मोहाली। पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। आइएएस अफसर के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और हत्या के मामले में सैनी की अग्रिम जमानत रजनीश गर्ग की अदालत नेे रद कर दी है। इससे पूर्व कोर्ट ने वर्ष 1991 में लापता हुए आइएएस के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी गुमशुदगी मामले में सैनी को अग्रिम जमानत दे दी थी, जिसे आज रद कर दिया गया। सैनी के खिलाफ इसी साल मई में मोहाली के मटौर थाने में केस दर्ज किया गया था।
इसके बाद मामले में सैनी के खिलाफ एक महिला भी सामने आई थी जो खुद को मामले का चश्मदीद बता रही हैंं। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की एडवोकेट गुरशरण कौर मान का कहना है कि उन्होंने 13 दिसंबर, 1991 की सुबह सेक्टर 17 के थाने में स्वयं बलवंत सिंह मुल्तानी को देखा था जब वह पुलिस टॉर्चर के बाद इतनी बुरी हालत में था कि दो कदम भी नहीं चल पा रहा था। ऐसे में उसके फरार होने का सवाल ही नहीं उठता।
गुरशरण ने बताया था कि 1991 में चंडीगढ़ में हुए एक आतंकी हमले की जांच के दौरान पुलिस ने बलवंत मुल्तानी को दिसंबर में उसके घर से हिरासत में लिया था। बलवंत की उनके पति प्रताप सिंह मान से दोस्ती थी तो पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया। सैनी उस समय चंडीगढ़ के एसएसपी थे। सैनी के आदेश पर पुलिस ने दोनों को सेक्टर 11 और सेक्टर 17 के थानों में बुरी तरह टॉर्चर किया था।
मान ने कहा है कि 12 दिसंबर को सेक्टर 17 के थाने में सैनी ने उनके सामने बलवंत सिंह को बुरी तरह से पीटा जिसमें उसकी आंख तक बाहर निकल गई थी। अगले दिन सुबह बलवंत को अचेत अवस्था में देखा गया था। तब उसकी हालत काफी खराब हो चुकी थी। पुलिस ने दोनों को छह दिन की हिरासत में रखने के बाद आतंकी हमले में संलिप्तता के आरोप लगाकर अदालत में सिर्फ उनके पति को पेश किया, बलवंत के बारे में कहा कि वह हिरासत से फरार हो गया है।