क्या विकास दुबे के साथ दफन कर दी गईं UP के कई सफेदपोशों की काली कहानियां?
विकास गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर गिरफ्तार हुआ था. जिसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास को यूपी एसटीएफ को सौंप दिया. माना जा रहा था कि विकास दुबे के पकड़े जाने से कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है.
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एसटीएफ के काफिले की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त
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विकास दुबे भागने की कर रहा था कोशिश
कानपुर. गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया है. उज्जैन से कानपुर लाते वक्त विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ है. उसे स्ट्रेचर पर लाला लाजपत राय हॉस्पिटल में लाया गया है. सूत्रों ने दावा किया है इस एनकाउंटर में गंभीर रूप से घायल हुए विकास दुबे की मौत हो गई है. दरअसल विकास दुबे को कानपुर ला रही एसटीएफ के काफिले की गाड़ी आज सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसा कानपुर टोल प्लाजा से 25 किलोमीटर दूर हुआ. बताया जा रहा है कि जब गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई, उस समय विकास दुबे हथियार छीनकर भाग निकला.
विकास गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर गिरफ्तार हुआ था. जिसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास को यूपी एसटीएफ को सौंप दिया. माना जा रहा था कि विकास दुबे के पकड़े जाने से कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है. क्योंकि विकास के संबंध राजनेताओं और पुलिस के लोगों से भी था. लेकिन मुठभेड़ में उसके मारे जाने से अब कैसे होंगे ये खुलासे. कानपुर कांड से लेकर उसके सियासी लिंक और पुलिस से नेक्सस पर भी खुलासे हो सकते थे. लेकिन अब ये मुश्किल होगा.
हालांकि यूपी एसटीएफ के अफसर हादसे को लेकर अभी कुछ बोलने से बच रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि तेज बारिश और गाड़ी की रफ्तार तेज होने की वजह से गाड़ी पलट गई है. मीडिया की नजर से विकास दुबे को बचाने के लिए गाड़ी की रफ्तार काफी तेज थी. फिलहाल क्राइम स्पॉट पर किसी को जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है.
विकास दुबे 25 साल से प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ रहा था. 15 साल बसपा के, 5 साल बीजेपी के साथ और 5 साल सपा के साथ रहा था. पंचायत चुनाव के दौरान उसे बसपा से समर्थन मिला, जबकि उसकी पत्नी को सपा का समर्थन मिला था.
बसपा सरकार के दौरान ही विकास दुबे ने बिल्हौर, शिवराजपुर, रनियां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में अपना रसूख कायम किया था. इस दौरान शातिर अपराधी विकास दुबे ने कई जमीनों पर अवैध कब्जे भी किए. जेल में बंद रहते हुए हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने शिवराजपुर से नगर पंचयात चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी.
विकास दुबे के राजनीतिक गुरु
मोस्टवांटेड विकास दुबे का 2006 का वीडियो सामने आया है. वीडियो में विकास दुबे कहता है कि उसे सियासत में लाने का श्रेय पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरिकिशन श्रीवास्तव का है और वही मेरे राजनीतिक गुरु हैं. विकास दुबे वीडियो में कहता है, ‘मैं अपराधी नहीं हूं, मेरी जंग राजनीतिक वर्चस्व की जंग है और ये मरते दम तक जारी रहेगी.’
हरिकिशन श्रीवास्तव कानपुर के चौबेपुर विधानसभा सीट से 4 बार विधायक रह चुके हैं. वह बसपा सरकार में विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं. हालांकि, वे पहली बार विधायक जनता पार्टी से बने और बाद में जनता दल और फिर बसपा का दामन थामा. हरिकिशन श्रीवास्तव दिग्गज नेता माने जाते थे और विकास दुबे उनके करीबी समर्थकों में से एक था.
1996 में कानपुर की चौबेपुर विधानसभा सीट से हरिकिशन श्रीवास्तव बसपा से चुनाव लड़े. उनके खिलाफ बीजेपी से तत्कालीन जिला अध्यक्ष संतोष शुक्ला खड़े हुए थे. इस चुनाव में हरिकिशन ने जीत दर्ज की. हालांकि राजनाथ सिंह साल 2000 में जब यूपी के सीएम बने तो उन्होंने संतोष शुक्ला को दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनाया, लेकिन सियासी रंजिश में 11 नवंबर 2001 को कानपुर के थाना शिवली के अंदर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई. संतोष शुक्ला की हत्या में विकास दुबे का नाम आया था, लेकिन वो कोर्ट से बरी हो गया.
विकास दुबे का बीजेपी कनेक्शन
गैंगस्टर विकास दुबे का साल 2017 का वीडियो भी सामने आया है. इस वीडियो में 2017 में हुई एक हत्या के संबंध में एसटीएफ द्वारा उससे पूछताछ की जा रही रही है. इसमें विकास दुबे ने बताया कि कैसे एक हत्या में उसका नाम कथित रूप से डाला गया था, जिसे निकलवाने में कुछ नेता उसकी मदद कर रहे थे. इस वीडियो में विकास दुबे ने बिल्हौर से बीजेपी विधायक भगवती प्रसाद सागर और बिठूर से बीजेपी विधायक अभिजीत सांगा के नाम का जिक्र किया. इसके अलावा विकास ने ब्लॉक प्रमुख राजेश कमल, जिला पंचायत अध्यक्ष गुड्डन कटियार के नाम भी लिए थे. विकास ने कहा कि इन नेताओं से उसके राजनीतिक संबंध हैं.
हालांकि, बीजेपी के दोनों विधायकों ने विकास दुबे के साथ अपने संबंध होने से इनकार किया है. अभिजीत सांगा पहले कांग्रेस में थे और फिलहाल बीजेपी से विधायक हैं. वहीं, भगवती प्रसाद सागर बीएसपी से बीजेपी में आए हैं. बिल्हौर विधानसभा से विधायक भगवती प्रसाद सागर 2017 में ही बीजेपी में शामिल हुए थे. वहीं अभिजीत सांगा भी 2017 में ही बीजेपी में आए और बिठुर से विधायक बने हैं.