कोरोना की महामारी से लड़ाई के बीच गुरुवार को पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये ऐलान किया है कि सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए फीस निर्धारित की है। यह फैसला राज्य में पूर्व पीजीआई डायरेक्टर केके तलवार की अध्यक्षता में बनी कमेटी की सिफारिश पर लिया गया है। अब अगर कोरोना पीड़ित ज्यादा नाजुक हालत में नहीं है तो उनके लिए निजी अस्पताल में 6500, 5500 और 4500 की 3 श्रेणियां बनाई गई हैं।
सरकार ने अपने दिशा-निर्देशों के अनुपालन के लिए अस्पतालों को 3 श्रेणियों में बांटा है। पहली महंगी श्रेणी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और टीचिंग प्रोग्राम वाले वाले वो निजी अस्पताल हैं, जो एनएबीएच से मान्यता प्राप्त हैं। दूसरी श्रेणी में एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों को रखा गया है। इनमें मेडिकल कॉलेज भी शामिल हैं, लेकिन यहां पीजी/डीएनबी कोर्स नहीं है। इसके अलावा तीसरी श्रेणी में एनएबीएच की मान्यता से बाहर आते अस्पताल हैं।
इस तरह से रहेंगे नए रेट
प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और एनएबीएच से मान्यता प्राप्त टीचिंग प्रोग्राम वाले निजी अस्पतालों में प्रतिदिन 10,000 देने होंगे। अस्पताल इससे ज्यादा फीस नहीं ले सकता। एनएबीएच मान्यता प्राप्त पीजी/डीएनबी कोर्स के बिना चल रहे एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पताल और निजी मेडिकल कॉलेज में 9000 प्रतिदिन पर बेड ले सकते हैं। 8000 प्रतिदिन बेड वह अस्पताल ले सकते हैं, जो एनएबीएच मान्यता प्राप्त नहीं है। वहीं अगर इसी में आईसीयू में मरीज भर्ती करना पड़े तो तीनों श्रेणियों में 15, 14 और 13 हजार रुपए की अदायगी ले सकता है। अगर कोरोना मरीज ज्यादा नाजुक हालत में है तो 18000, 16500 और 15 हजार रुपए अस्पताल ले सकता है।
खास बात यह है कि इन रेट्स में सभी पीपीई किट का दाम पहले ही शामिल है। अगर कोरोना पीड़ित ज्यादा नाजुक हालत में नहीं है तो उनके लिए निजी अस्पताल में 6500, 5500 और 4500 की 3 श्रेणियां बनाई गई हैं।