चीन पर सख्त अमेरिका / व्हाइट हाउस ने कहा- भारत और दूसरे देशों के खिलाफ आक्रामक रुख दिखाकर चीन ने अपने असली चेहरे का सबूत दिया

व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैली मैकनेनी ने भारत और चीन के बीच जारी तनाव पर टिप्पणी की ‘हम इस वक्त भारत और चीन के बीच तनाव पर पैनी नजर रख रहे हैं, दोनों से यह उम्मीद करते हैं कि वे इस मसले को शांतिपूर्ण तरीके से हल करें’

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वॉशिंगटन. अमेरिका ने एक बार फिर चीन पर पड़ोसियों को धमकाने का आरोप लगाया है। बुधवार शाम व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैली मैकनेनी ने कहा- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मानते हैं कि चीन न सिर्फ भारत, बल्कि दूसरे देशों के खिलाफ भी आक्रामक रवैया अख्तियार कर रहा है। यह वहां की कम्युनिस्ट पार्टी और सरकार के असली चेहरे का सबूत है।

कुछ दिन पहले विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि अमेरिका यूरोप से सैनिक कम करके उन्हें एशिया में तैनात करेगा ताकि चीन का मुकाबला किया जा सके। चीन ने अब तक इस बयान पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।

शांति से हल करें मसला
भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों ने यहां सैन्य तैनाती बढ़ाई है। व्हाइट हाउस ने कहा- अमेरिका इस वक्त भारत और चीन के बीच तनाव पर पैनी नजर रख रहा है। हम दोनों से यह उम्मीद करते हैं कि वे इस मसले को शांतिपूर्ण तरीके से हल करें। सात हफ्ते से जारी तनाव को आप हल्के में नहीं ले सकते।

हर हिस्से में चीन की यही हरकत
मैकनेनी ने कहा, “बात सिर्फ भारत या एशिया की नहीं है। दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी आप चीन का यही रवैया देख सकते हैं। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए अमेरिका मानता है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और सरकार यही असली चेहरा है।” इसके पहले संसद में चर्चा के दौरान कई सांसदों ने भारत के खिलाफ चीन के रवैये पर चिंता जाहिर की।

कोविड-19 का फायदा उठा रहा है चीन
अमेरिकी कांग्रेस की इंटेलिजेंस कमेटी के चेयरमैन एडम शिफ ने कहा- चीन ने पिछले महीने भारतीय सैनिकों के साथ हिंसा की। भारतीय सैनिक शहीद हुए। चीन को काफी नुकसान हुआ लेकिन, उसने ये दुनिया से छिपा लिया। कोविड-19 के दौर में परेशान देशों का चीन फायदा उठा रहा है।

ऐप्स पर बैन बिल्कुल सही
व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ने भारत द्वारा चीन के 59 ऐप्स पर बैन का स्वागत किया। कहा- विदेश मंत्री पोम्पियो पहले ही इस बारे में पक्ष रख चुके हैं। अमेरिकी प्रशासन भारत के इस कदम का स्वागत करता है। इन ऐप्स के जरिए जासूसी की जा रही थी। भारत ने यह कदम अपनी हिफाजत के लिए उठाया है और यह उसका हक है।

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