16 मार्च से बंद भारत-अफगानिस्तान ट्रेड कल से होगा बहाल, अटारी-वाघा के रास्ते सालाना 1500 करोड़ का होता है व्यापार

अफगानिस्तान से देश में मुनक्का, अंजीर, अखरोट, बादाम, पिस्ता और काजू भारी मात्रा में होता है आयात

अमृतसर. कोरोना संक्रमण के चलते 16 मार्च से बंद भारत और अफगानिस्तान के बीच ट्रेड करीब 4 महीने बाद 15 जुलाई यानी कल से दोबारा बहाल होने जा रहा है। अफगानिस्तान और पाक में द्विपक्षीय व्यापार बहाली को 15 जुलाई से मंजूरी मिल गई है। हर साल अटारी-वाघा के रास्ते करीब 1500 करोड़ का ट्रेड भारत अफगानिस्तान के बीच होता है। भारत से व्यापार के लिए अफगानिस्तान पाकिस्तान की सड़क का इस्तेमाल करता है।

इसलिए पाकिस्तान से द्विपक्षीय व्यापार समझौते के बिना अफगानिस्तान भारत के साथ ट्रेड नहीं कर सकता। अफगानिस्तान से 16 मार्च को भारत में आखिरी खेप आई थी। हालांकि 27-28 मई को बतौर ट्रायल मुलेठी और मुनक्के की 3 गाड़ियां आईं थीं। बता दें कि पुलवामा हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान से ट्रेड बंद कर दिया था।

ट्रेड में पाक की सड़क इस्तेमाल होती है… सड़क मार्ग से भारत से होने वाले ट्रेड में अफगानिस्तान पाकिस्तान की रोड का इस्तेमाल करता है। इसके लिए उसे टैक्स देता है। कोराना के चलते बंद था। अब खोलने को मंजूरी मिल गई है।

अफगानिस्तान से भारत आयात ज्यादा करता है, निर्यात नाममात्र के बराबर

ट्रेडर एवं फडरेशन ऑफ करियाना एंड ड्राईफ्रूट कामर्शियल एसोसिएशन के प्रधान अनिल मेहरा ने बताया कि अफगानिस्तान से भारत किसमिस (मुनक्का), अंजीर, अखरोट, बादाम, खुमानी, पिस्ता और काजू का आयात करता है। अटारी-वाघा के रास्ते ट्रेड सालाना 1500 करोड़ का होता है।  बता दें कि नवंबर में दिवाली है और इसके साथ ही देश में त्योहारी सीजन शुरू हो जाता है। ऐसे में तोहफों के रूप में अफगानिस्तानी सामान इस्तेमाल होता है। इसके लिए दो से ढाई महीने पहले उक्त सामान का आयात शुरू कर दिया जाता है। फिलहाल उसी सिलसिले में यह रूट खोला जा रहा है।

ट्रेड शुरू होने से भारत के सामने बढ़ेंगी चुनौतियां 
अफगानिस्तान से ट्रेड पाकिस्तान के रास्ते से होती है। ऐसे में संदिग्ध वस्तुओं के आने की संभावना रहती हैं। संदिग्ध वस्तुओं के लिए आईसीपी पर फुल बॉडी ट्रक स्कैनर है लेकिन चालू नहीं है। दो दिन पहले केंद्रीय टीम ने चालू करने की कोशिश की थी लेकिन कामयाबी नहीं मिली। कोरोना महामारी भी है। उधर से आने वाली गाड़ियों, ड्राइवर क्लीनर के सेेनेटाइजेशन तथा थर्मल स्क्रीनिंग का भी वर्कलोड बढ़ेगा।

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