रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर- आसानी से मिलेगा कन्फर्म टिकट, रेलवे ने बताया इससे जुड़ा नया प्लान
Indian railways 151 प्राइवेट ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है. इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर चलाया जाएगा. अप्रैल 2023 तक प्राइवेट ट्रेन देश में चलने लगेंगी. उनके मुताबिक जल्द ही यात्रियों को कन्फर्म टिकट की व्यवस्था की जा रही है.
इन रूटों पर 130 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें-
- मार्च 2021 तक 10,000 किलोमीटर के रूट पर शामिल ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर 130 किलोमीटर प्रतिघंटा करने की तैयारी है. गोल्डन क्वाडिलेटरल/ डायगोनल्स के 9,893 किलोमीटर रूट को 130 किलोमीटर/घंटे की स्पीड में अपग्रेड किया जाएगा.
- वहीं, अब तक 1,442 रूटों पर चलने वाली ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर 130 किलोमीटर/घंटा कर दी गई है. इस तरह गोल्डन क्वाड्रिलेट्रल/ डायगोनल्स रूट के 15 प्रतिशत ट्रनों की स्पीड को अपग्रेड कर 130 किलोमीटर प्रति घंटा किया जा चुका है.
- हाल ही में साउथ-सेंट्रल रेलवे के तहत आने वाले चेन्नई-मुंबई रूट पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों के दौड़ने का सफल ट्रायल किया था. अभी तक राजधानी और शताब्दी ट्रेनें ही इस स्पीड से दौड़ती थीं. यह ट्रैक रेलवे के गुंटकल डिविजन के अंतर्गत आता है.
- इस रूट पर 80 फीसदी से ज्यादा हिस्से पर ट्रेन की स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा रही. यह रूट गोल्डन क्वाड्रिलेट्रल के अंतर्गत आता है, जो चेन्नई-मुंबई दिल्ली कोलकत्ता-चेन्नई तक है. इस पूरे रूट की लंबाई 9,893 किलोमीटर है. इस पूरे रूट की स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा करने की तैयारी है.
सरकार रेलवे (Indian Railway) की सर्विसेज दुरुस्त करने के लिए और रेलवे स्टेशनों को हवाई अड्डे का शक्ल देने के लिए सरकार की निजीकरण की योजना पर कोविड की वजह से हुए लॉकडाउन का कोई असर नहीं पड़ा है. रेल मंत्रालय की तरफ से बीते दिसंबर में ग्वालियर (Gwalior), नागपुर (Nagpur), अमृतसर (Amritsar) और साबरमती (Sabarmati) रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए बोली मंगायी गई थी. इसे बीते 26 जून को खोला गया था, जिसमें कुल 32 बोलियां मिली थीं. इनमें से 29 बोली को रेलवे ने स्वीकार कर लिया है.
जिनकी बोली स्वीकार की गई है, उनमें इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड, कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड, जीएमआर बिजनेस एंड कंसल्टेंसी एलएलपी और क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं.
रेल मंत्रालय की तरफ से स्टेशनों के निजीकरण के लिए बोली मंगाने वाला संगठन इंडियन रेलवे स्टेशन डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IRSDC) से नवभारत टाइम्स को मिली सूचना के मुताबिक RFQs (रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन) के 32 ऐप्लिकेशन में से 3 निरस्त हो गए. अब कुल 29 बोलियां बचीं हैं. यह बोली लगाने वाली कंपनी अब आगे चरण में हिस्सा लेंगी. रेलवे के मुताबिक नागपुर के लिए 6 बोली, ग्वालियर के लिए 8 बोली, अमृतसर के लिए 6 बोली जबकि साबरमति के लिए 9 बोली योग्य पाई गई हैं.
इन नामचीन कंपनियों ने लिया है हिस्सा: रेलवे स्टेशनों के निजीकरण की इस प्रक्रिया में इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड, कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड, जीएमआर बिजनेस एंड कंसल्टेंसी एलएलपी और क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड के साथ साथ एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड, आईएसक्यू एशिया इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट्स, मॉन्टैक्लो लिमिटेड, जेकेबी इंफ्रास्ट्रक्चर और कल्याण टोल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को योग्य पाया गया है.
हवाई अड्डे की तरह दिखेंगे रेलवे स्टेशन: रेलवे अपने चुनिंदा स्टेशनों को हवाई अड्डे की तरह विकसित करना चाहता है, जिसे रेलोपोलिस नाम दिया गया है. इन स्टेशनों में रियल एस्टेट का हब भी विकसित किया जाएगा. वहां आवासीय फ्लैट तो होंगे ही, वहां मॉल और शैक्षणिक संस्थान भी बनाये जाएंगे.