पटना. बिहार सरकार ने रविवार को ऐलान किया कि पटना में बनाए जाने वाले पुल का टेंडर कैंसिल कर दिया गया है। राज्य के सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने इस बात की जानकारी दी। टेंडर इसलिए कैंसिल किया गया है, क्योंकि इसमें शामिल 4 कॉन्ट्रैक्टर में से दो के पार्टनर चीन के थे।
पटना में मेगा ब्रिज प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। यह पुल मशहूर महात्मा गांधी सेतु के समानांतर ही बनाया जाना है। माना जा रहा है कि गलवान झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत और चीन से तनाव के चलते यह फैसला लिया गया है। हाल ही में इंडियन ट्रेडर्स के संगठन सीएआईटी ने 500 चीनी प्रोडक्ट्स की लिस्ट जारी की थी और इनका बॉयकाट करने की अपील की थी।
प्रोजेक्ट के लिए फिर से एप्लीकेशन मंगाई जाएगी
नंद किशोर यादव ने कहा- जिन कॉन्ट्रैक्टर का चयन पुल निर्माण के लिए किया गया था, उनके साझीदार चाइनीज हैं। हमने उन लोगों से कहा था कि अपने पार्टनर बदल दो, लेकिन वे इस बात पर राजी नहीं हुए। हमने उनके टेंडर कैंसिल कर दिए हैं। हमने फिर से एप्लीकेशन मांगी है।
इस प्रोजेक्ट के लिए बोली लगाने वालों में चीन की हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी और शांक्सी रोड ब्रिज कंपनी शामिल थीं। पिछले साल इस प्रोजेक्ट को आर्थिक मामलों की समिति ने मंजूरी दी थी।
कई छोटे पुल भी इस प्रोजेक्ट में शामिल
14.500 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट में गांधी सेतु के समानांतर 5.6 किलोमीटर लंबा पुल बनाना शामिल है। इसके अलावा 4 अंडरपास, एक रेल ओवर ब्रिज, 1580 मीटर लंबा पुल, 4 छोटे पुल, 5 बस शेल्टर और 13 रोड जंक्शन बनाए जाने हैं। इस पूरे प्रोजेक्ट को साढ़े तीन साल में पूरा किया जाना है और इसकी लागत करीब 29.26 अरब रुपए है।
महाराष्ट्र सरकार ने भी चीनी कंपनी से हुआ एमओयू रोका
इसी हफ्ते महाराष्ट्र सरकार ने चीनी कंपनी के साथ हुए 5 हजार 20 करोड़ के मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर रोक लगा दी थी। महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से अपील की थी कि चीन के बहिष्कार से जुड़े अभियान के संदर्भ में वह अपनी नीतियां स्पष्ट करे। यह एमओयू चीन के हेंगली ग्रुप, ग्रेट वाल मोटर्स और पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशन के साथ किया गया था।
रेलवे चीन की कंपनी से 471 करोड़ रुपये का करार रद्द कर चुका
हाल ही में रेलवे ने चीन की कंपनी से 471 करोड़ रुपए का करार रद्द कर दिया था। इसके साथ ही भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने 4जी संसाधनों को अपग्रेड करने के लिए चीन के प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला किया है। यह भी कहा जा रहा है कि भारत सरकार चीन से आयात किए जाने वाले कई प्रोडक्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है। आने वाले दिनों में चीन के साथ हुए और भी करार रद्द किए जा सकते हैं।