन हॉटस्पॉट्स हैं, यहां तक कि उन शहरों में भी जहां मामलों की अधिकता है और यह बहुत संभावना है कि उन क्षेत्रों में स्थानीय सामुदायिक प्रसारण हो रहा है.

 

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