स्टडी : सर्दी में और तेजी से फैलेगा कोरोना, नवंबर तक हो सकते हैं एक करोड़ मरीज
गौरतलब है कि महामारी के पूरी दुनिया में 1 करोड़ से अधिक मरीज हैं और भारत में संक्रमितों की संख्या 8 लाख के आंकड़े को भी पार कर गया है।
नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच भारत के लिए भयभीत करने वाली स्टडी सामने आई है। कोरोना वायरस से संबंधित स्टडी में कहा गया है कि सर्दी में देश में कोरोना के मामलों में तेजी आ सकती है। इसके अलावा एक नवंबर तक देश में कोरोना के एक करोड़ से ज्यादा केस हो सकते हैं। वहीं, मृतकों का आंकड़ा पांच लाख तक पहुंचने की आशंका है।
आईआईटी भुवनेश्वर और एम्स भुवनेश्वर की संयुक्त स्टडी में कहा गया, सर्दियों की शुरुआत से भारत के में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी जा सकती है।स्टडी के अनुसार, तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के बाद संक्रमण के मामलों में 0.99% की गिरावट आ सकती है। इसके अलावा मामलों के दोगुना होने का समय तकरीबन 1.13 दिन बढ़ सकता है।
स्टडी में पाया गया है कि आर्द्रता में बढ़ोतरी से मामलों की संख्या में वृद्धि होती है, जबकि मामलों के दोगुना होने का समय लगभग 1.18 दिन घट जाता है। इससे मानसून में मामलों की तेजी की आशंका है और यह सर्दियों में भी तेजी से बढ़ सकता है।
दावा- ठंड में तेजी से बढ़ता है कोरोना वायरस
गौरतलब है कि महामारी के पूरी दुनिया में 1 करोड़ से अधिक मरीज हैं और भारत में संक्रमितों की संख्या 8 लाख के आंकड़े को भी पार कर गया है। महामारी का इलाज करने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक किसी ऐसी दवा को बनाने में कामयाबी नहीं मिली है जिससे कोरोना वायरस के रोगी को ठीक किया जा सके। इस बीच राजस्थान के केंद्रीय विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट चंडी मंडल और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के महावीर सिंह पंवार ने अपने दावे से देश की चिंता बढ़ा दी है।
भारतीय वैज्ञानिकों ने सरकार को किया आगाह
चंडी मंडल और महावीर सिंह पंवार ने कोरोना वायरस के अध्ययन में विभिन्न देशों के औसत तापमान और सक्रिय मामलों के बीच तुलना की, उन्होंने अपने शोध में पाया वह चिंताजनक है। शोधकर्ताओं के मुताबिक उच्च अक्षांशों या ठंडे जलवायु वाले 35 देशों में कोरोना के 1000 से अधिक मामले थे। अध्ययन के मुताबिक गर्मी में वयारस से लड़ना अधिक आसान है लेकिन सर्दियों में यह तेजी से फैलता है। चंडी मंडल और महावीर सिंह का कहना है कि तापमान ज्यादा होने से संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिलती है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने कहा, मौसम का कोई प्रभाव नहीं
शोधकर्ताओं ने भारत सरकार को सुझाव दिया है कि वह कोरोना वायरस के खिलाफ नीति बनाते समय इलाके के तापमान का भी ध्यान रखें, अगले कुछ महीनों में सर्दियां आने वाली हैं और ऐसे में महामारी से लड़ना और चुनौतीभरा हो सकता है। बता दें कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय महामारी के प्रसार पर तापमान और आर्द्रता के प्रभाव पर शोध करने वाला पहला संस्थान था। उन्होंने अपने निष्कर्ष में ये कहा था कि वायरस के फैलाव में मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।