कैबिनेट का बड़ा फैसला- अब 1,540 सहकारी बैंक आ जाएंगे RBI के तहत/ मुद्रा योजना के तहत मिलने वाले शिशु लोन की ब्याज दरों में 2% छूट

9 करोड़ 37 लाख लोगों को मुद्रा योजना के तहत शिशु लोन दिए गए 8.6 करोड़ खाताधारकों की चिंताएं दूर करने के लिए सहकारी बैंकों को आरबीआई के तहत लाने का फैसला, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए इन फैसलों की जानकारी दी है. नए फैसले के तहत अब सहकारी बैंक आरबीआई की निगरानी में आ गए है. इससे ग्राहकों के रुपए सुरक्षित रहेगा.

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक की। इस बैठक में फैसला लिया गया कि सहकारी बैंकों को आरबीआई के दायरे में लाया जाएगा। इसके लिए कैबिनेट ने अध्यादेश लाने का फैसला किया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि मुद्रा लोन के तहत दिए जाने वाले शिशु ऋण की ब्याज दरों में 2% की छूट दी जाएगी।

कैबिनेट के फैसले
1. शिशु ऋणों की ब्याज की दरों में 2% की छूट दी जाएगी। 9 करोड़ 37 लाख लोगों को मुद्रा योजना के तहत शिशु ऋण दिए गए हैं।
2. सहकारी बैंकों को आरबीआई के अधीन रखने को लेकर अध्यादेश का फैसला लिया गया है। खाताधारकों की चिंताओं को दूर करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
3. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट को खोलने का फैसला। इससे बुध सर्किट पर्यटन बढ़ेगा। 1 जून से 2020 से 31 मई 2021 तक छूट मिलेगी।
4. ओबीसी कमीशन के कार्यकाल को 6 महीने बढ़ाया गया है। अब ओबीसी आयोग रिपोर्ट 31 जनवरी 2021 तक दे सकता है। सरकार ने फैसला संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत लिया है। इससे कमीशन को पिछड़ा वर्ग की सब-कैटेगरी के मसले की जांच के लिए ज्यादा वक्त मिलेगा।

5. पशुपालन इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए एनिमल हस्बैंडरी डेवलपमेंट फंड को मंजूरी दी गई है। इसके तहत सरकार कर्ज लेने वालों को ब्याज में 3% की छूट देगी।

6. अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्रों को अब सभी के इस्तेमाल के लिए खोला जाएगा। इसके लिए एक नया संस्थान बनाया जाएगा। इसका नाम होगा इंडियन नेशनल स्पेस, प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर। यह संस्थान प्राइवेट इंडस्ट्रियों को स्पेस एक्टिविटीज में भागीदारी के लिए सहयोग करेगा।

सहकारी बैंकों को आरबीआई के दायरे में लाने का फैसला क्यों?
जावड़ेकर ने बताया कि 1482 ग्रामीण सहकारी बैंक और 58 सहकारी बैंकों को आरबीआई के दायरे में लाया जाएगा। इससे 8.6 करोड़ खाताधारकों की चिंताएं दूर होंगी। उन्हें भरोसा होगा कि आरबीआई के दायरे में आने से इन बैंकों में जमा 4.84 लाख करोड़ की रकम सुरक्षित रहेगी।

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