पड़ोसियों के साथ बिगड़ते रिश्ते / नेपाल और पाकिस्तान के बाद अब भूटान भारत के खिलाफ, कोरोना का हवाला देते हुए असम के किसानों का पानी रोका
असम के 25 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए 1953 से ही भूटान से पानी मिलता रहा है पानी नहीं मिलने से करीब 5 हजार से ज्यादा किसानों की खेती पर इसका असर हो सकता है
नई दिल्ली. भूटान से असम के खेतों में इस साल सिंचाई के लिए पानी नहीं पहुंच पा रहा है। 1953 से ही असम के बक्सा जिले के 25 गांवों के सिंचाई के लिए पानी मिलता रहा है। ऐसे में यह खबरें आईं कि भूटान ने कोरोना का हवाला देते हुए खेतों तक पहुंचने वाली नहर में पानी छोड़ना बंद कर दिया है। हालांकि, न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भूटान ने असम तक पानी रोकने की खबरों का खंडन किया है। यह भी कहा कि नहरों की मरम्मत की जा रही है, इसी के चलते पानी की सप्लाई में दिक्कत आ रही है।
असम के किसानों ने पानी रोके जाने के खिलाफ बीते दिनों कालीपुर-बोगाजुली-कालंदी आंचलिक डोंग बांध समिति के बैनर तले प्रदर्शन किया। किसानों ने मांग की है कि केंद्र सरकार भूटान से पानी दिलाने का रास्ता साफ करवाए। समय से पानी नहीं मिलने से करीब 5 हजार से ज्यादा किसानों की खेती पर इसका असर हो सकता है।
भूटान ने कोरोना की वजह से सीमा बंद की
भूटान के एक लोकल अखबार के संपादक तेनजिंग लमसांग के मुताबिक, भूटान ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए अपनी सीमाएं बंद कर दी है। बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए 21 दिन तक क्वारैंटाइन में रहना जरूरी है। हर साल असम के किसान भूटान जाकर डोंग में पानी डायवर्ट करते थे। मौजूदा हालात में ऐसा संभव नहीं है, यही वजह है कि किसानों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा।
भारी बारिश से भूटान में सिंचाई से जुड़ी सुविधाओं पर असर
भारी बारिश से भूटान में सिंचाई से जुड़ी सुविधाओं पर असर पड़ा है। कई जगहों पर छोटे नहरों के तटबंध टूट गए हैं। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर प्रशासन इनकी मरम्मत में जुटा है। यह किसानों तक पानी नहीं पहुंच पाने की एक वजह बताई जा रही है। अभी तक केंद्र या असम सरकार ने इस पर कुछ भी नहीं कहा है। भूटान सरकार ने भी आधिकारिक तौर पर पानी बंद करने के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है।