प्रो. दिनेश कुमार सिंह बने एम्स बठिंडा के कार्यकारी निदेशक और सीईओ

उन्होंने बीएचयू में कई समितियों में अलग-अलग क्षमताओं में भी काम किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत भारत के सबसे बड़े ट्रॉमा सेंटर (324-बेड वाले) को स्थापित करने और बनाने के लिए विशेष कर्तव्य पर अधिकारी की क्षमता में कार्य किया। 

0 990,028

बठिंडा. प्रो. दिनेश कुमार सिंह ने एम्स बठिंडा के कार्यकारी निदेशक और सीईओ के रूप में पदभार संभाल लिया है। एम्स बठिंडा में शामिल होने से पहले वह राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेंज, रांची  के निदेशक के रूप में कार्य कर रहे थे। प्रो. दिनेश कुमार प्रसिद्ध मगध विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं जहां से उन्होंने स्नातक किया। उन्होंने वर्ष 1985 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एनेस्थिसियोलॉजी में एमएड की पढ़ाई की।

  • 1986 से वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से जुड़े रहे और अनास्थिसियोलॉजी विभाग के प्रमुख बन गए। उन्होंने कई नई सेवाओं की शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें अत्याधुनिक क्रिटिकल केयर यूनिट, किडनी ट्रांसप्लांट प्रोग्राम की स्थापना, आईसीयू में सुधार, हाई डिपेंडेंसी यूनिट की स्थापना और बीएचयू में 30 बेडेड आईसीयू शामिल थे।
  • उन्होंने बीएचयू में कई समितियों में अलग-अलग क्षमताओं में भी काम किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत भारत के सबसे बड़े ट्रॉमा सेंटर (324-बेड वाले) को स्थापित करने और बनाने के लिए विशेष कर्तव्य पर अधिकारी की क्षमता में कार्य किया।

वह एक उत्साही और समर्पित मेहनती कार्यकर्ता रहे हैं और इसलिए उन्हें एम्स भोपाल में चिकित्सा अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जहां उन्होंने ट्रामा एंड इमरजेंसी विभाग के प्रमुख के रूप में भी काम किया था। एकादमिक रूप से वह 30 से अधिक स्नातकोत्तर छात्रों के लिए संरक्षक रहे हैं, उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की पत्रिका में कई शोध पत्र प्रकाशित किए हैं, और उनके शैक्षिक कार्यों के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कारों के साथ सम्मानित किया गया है। राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, रांची को उच्च मुकाम देने के लिए उन्हें सम्मानित किया।

  • उन्होंने 7 नए एम्स की स्थापना के लिए क्षमता विकास कार्यक्रम के सदस्य के रूप में भी काम किया है। वह विभिन्न संस्थानों के लिए चयन समिति के सदस्य रहे हैं जिनमें एम्स शामिल है। एम्स बठिंडा के कार्यकारी निदेशक के रूप में प्रो.दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि वह इस संस्थान को मेडिकल छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए एक अति-आधुनिक और भविष्यवादी संस्थान के रूप में स्थापित करने का काम करेंगे और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान गतिविधियों की शुरुआत करेंगे । प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को एम्स बठिंडा में प्रमुखता से लागू करने के साथ लोगों को सस्ती और विश्वसनीय स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में प्रयास किया जाएगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.