चीन को क्यों डरा रही है दुनिया की सबसे ऊंची हवाई पट्टी

दौलत बेग ओल्डी (Daulat Beg Oldi) को दुनिया की सबसे ऊंचे हवाई पट्टियों (one of the world's highest airstrip) में गिना जाता है. यहां से चीनी सेना पर पूरी तरह से निगरानी रखी जा सकती है.

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भारत से सीमा विवाद के बीच चीन (India-China border clash) लगातार अपने सैनिक और हथियारों का जमावड़ा सीमा पर कर रहा है. भारत के सैनिक भी बॉर्डर पर मुस्तैदी से डटे हुए हैं. चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (Line of Actual Control) को लेकर लगातार उल्टे-सीधे दावे कर रहा है. दुनियाभर में भारत की कूटनीतिक स्थिति खुद से बेहतर होने के कारण वो डरा हुआ है और अब देपसांग (Depsang) घाटी में भी सैनिकों का जमावड़ा कर रहा है. ये वही जगह है, जिस पर दुनिया का सबसे ऊंचा हवाई अड्डा दौलत बेग ओल्डी (Daulat Beg Oldi) है. ये भारतीय वायुसेना की पोस्ट है. एक वक्त पर चीन इसे भी हथियाने की फिराक में था. जानिए, क्या है दौलत बेग ओल्डी हवाई अड्डे की खासियत, जो चीन की हमेशा से इस पर नजर रही.
Hindi-Darbuk-Shyok-Daulat Beg Oldi (DS-DBO) and Sasoma to Saser La ...

लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास ये हवाई पट्टी बनी है, जिस पर इंडियन एयरफोर्स का बेस है. इस जगह का नाम सुल्तान सैद खान के नाम पर पड़ा, जिन्हें दौलत बेग भी कहते थे. तुर्की भाषा में ओल्डी या ओल्दी का अर्थ, वो कब्र जहां अमीरों की मौत होती है. इसी वजह से इस जगह को दौलत बेग ओल्डी कहा गया. हालांकि इस नाम को लेकर कई दूसरी कहानियां भी हैं. जैसे चीन का मानना है कि ये चीन का दार्शनिक था, जिसकी मृत्यु इस जगह हुई. वैसे इतिहासकार इस कहानी में कोई दम नहीं मानते हैं. इसके अलावा भी कई लोककथाएं इस दुर्गम जगह को लेकर हैं लेकिन किसी का कोई पक्का प्रमाण नहीं.

यहां से भारतीय सेना चीन की सेना की गतिविधियों पर नजर रख सकती है- सांकेतिक तस्वीर

16,614 फीट ऊंची इस जगह पर साल 1962 में ही भारतीय वायुसेना ने अपनी पोस्ट बना ली थी. तब से लगातार सेना के लिए यहां मालवाहक विमान, फाइटर जेट उतरते रहे हैं. साल 2013 में एयरफोर्स ने इस दुर्गम जगह पर सुपर हरक्यूलिस सी-130 जे को उतारने में सफलता पाई. चूंकि ये जगह ऊंची है इसलिए अगर कभी युद्ध के हालात बने तो यहां से भारतीय सेना चीन की सेना की गतिविधियों पर नजर रख सकती है. यहां से चीन की सीमा पर हमला करना भी आसान होगा.

भारतीय सेना के जवान हरदम मुस्‍तैदी से तैनात रहते हैं जो पहाड़ी इलाकों में लड़ने के लिए भी उतने ही प्रशिक्षित हैं

यहां पर भारतीय सेना के जवान हरदम मुस्‍तैदी से तैनात रहते हैं जो ठंडे पहाड़ी इलाकों में लड़ने के लिए भी उतने ही प्रशिक्षित हैं. बता दें कि दौलत बेग का तापमान ठंड के दिनों में -55 डिग्री सेल्सियस चला जाता है. साथ ही लगातार बर्फ का तूफान आता रहता है. भारतीय सेना ऐसी जटिल जगह पर भी साल के बारहों महीने डटी रहती है. वैसे जरूरत पड़ने पर इस जगह के पास ही भारतीय और चीनी सेना के अधिकारी मिलते और बातचीत करते हैं. ठंडी और दुर्गम जगह होने के कारण यहां सामान्य फोन नहीं चलते और एक खास तरह का फोन ही यहां बात के काम आता है.

अब भारत से विवाद बढ़ने के बीच चीन एक बार फिर देपसांग घाटी पर आगे की ओर बढ़ने लगा है. Maxar Technologies की मदद से ली गई सैटेलाइट इमेज में घाटी में चीन के सैनिकों का जमावड़ा दिख रहा है. इंडियन एक्सप्रेस में भी इस आशय की खबर चित्र समेत छपी है, जो बताती है कि चीन की सेना आगे आने की कोशिश कर रही है. माना जा रहा है कि चीन ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि वो भी भारतीय सेना की गतिविधियों पर नजर रख सके जैसा कि दौलत बेग से मुमकिन है.

 

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