कोरोना वायरस इलाज के लिए Cipla ने लॉन्च की दवा, 2 दिन में तीन कंपनियों को मिली मंजूरी
सिप्ला को रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा के लिए DCGI से मंजूरी मिल गई है. कंपनी ने रविवार को इस बारे में जानकारी दी है. इसके पहले ग्लेनमार्क और हेटेरो ने भी कोरोना के इलाज के लिए दवा लॉन्च कर दी है.
दवा के इस्तेमाल के लिए ट्रेनिंग देगी सिप्ला
अब सिप्ला को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से भी मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद कंपनी ने CIPREMI ब्रांड नाम से इस दवा को लॉन्च किया है. रिस्क मैनेजमेंट प्लान के तहत, सिप्ला इस दवा का इस्तेमाल करने के लिए ट्रेनिंग देगी और मरीजों को एक फॉर्म भी भरना होगा. पोस्ट मार्केट सर्विलांस के अतिरिक्त कंपनी मरीजों पर चौथे चरण का क्लिनिकल ट्रायल भी करेगी.
रेमडेसिवीर का ट्रायल अमेरिका, यूरोप और एशिया के 60 सेंटर्स में 1063 मरीजों पर किया गया था. इस ट्रायल में हॉस्पिटल में रखे गए मरीजों पर दवा ने बेहतरी रिकवरी करने में मदद की है. इसमें से अधिकतर मरीज ऑक्सीजन पर थे. रेमडेसिवीर दिए जाने वाले मरीजों में मृत्यु दर 7.1 फीसदी रहा.
ग्लेनमार्क ने लॉन्च की है टैबलेट
गौरलतब है कि बीते दिन ही ग्लेनमार्क ने भी माइल्ड कोविड-19 वाले मरीजों के लिए एक दवा को लॉन्च किया है. शुक्रवार को इस दवा के लिए ग्लेनमार्क को DCGI से मंजूरी मिली थी. ग्लेनमार्क ने FabiFlu नाम की इस दवा की कीमत 103 रुपये प्रति टैबलेट रखी है. FabiFlu कोविड-19 की इलाज के लिए मंजूरी प्राप्त करने वाली पहली Favipiravir दवा है. इस दवा का इस्तेमाल पहले दिन डॉक्टर्स की सलाह पर 1,800 mg दो बार किया जा सकता है. इसके बाद अगले 14 दिन तक 800 mg का डोज़ (FabiFlu Dose) दिन में दो बार दिया जाएगा.
इसके बाद रविवार को ही दवा कंपनी हेटेरो (Hetero) कोविड-19 के इलाज के लिए वायरल रोधी परीक्षणगत दवा रेमडेसिवीर लॉन्च करने का ऐलान किया. हेटेरो ने बयान में कहा कि कंपनी को DCGI से रेमडेसिवीर के विनिर्माण और विपणन की अनुमति मिल गई है. रेमडेसिवीर के जेनेरिक संस्करण की भारत में ब्रिकी ‘कोविफोर’ ब्रांड नाम से की जाएगी. बयान में कहा गया है कि DCGI ने बालिगों और बच्चों में संदिग्ध या पुष्ट कोविड-19 के मामलों या फिर इसके संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती लोगों के इलाज के लिए इस दवा को अनुमति दे दी है. कंपनी ने कहा कि भारत में कोविड-19 के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है.