सोचा-समझा था सरेंडर, पर मारा गया / गैंगस्टर की गिरफ्तारी से उठते 10 सवाल: विकास ने 4 राज्यों में 1250 किमी का सफर तय किया, लेकिन उसे रोका सिर्फ महाकाल मंदिर के गार्ड ने

कानपुर शूटआउट के बाद विकास दुबे की लोकेशन पहले औरेया, फिर फरीदाबाद में मिली थी

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कानपुर/उज्जैन. यूपी के आठ पुलिसवालों की हत्या के बाद छह दिन से फरार गैंगस्टर विकास दुबे की गुरुवार सुबह उज्जैन से गिरफ्तारी हुई। इसे पुलिस की कार्रवाई कम और विकास दुबे का सोचा-समझा सरेंडर ज्यादा माना जा रहा है।

वजह यह कि जितने आराम से उसकी महाकाल मंदिर से गिरफ्तार हुई, वह कई सवाल खड़े कर रही है। छह दिन तक वह चार राज्यों में घूमता रहा। इनमें से तीन राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है। विकास दुबे ने इस दौरान 1250 किलोमीटर का सफर बाइक, ट्रक, कार और ऑटो से तय किया। यूपी पुलिस के 100 जवान उसकी तलाश में थे, लेकिन वह गिरफ्त से दूर रहा। उसे आखिरकार महाकाल मंदिर के गार्ड ने पहचाना और निहत्थे सिपाहियों ने पकड़ लिया।

1. शूटआउट के बाद दो दिन कानपुर में कैसे रहा?
मामला बीते गुरुवार यानी 2 जुलाई को शुरू हुआ। विकास दुबे को गिरफ्तार करने यूपी पुलिस ने कानपुर के पास बिकरू गांव में दबिश दी। विकास और उसके गुर्गों ने डीएसपी रैंक के सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। शूटआउट के दौरान वह घर के पीछे खड़ी बाइक से भाग निकला। विकास दो दिनों तक कानपुर के शिवली में ही दोस्त के घर ठहरा रहा, लेकिन यूपी एसटीएफ और 40 थानों की पुलिस उसका पता नहीं लगा सकी।

2. कानपुर से 92 किमी दूरी तय कर औरैया कैसे पहुंचा?
शिवली के बाद विकास एक ट्रक में सवार हो गया। वह 92 किलोमीटर की दूरी तय कर औरैया पहुंच गया। सख्त नाकेबंदी के बावजूद यूपी पुलिस उसे ट्रेस नहीं कर पाई।

3. औरैया से 385 किमी की दूरी तय कर फरीदाबाद कैसे पहुंच गया?
औरैया के बाद विकास हरियाणा के फरीदाबाद पहुंचा। माना जा रहा है कि उसने किसी की कार से 385 किलोमीटर की दूरी तय की। सोमवार दोपहर 3:19 बजे उसकी आखिरी लोकेशन फरीदाबाद मिली थी।

4. फरीदाबाद में सीसीटीवी में दिखा, लेकिन गिरफ्त में कैसे नहीं आया?
हरियाणा पुलिस और यूपी एसटीएफ की टीम फरीदाबाद के होटल में पहुंचती, इससे पहले विकास दुबे वहां से निकल गया। सीसीटीवी में बस उसकी एक झलक दिखाई दी, जिसमें वह एक ऑटो में बैठता दिखा। बाद में वह एक रिश्तेदार के घर में भी रहा। यहां भी पुलिस के पहुंचने से पहले वह भाग निकला।

5. फरीदाबाद से 773 किमी दूर उज्जैन किस रास्ते पहुंचा? 
विकास सोमवार को फरीदाबाद में दिखा था। इसके बाद वह कहां रहा, यह नहीं पता। सीधे गुरुवार सुबह उज्जैन में उसकी गिरफ्तारी हुई। 773 किमी लंबा सफर तय करने के दो रास्ते हैं। या तो हरियाणा, यूपी के रास्ते मध्यप्रदेश पहुंचे। या फिर हरियाणा, राजस्थान के रास्ते मध्यप्रदेश तक आएं। एक थ्योरी यह बता रही है कि वह उज्जैन पहुंचने से पहले मध्यप्रदेश के शहडोल में था। यह शक इसलिए गहराता है क्योंकि मंगलवार को यूपी एसटीएफ ने शहडोल से विकास दुबे के साले ज्ञानेंद्र और भतीजे आदर्श को उठाया था।

6. फरीदाबाद से उज्जैन तक किसी राज्य की पुलिस ने उसे नहीं देखा और देखा तो महाकाल मंदिर के गार्ड ने
सवाल यह भी है कि क्या विकास के पास कोई गाड़ी थी, जिसके जरिए वह इतने राज्यों की सीमा पार करते हुए मध्यप्रदेश में दाखिल हुआ? फरीदाबाद में फुटेज नजर आने के बाद पुलिस चौकस थी। फिर भी वह 17-18 घंटे का रास्ता तय कर उज्जैन तक कैसे पहुुंच गया? हरियाणा, यूपी, एमपी की पुलिस उसका पता नहीं लगा पाई। उसकी पहचान सीधे महाकाल मंदिर के गार्ड ने की।

7. क्या ये सोचा-समझा सरेंडर नहीं है?
ये गिरफ्तारी नहीं, सोचा-समझा सरेंडर है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि 8 पुलिसवालों की हत्या का आरोपी गैंगस्टर आराम से वीआईपी दर्शन की पर्ची कटवाकर महाकाल मंदिर में दाखिल होता है। पुलिस उसके बाहर निकलने का इंतजार करती है और गेट पर उसे गिरफ्तार कर लेती है। गिरफ्तारी भी लोकल थाने की पुलिस करती है। किसी एसटीएफ, कमांडो या एटीएस की जरूरत नहीं पड़ती।

8. क्या दो वकीलों ने विकास को लखनऊ से उज्जैन छोड़ा?
विकास दुबे के सरेंडर करने के बाद उज्जैन पुलिस ने दो वकीलों को हिरासत में लिया है। उनसे पुलिस पूछताछ कर रही है। दोनों वकील अपनी गाड़ी से उज्जैन आए थे। फिर लखनऊ लौटने वाले थे।

9. क्या इसमें खादी और खाकी की मिलीभगत है?
यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह भी यही सवाल उठा रहे हैं कि विकास उज्जैन तक कैसे पहुंचा? वे कहते हैं कि अब विकास से पूछताछ की जाए तो बड़े-बड़े लोगों के नाम सामने आएंगे। इसमें आईएएस, आईपीएस, नेताओं के नाम सामने आ सकते हैं। विकास का उज्जैन में पकड़ा जाना समझ से बाहर है।

10. कांग्रेस सीधे-सीधे आरोप क्यों लगा रही है?
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह खुलकर कह रहे हैं- ‘यह तो उत्तरप्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए प्रायोजित सरेंडर लग रहा है। मेरी सूचना है कि मध्यप्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के सौजन्य से यह संभव हुआ है। शिवराज बिना किसी कारण के श्रेय ले रहे हैं। श्रेय तो गृह मंत्री जी को देना चाहिए। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में नरोत्तम मिश्रा (मौजूदा गृह मंत्री) भाजपा के कानपुर जिले के प्रभारी थे।’

विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान सबसे पहले आया था। उन्होंने कहा, ‘हमने पूरी मध्यप्रदेश की पुलिस को अलर्ट पर रखा था। निगाह रखी जा रही थी। इंटेलिजेंस की बातें सीधी नहीं बताई जातीं। हम इसकी मर्म तक जाएंगे।’ गिरफ्तारी मंदिर से बाहर हुई या अंदर, इस सवाल पर उन्होंने कहा- बाहर हो, अंदर हो, मंदिर को बीच में न लाएं।

विकास दुबे के एनकाउंटर का वकील को पहले से था शक, सुप्रीम कोर्ट में डाली थी याचिका

नई दिल्ली. कानपुर एनकाउंटर (Kanpur Encounter) में मारे गए कुख्यात अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) के मामले में शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में यूपी पुलिस की भूमिका की जांच करने की मांग के साथ ही विकास दुबे का एनकाउंटर किए जाने की आशंका जाहिर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका वकील घनश्याम उपाध्याय ने दायर की थी. याचिकाकर्ता वकील ने इस संंबंध में आज ही मामले की सुनवाई करने के लिए कहा था लेकिन उससे पहले ही विका दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया गया.

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में वकील ने अपनी बात रखते हुए कहा था कि मीडिया रिपोर्ट से ऐसा लग रहा है कि विकास दुबे ने खुद महाकाल मंदिर के गार्ड को इस बात की जानकारी दी थी कि वह कानपुर का विकास दुबे है, जिसे पुलिस ढूंढ रही है. याचिका में बताया गया है कि विकास दुबे को पकड़ा नहीं गया है जबकि उसने एनकाउंटर से बचने के लिए खुद गिरफ्तारी दी है. यही नहीं याचिका में आशंका जताई गई थी कि यूपी पुलिस विकास का एनकाउंटर कर सकती है.

याचिका में इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की भी मांग की गई है. याचिका दाखिल करने वाले वकील ने कहा कि जिस तरह से यूपी पुलिस विकास दुबे के घर, शॉपिंग मॉल व गाड़ियों को तोड़ रही है उसको देखते हुए यूपी पुलिस पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. याचिकाकर्ता ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच के लिए एक समय सीमा तय की जाए, जिससे ये तय हो कि विकास दुबे का एनकाउंटर न किया जा सके और उसकी जान बचाई जा सके.

पुलिस अधिकारी जानकारी देने से बच रहे

पुलिस अधिकारी मीडिया के सामने कुछ भी साफ कहने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि प्रेसवार्ता के माध्यम से इसकी जानकारी दी जाएगी।

भागने की कोशिश में मारा गया विकास दुबे
गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह जब यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को उज्‍जैन से ला रही थी तभी उनके काफिले की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई है. सूत्रों की मानें तो इसके बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की और मुठभेड़ में मारा गया. जानकारी के मुताबिक, विकास दुबे के शव को मुठभेड़ के बाद हैलट अस्‍पताल में रखा गया है. एसएसपी और अस्‍पताल के डॉक्‍टरों ने विकास दुबे के मारे जाने की पुष्टि की है. कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने भी गैंगस्‍टर विकास दुबे के मारे जाने की पुष्टि कर दी है.

 

Vikas Dubey Encounter Video: महज 10 मिनट की मुठभेड़ में ढेर हो गया विकास दुबे, देखें Video
कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर में दुर्दांत अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) को यूपी एसटीएफ (UP STF) ने मार गिराया है. दरअसल, उज्जैन से गिरफ्तार विकास दुबे को यूपी एसटीएफ 3 गाड़ियों से करीब 700 किलोमीटर दूर कानपुर ला रही थी. यहां कानपुर देहात में अचानक एसटीएफ की वो गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है, जिसमें विकास दुबे सवार होता है. इसके बाद शुरू होता है एनकाउंटर, जो 10 मिनट बाद ही विकास दुबे की मौत और 4 सिपाहियों के घायल होने के रूप में समाप्त हो जाता है. एसएसपी और अस्‍पताल के डॉक्‍टरों ने विकास दुबे के मारे जाने की पुष्टि की है. कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने भी गैंगस्‍टर विकास दुबे के मारे जाने की पुष्टि कर दी है.

कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि एसटीएफ की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई थी. इस दौरान आरोपी विकास दुबे ने कार में सवार पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की. इसी बीच एसटीएफ की दूसरी गाड़ियां पहुंच गईं और पुलिस की जवाबी फायरिंग में विकास दुबे को गोली लगी. उधर, पता चला है कि 4 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, इनमें एक इंस्पेक्टर, एक एएसआई और दो सिपाही शामिल हैं.

  • यूपी एसटीएफ विकास दुबे को उज्‍जैन से लेकर चली थी.
  • सुबह करीब 7.15 बजे कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में एसटीएफ की कार पलटी.
  • जब तक एसटीएफ काफिले में शामिल बाकी दो गाड़ियां रुकतीं, तब तक दुर्घटनाग्रस्त कार से विकास दुबे निकला और पिस्टल लेकर फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश करने लगा.
  • एसटीएफ के जवानों ने मुस्तैदी दिखाते हुए मोर्चा संभाला. पुलिसकर्मी उसके पीछे भागे.दोनों तरफ से फायरिंग हुई.
  • विकास दुबे को गोली लगी, कई पुलिसकर्मी भी घायल.
  • सुबह 7.25 पर एनकाउंटर खत्म हुआ
  • विकास और पुलिसकर्मियों को अस्पताल ले जाया गया.
  • डॉक्टरों ने विकास दुबे को मृत घोषित किया.
  • आईजी और एसएसपी ने भी गैंगस्‍टर के मारे जाने की पुष्टि कर दी.

8 पुलिसवालों को मारने वाले गैंगस्टर का शव 8वें दिन काली पॉलिथीन में पैक; लोगों ने पुलिस और प्रशासन जिंदाबाद के नारे लगाए

कानपुर. कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत 8 पुलिस वालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह एनकाउंटर में मारा गया। यूपी एसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से कानपुर ले जा रही थी, लेकिन शहर से 17 किमी पहले बर्रा थाना क्षेत्र में सुबह 6:30 बजे काफिले की एक कार पलट गई। विकास उसी गाड़ी में बैठा था। आईजी मोहित अग्रवाल ने सिर्फ यह कहा कि प्रेस कॉफ्रेंस करेंगे। उसमें पूरी डिटेल देंगे।

अपडेट…

  • बिकरू गांव से विकास के परिचितों के यहां से देसी बम बरामद किए गए।
  • भौती गांव में लोगों ने एनकाउंटर को लेकर पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाए।
विकास के शव को बाकायदा पर्ची लगाकर पैक कर दिया गया है।

विकास ने गाड़ी गिरने के बाद पुलिस से पिस्टल छीनकर हमला करने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में वह बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे सीने और कमर में दो गोली लगीं। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर मृत घोषित कर दिया। कानपुर रेंज के आईजी ने विकास के मारे जाने की पुष्टि की। विकास को गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था। विकास के शव से कोरोना की जांच के लिए सैंपल भी लिए गए हैं।

विकास दुबे ने पुलिसकर्मी से इसी पिस्टल को छीना था।

तेज बारिश की वजह से गाड़ी पलटी, 4 जवान भी जख्मी 
हादसे को लेकर यूपी एसटीएफ के अफसर अभी कुछ बोलने से बच रहे हैं। माना जा रहा है कि तेज बारिश की वजह से गाड़ी पलट गई। एनकाउंटर में एसटीफ के 4 जवान घायल हुए हैं।

गिरफ्तारी के 21 घंटे के बाद  मारा गया विकास 
गुरुवार, 9 जुलाई:
सुबह 9 बजे: विकास उज्जैन में गिरफ्तार।
शाम 7 बजे: यूपी एसटीएफ की टीम को विकास सौंपा गया।
रात 8 बजे: एसटीएफ की टीम कानपुर के लिए रवाना।
शुक्रवार, 10 जुलाई: 
देर रात 3:15 बजे: एसटीएफ की टीम झांसी पहुंची। कुछ देर बाद कानपुर के लिए रवाना हुई।
सुबह 6:15 बजे: काफिले ने कानपुर देहात बॉर्डर रायपुर से शहर में एंट्री की।
सुबह 6:30 बजे: एसटीएफ की गाड़ी पलटी। तभी विकास दुबे ने भागने की कोशिश की। फायरिंग शुरू हुई। विकास जख्मी हो गया।
सुबह 7:10 बजे: एसटीएफ विकास को हैलट अस्पताल लेकर पहुंची।
सुबह 7.55 बजे: विकास को मृत घोषित कर दिया गया।

एसटीएफ के काफिले की गाड़ी कानपुर के नजदीक पलट गई।

 

नेताओं ने सवाल भी उठाए

वहीं, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कल जब उज्जैन में विकास गिरफ्तार हुआ था, तो भी कुछ लोग सवाल उठा रहे थे। एनकाउंटर के बाद भी लोग सवाल उठा रहे हैं। मध्य प्रदेश पुलिस विकास को उत्तर प्रदेश की सीमा तक सुरक्षित छोड़कर आई थी। कांग्रेस ने हमेशा जवानों की जांबाजी और मुस्तैदी पर ही सवाल उठाए हैं।

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज किया

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि जब विकास दुबे को जिंदा पकड़ा गया तो बोले जिंदा क्यों पकड़ लिया और मार दिया गया तो बोल रहे हैं क्यों मार दिया गया।

उज्जैन में गिरफ्तारी के वक्त चिल्लाया था- विकास दुबे हूं, कानपुर वाला

  1. विकास दुबे को गुरुवार सुबह उज्जैन मंदिर में करीब 9 बजे गिरफ्तार किया गया था। डरा हुआ हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तारी के वक्त चिल्ला रहा था कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला। इसके बाद पुलिस उसे पहले महाकाल थाना, पुलिस कंट्रोल रूम, नरवर थाना और फिर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर लेकर गई। यहां उससे करीब दो घंटे तक पूछताछ की गई। इस बीच, खबर आ रही है कि विकास की पत्नी ऋचा, उसके बेटे और नौकर को लखनऊ में हिरासत में लिया गया था।

8 दिन में विकास दुबे समेत उसकी गैंग के 6 बदमाशों का एनकाउंटर

  • इससे पहले बुधवार देर रात विकास दुबे के एक और करीबी प्रभात मिश्रा मारा गया था। प्रभात को पुलिस ने बुधवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ले जा रही थी। रास्ते में प्रभात ने भागने की कोशिश की, उसने पुलिस की पिस्टल छीनकर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में प्रभात मारा गया।
  • पुलिस ने बुधवार को ही विकास के करीबी अमर दुबे का भी एनकाउंटर कर दिया था। अमर हमीरपुर में छिपा था। अब तक विकास गैंग के 5 लोग एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।

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