साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2020) कल यानि की 21 जून को लगने वाला है. साल का पहला सूर्य ग्रहण कई मायनों में खास है. पहले सूर्य ग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात 10.33 बजे ही शुरू हो जाएगा. सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) से पहले आइए जानते है इसके बारे में कुछ खास बातें…
21 जून को सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह इस वर्ष का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण (Solar eclipse)होगा. यह सूर्य ग्रहण रिंग ऑफ फॉयर की तरह लगेगा. मृगशिरा नक्षत्र (Mrigashira nakshatra) और मिथुन राशि मेंं इस साल का पहला और आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा जो भारत में दिखेगा. भारत में मसूरी, टोहान, चमोली, कुरुक्षेत्र, देहरादून में यह ग्रहण कंकण यानि रिंग ऑफ फायर रूप में नजर आएगा जबकि कई नगरों में ग्रहण का प्रतिशत अलग -अलग होगा और खंडग्रास के रूप में दिखेगा.
बिहार में भी यह पार्सियल दिखेगा और पटना में सुबह 10.37 बजे से दोपहर 14.09 बजे तक दिखेगा. जबकि दिल्ली में ग्रहण के दौरान सूर्य का 95% हिस्सा कटा हुआ दिखेगा. 21 जून को ही साल का सबसे बड़ा दिन भी है.इस दिन सूर्य ठीक कर्क रेखा के ऊपर होगा. जाहिर है इसका विभिन्न राशियों के जातकों पर भी असर पड़ेगा. इस संदर्भ में न्यूज 18 ने ज्योतिषाचार्य काशीनाथ झा से बात की तो उन्होंने अलग-अलग राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया.
डीटेल में जानें किन राशियों पर क्या पड़ेगा असर
साल पहला सूर्य ग्रहण रविवार सुबह करीब 10.33 बजे से शुरू होकर अपराह्न 02.04 बजे तक चलेगा. सूर्य ग्रहण का मध्य काल दोपहर 12.18 बजे होगा.
मेष- राशि से तीसरे स्थान पर ग्रहण होगा और यह सामान्य फल देने वाला रहेगा. हालांकि इस राशि वालों को इस दौरान धन, पद और सम्मान की प्राप्ति होगी, लेकिन मेहनत के अनुसार ही सफलता मिलेगी.
वृषभ– राशि से दूसरे स्थान पर ग्रहण हो रहा है. इस राशि वालों के लिए यह सूर्यग्रहण आर्थिक और नौकरी के क्षेत्र में परेशानी पैदा करेगा. जाहिर है इस राशि वालों को सतर्क रहना चाहिए.
- यह सूर्य ग्रहण भारत के देहरादून, सिरसा और टिहरी समेत कई हिस्सों में पूर्ण दिखाई देगा. इसके अलावा देश के कई हिस्सों में यह सूर्य ग्रहण आंशिक दिखाई देगा. नई दिल्ली, चंडीगढ़, मुम्बई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलौर, लखनऊ, चेन्नई, शिमला, रियाद, अबू धाबी, कराची, बैंकाक तथा काठमांडू आदि कुछ प्रसिद्ध शहर हैं जहां से आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.
स्पेस एजेंसी NASA का कहना है कि पृथ्वी से जिन जगहों पर ग्रहण देखा जा सकेगा, वहां से मीलों दूर होने पर भी आसमान साफ रहने पर इसको देखे जाने की संभावना है. हालांकि सूर्य ग्रहण को खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए. वैज्ञानिकों के अनुसार, हमेशा ही सूर्य ग्रहण को खास तरह के चश्मे के साथ या दूरबीन से ही देखना चाहिए.
सूर्य ग्रहण को देखने का उत्साह सिर्फ भारत नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों के लोगों में रहता है. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए लोग कई मील ट्रैवल भी करते हैं. हालांकि इस बार कोरोना वायरस की वजह से लोग अपने-अपने शहरों में ही सूर्य ग्रहण के अद्भुत नजारे को देखेंगे.