पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में एसआईटी ने डेरा प्रमुख को नामजद किया

मामला 1 जून 2015 को फरीदकोट के जवाहर सिंह वाला गांव से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप चोरी हो जाने से संबंधित है पहले भी हो चुकी राम रहीम के अलावा, पंजाब के पूर्व सीएम, पूर्व डिप्टी सीएम और फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार से पूछताछ

फरीदकोट. गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों की जांच कर रही पंजाब पुलिस की विशेष टीम ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख को नामजद किया है। मामला लगभग 4 साल पहले फरीदकोट जिले के गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला, बरगाड़ी और आसपास हुई बेअदबियों से जुड़ा है।

इस मामले में हाल ही में 3 दिन पहले एसआईटी ने गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप चुराने और बेअदबी के मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है, वहीं कई महीनों पहले गुरमीत राम रहीम सिंह, पंजाब पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल और फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार से भी पूछताछ की जा चुकी है। अब नए सिरे से जांच कर रही एसआईटी ने रोहतक जेल में दुष्कर्म व हत्या के मामलों में सजा काट रहे राम रहीम को भी इस मामले में नामजद किया है।

मामला 1 जून 2015 को फरीदकोट के जवाहर सिंह वाला गांव से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप चोरी हो जाने से संबंधित है। इस मामले को लेकर राज्य में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई थी। बाद में इसी मामले के विरोध में बहबल कलां और कोटकपूरा में धरने पर बैठे लोगों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने फायरिंग की तो इसमें दो लोगों की जान चली गई थी।

इस मामले में पहले से ही शक की सुई डेरे की तरफ घूमती रही है और 2018 में ही खटड़ा के नेतृत्व वाली स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम 20 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से एक डेरा प्रेमी महेंद्र पाल बिट्टू की 2019 में नाभा जेल में हत्या कर दी थी। अब तीन पहले ही बाजाखाना पुलिस स्टेशन में दर्ज चोरी और बेअदबी के संबंध में दर्ज इस मामले के आधार पर एसआईटी ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया था। फरीदकोट जिले के रहने वाले सुखजिंदर सिंह, बलजीत सिंह, नरिंदर शर्मा, नीला, भोला, रणजीत और निशान सिंह सभी डेरा प्रेमी हैं।

दूसरी तरफ इस मसले को लेकर राजनीति भी हावी होती रही है। पहले इस मामले को तत्कालीन अकाली सरकार ने सीबीआई को सौंपा था, लेकिन बाद में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने सीबीआई से वापस लेकर खटड़ा की टीम को सौंप दिया था। एक तरफ जहां सीबीआई ने आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी, वहीं अब इस पर सवाल उठाने वाली एसआईटी की जांच को बहुत अहम माना जा रहा है।

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