नई दिल्ली. महाराष्ट्र सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है. महाराष्ट्र सरकार ने लोगों को बिजली का बिल किस्तों में जमा करने की सुविधा दी है. महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटर कमीशन (MERC) ने पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को ग्राहकों को बिजली बिल का भुगतान तीन किस्तों में विकल्प देने का निर्देश दिया है. मार्च से मई की अवधि के लिए जहां भी बिल औसत से दोगुना से अधिक है, उनको किस्तों में भुगतान कर सकेंगे. बता दें कि कोरोना वायरस (Coronaviurs) के चलते मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया. इस दौरान सब कुछ बंद था. किसी भी प्रकार की आवाजही पर रोक लगी हुई थी. इस बीच देश जब लॉकडाउन से अनलॉक ओर बढ़ा तो देश क राजधानी मुंबई में बिजली कंपनियों ने लोगों जोरदार झटका दिया. तीन महीने से बिजली का बिल नहीं भेजने वाली कंपनियों ने जून महीने में ज्यादा बिल भेज दिए. यहां तक कि जिन लोगों ने लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन बिजली का बिल जमा किया था. उन्हें भी बिजली कंपनियों ने 3 महीने का बिल थमा दिया.
मुंबई में ये कंपनियां बिजली कराती हैं मुहैया
मुंबई में चार कंपनियां बिजली मुहैया कराती है. जिनमें MSEDCL, BEST, अडानी इलेक्टिसिटी मुंबई लिमिटेड (AEML), और Tata Power Company (TPC) कंपनी शामिल है. बिलजी के बढ़े बिल से मचे कोहराम को देखते हुए बिजली के बढ़े हुए बिल को लेकर महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशऩ (Maharashtra Electricity Regulatory Commission) ने मुंबई में बिजली देने वाली कंपनियों के साथ बैठक की. इस बैठक में बिजली वितरण कंपनियों ने MERC को बताया कि मार्च के पहले के तीन महीनों के औसत के आधार पर मार्च अप्रैल और मई में बिल भेजा गया था. क्योंकि सर्दियों में खपत (consumption) कम होती है. इसलिए इन तीन महीनों का बिल कम आया था. जबकि अप्रैल-मई और जून में गर्मी बढ़ने से खपत बढ़ जाती है.
3 किस्तों में मिलेगा भुगतान करने का मौका
MERC ने अपने निर्देश में ये भी कहा है कि सब-डिवीजन (sub-division) और डिवीजन (division) लेवल पर एक हेल्प डेस्क बनाया जाए और उस पर आई शिकायतों का निपटारा किया जाए. साथ ही एक ग्राहकों को एक ऑनलाइन सॉफ्टवेयर मुहैया कराने के लिए कहा गया है, जिसमें वो अपना बिजली का बिल चेक कर सकें. किसी भी प्रकार की शंका हने पर ग्राहक अपने बिजली बिल की पिछले साल की खपत से और बिजली दर की तुलना कर पाएं. इसमें ए भी व्यवस्था करने को कहा गया है कि ग्राहक द्वारा बिल की ज्यादा शिकायत होने पर दोबारा मीटर रीडिंग का इंतजाम किया जाए. (सोर्स- हिन्दी मनीकंट्रोल)