नई दिल्ली. सउदी अरब का वेल्थ फंड पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड (पीआईएफ) जियो प्लेटफॉर्म्स में 11,367 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। इस निवेश के जरिए पीआईएफ को जियो प्लेटफॉर्म्स में 2.32 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी। यह जानकारी गुरुवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने दी।
11 निवेश से जियो को 1.15 लाख करोड़ रुपए मिले
रिलायंस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पीआईएफ ने जियो प्लेटफॉर्म्स की 4.91 लाख करोड़ रुपए की इक्विटी वैल्यू पर यह निवेश किया है। वहीं, एंटरप्राइजेज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपए तय की गई है। यह जियो प्लेटफॉर्म्स में 10 कंपनियों की ओर से किया गया 11वां निवेश है। पीआईएफ समेत 10 कंपनियों से जियो प्लेटफॉर्म्स को अब तक 1,15,693.95 करोड़ रुपए का निवेश मिल चुका है। यह निवेश 24.70 फीसदी हिस्सेदारी के लिए किया गया है।
अब तक किस कंपनी ने किया निवेश
आरआईएल के बयान के मुताबिक, जियो प्लेटफॉर्म्स में अब तक फेसबुक, सिल्वर लेक पार्टनर्स, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, केकेआर, मुबाडला, आबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, टीपीजी, एल केटरटन और पीआईएफ ने निवेश किया है। इसमें फेसबुक ने सबसे बड़ा 43,574 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस निवेश के जरिए फेसबुक को जियो प्लेटफॉर्म्स में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी।
डेटा अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बढ़ रहे भारत-सउदी के संबंध: मुकेश अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि हमने कई दशकों तक सऊदी अरब के साथ अपने बेहतर और फलदायी संबंधों का आनंद उठाया है। पीआईएफ के जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश से स्पष्ट है कि तेल अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर यह संबंध अब भारत के न्यू ऑयल यानी डेटा-अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। मुकेश अंबानी ने जियो प्लेटफॉर्म्स में एक महत्वपूर्ण निवेशक के रूप में पीआईएफ का स्वागत करते हुए कहा कि हम 130 करोड़ भारतीयों के जीवन को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए और भारत में डिजिटल बदलाव को गति देने के लिए कई महत्वाकांक्षी कदम उठा रहे हैं।
इनोवेटिव व्यवसाय में निवेश की खुशी: पीआईएफ गवर्नर
पीआईएफ के गवर्नर यासिर अल-रुम्यायन ने कहा कि हमें एक इनोवेटिव व्यवसाय में निवेश करने की खुशी है, जो भारत में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के परिवर्तन में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था की क्षमता बहुत अधिक है और जियो प्लेटफॉर्म्स हमें उस विकास तक पहुचने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगा। जियो एक ऐसे डिजिटल भारत का निर्माण करना चाहता है जिसका फायदा 130 करोड़ भारतीयों और व्यवसायों को मिले। एक ऐसा डिजिटल भारत जिससे खासतौर पर देश के छोटे व्यापारियों, माइक्रो कारोबारियों और किसानों के हाथ मजबूत हों। जियो ने भारत में डिजिटल क्रांति लाने और भारत को दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल ताकतों के बीच अहम स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
7.50 लाख करोड़ रुपए के वैल्यूएशन पर हो सकती है जियो प्लेटफॉर्म्स की लिस्टिंग
रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल आर्म जियो प्लेटफॉर्म्स की शेयर बाजारों में लिस्टिंग में भले ही अभी समय हो, लेकिन इसकी धीरे-धीरे इसकी हलचल शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि इसमें मुकेश अंबानी 20-25 प्रतिशत हिस्सेदारी आईपीओ के दौरान बेच सकते हैं। इसे 7.50 लाख करोड़ रुपए के वैल्यूएशन पर लिस्ट कराने की योजना है। सूत्रों के मुताबिक मुकेश अंबानी जियो में 50 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी अपने पास रख सकते हैं। ऐसे में उनके पास आईपीओ में बेचने के लिए आज के हिसाब से करीब 25 फीसदी हिस्सेदारी बच रही है।
2021 के अंत या 2022 की शुरुआत में आ सकता है आईपीओ
के.आर. चौकसी के एमडी देवेन चौकसी का कहना है कंपनी 2021 के अंत में या 2022 की शुरुआत में आईपीओ ला सकती है। कंपनी को इस समय पैसे की जरूरत नही हैं। ऐसे में अच्छे वैल्यूएशन पर इसका आईपीओ लाया जाएगा। चौकसी कहते हैं कि कंपनी 7.50 लाख करोड़ रुपए के वैल्यूएशन पर आईपीओ ला सकती है। इस तरह आज के हिसाब से देखें तो यह आरआईएल के वैल्यूशएन के करीब है। आरआईएल का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रुपए है। जब जियो लिस्ट होगी तो यह 7.50 लाख करोड़ से ज्यादा की मार्केट कैप वाली कंपनी हो सकती है।