पटना. अनीसाबाद गोलंबर के पास स्थित पंजाब नेशनल बैंक में 52 लाख की डकैती की घटना से पुलिस ने पर्दा उठाया है। पुलिस का दावा है कि वारदात का मास्टरमाइंड अमन शुक्ला पटना के कई कोचिंग संस्थानों में अंग्रेजी की क्लास लेता था। इसकी गैंग में दूसरे नंबर पर एक और टीचर हरिनारायण था। इन दोनों ने गैंग में ऐसे लोगों को रखा, जिनका कोई पुलिस रिकॉर्ड न हो। पुलिस ने इन दोनों गैंग लीडर समेत 5 को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से पुलिस ने 33.13 लाख कैश बरामद किए हैं। साथ ही 6 लाख की ज्वेलरी, एक लाख की शराब, 5 पिस्टल, 16 राउंड जिंदा कारतूस और घटना में इस्तेमाल तीनों बाइक बरामद की हैं।
गिरफ्तार आरोपियों में गैंग सरगना अमन शुक्ला, हरिनारायण, कंपाउंडर प्रफुल्ल आनंदपुरी, सेंटरिंग मिस्त्री सोनेलाल और गणेश बुद्धा हैं। एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया कि 27 जून को हम नतीजे पर पहुंची कि घटना में अमन शामिल है।
मुजफ्फरपुर कांड में भी अमन का हाथ होने की आशंका
लूट की रकम में 25 लाख रुपए अमन रखे थे। 23 लाख उसके यहां से बरामद हुए। दो लाख उसने खर्च कर दिए। उसे नए फ्लैट में शिफ्ट करना था। प्रफुल्ल के हिस्से दो लाख आया, जिसमें से एक लाख की उसने शराब खरीद ली। 50 हजार उसके पास से बरामद हुए। गणेश ने एक लाख खर्च कर दिए और उसके पास से एक लाख बरामद हुए। सोनेलाल को चार लाख मिले, जिसमें उसने एक लाख अपनी बहन को कर्ज दिया था। सोनेलाल ने बाकी पैसा सीढ़ी के नीचे छिपाकर रखा था।
हरिनारायण के पास से तीन लाख मिले। बाकी के 10 लाख तीन अन्य आरोपियों के पास हैं, जो फरार हैं। पुलिस को अब शक है कि यह गिरोह मुजफ्फरपुर और वैशाली में पिछले दो-तीन सालों में हुए लूटकांड में शामिल हो सकता है। इन जिलों के कई कांडों का खुलासा नहीं हुआ है। यह आशंका इसलिए भी है क्योंकि अमन दो साल पहले मुजफ्फरपुर के एक बड़े कोचिंग संस्थान में एचओडी था।
अमन न तो मोबाइल का इस्तेमाल करता था, सोशल मीडिया पर कोई प्रोफाइल नहीं
बैंक डकैती में कहीं फोन का इस्तेमाल नहीं किया गया। घटना के दिन सुबह नौ बजे गांधी मैदान के पास मिले। यहां से सभी बोरिंग रोड स्थित प्रफुल्ल के क्लीनिक पर गए। वहां से अनीसाबाद स्थित माणिकचंद तालाब आ गए, जहां सभी को हथियार दिए गए। डकैती के बाद सभी तीन दिशाओं में चले गए। एसएसपी ने कहा कि 60 से ज्यादा कैमरे खंगाले।
5-6 जगहों पर पुलिस को 2 बाइकें दिखी। यहीं से पुलिस को शक हुआ। पुलिस ने दोनों का पीछा किया, तब वह अमन तक पहुंची। पुलिस से बचने के लिए ही अमन ने किसी भी सोशल मीडिया पर अपना प्रोफाइल नहीं बनाया।