Rajasthan: सचिन पायलट की बर्खास्तगी के बाद इंटेलीजेंस की रिपोर्ट से सूबे में हड़कंप
राजस्थान में उठे सियासी भूचाल के बाद आई इंटेलीजेंस की एक रिपोर्ट (Intelligence Report) से पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है. वजह है गुर्जर बाहुल्य जिलों में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका.
दौसा. राजस्थान में उठे सियासी भूचाल (Political crisis) के बाद आई इंटेलीजेंस की एक रिपोर्ट (Intelligence report) से पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है. वजह है गुर्जर बाहुल्य जिलों में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका. इसके चलते इन जिलों में डीआईजी स्तर के पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है. इन अधिकारियों को प्रदेश के दौसा जिले समेत गुर्जर बाहुल्य करौली और भरतपुर तैनात किया गया है. इन्हें तत्काल इन जिलों कैम्प करने के आदेश जारी किये गए हैं. इन अधिकारियों के साथ एक-एक आरपीएस स्तर का अधिकारी भी तैनात किया गया है.
प्रदेश में छाये सियासी संकट के बाद मंगलवार को सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है. उसके बाद आई इंटेलिजेंस रिपोर्ट में गुर्जर बाहुल्य जिलों में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका जताई गई है. इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस महानिदेशक कार्यालय से मंगलवार को ही इन जिलों में वरिष्ठ अधिकारियों की तैनातगी के आदेश जारी किये गए हैं. इस आदेश में उपमहानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को कानून व्यवस्था के लिए इन जिलों में तैनात किया गया है.
इन अधिकारियों को सौंपी गई है जिम्मेदारी
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (कानून व्यवस्था) सौरभ श्रीवास्तव की ओर से जारी आदेश में उपमहानिरीक्षक पुलिस (एटीएस) अंशुमन भौमिया और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लीव रिजर्व (सीआईडी सीबी) आशाराम को दौसा जिले में तैनात किया गया है. इसी तरह उपमहानिरीक्षक पुलिस (सतर्कता) सत्येंद्र सिंह और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सीआईडी सिविल राइट) हनुमानप्रसाद मीणा को करौली जिले का जिम्मा दिया गया है. इसी आदेश के तहत पुलिस उपमहानिरीक्षक (एसओजी) विकास कुमार और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएचटी) पुलिस मुख्यालय पुष्पेन्द्र सिंह सोलंकी को भरतपुर जिले में भेजा गया है.
आदेश के तहत नियुक्त किये गये पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे तत्काल संबंधित जिलों में जाकर आगामी आदेश तक कैम्प करें. इसके साथ ही संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये गए हैं कि वे इन पुलिस अधिकारियों को हथियारबंद जाब्ता उपलब्ध करायें.