बठिंडा. शिरोमणि अकाली दल व भारतीय जनता पार्टी ने वीरवार को काटे गए नीले कार्ड फिर से जारी करने व विभिन्न घपलों की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग को लेकर विरोझ प्रदर्शन कर डीसी के माध्यम से पंजाब के राज्यपाल को मांगपत्र सौंपा। इसमें अकाली दल किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रधान सिकंदर सिंह मलूका व बठिंडा के पूर्व विधायक सरुपचंद सिंगला, भाजपा के जिला शहरी प्रधान विनोद कुमार बिंटा ने कहा कि 28 मई 2020 को सभी जिलों के डीसी के माध्यम से अकाली दल-भाजपा की तरफ से एक मांगपत्र राज्यपाल को सौपा गया था। इसमें पंजाब के महत्वपूर्ण मुद्दों जिसमें शराब, रेत व बीज माफियां के खिलाफ सख्त कानूनी कारर्वाई करने के साथ कांग्रेसी लीडरों व मंत्रियों की तरफ से मिलीभगत कर किए गए 5600 करोड़ रुपए के घपलों की जांच करवाने के लिए कहा गया था लेकिन इसमें आज तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
विश्व भर में फैली कोरोना महामारी के कारण अकाली दल-भाजपा की तरफ से किसी तरह के बड़े आंदोलन की घोषणा नहीं की गई थी लेकिन अब पंजाब की कांग्रेस सरकार हमारे सब्र का इंतहान ले नाजायज फायदा उठा रही है। इसके चलते अकाली-भाजपा गठजोड़ एक बार फिर से राज्यपाल को मांग पत्र सौंपकर पंजाब के गंभीर मसलों की तरफ तत्काल ध्यान देनें की मांग कर रही है। इसमें प्रमुख मागों में पक्षपात कर लोगों के काटे गए नीले कार्ड को बहाल करने की है। कांग्रेस सरकार ने एक राजनीतिक रंजिश के चलते हजारों ऐसे परिवारों के कार्ड बंद कर दिए जो जरूरतमंद थे। वही पंजाब में कोरोना महामारी के चलते केंद्र सरकार की तरफ से अनाज व दाल भेजी गई थी। यह अनाज व दाल मजदूरों, जरुरतमंद लोगों के बीच वितरित की जानी थी लेकिन इसमें भी कांग्रेस के नेताओं ने बड़े स्तर पर घपले कर लोगों तक अनाज व दाल पहुंचने ही नहीं दिया।
इसमें कई लीडरों ने लोगों के आधार कार्ड लेबर जाली इंट्री डाल अनाज का बड़े स्तर पर हेरफेर कर दिया जिसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। मांग पत्र में सरकारी खजाने में 5600 करोड़ के आर्थिक नुकसान की सीबीआई जांच करवाने, शराब व रेज माफिया की उच्चस्तरीय जांच, गरीब व मध्यवर्ग के परिवारों को चार माह के बिजली, सीवरेज व पानी के बिल माफ कर इसकी भरपाई प्रदेश के स्टेट डिजास्चर फंड से करने, इंडस्ट्री के तीन माह के बिजली के फिक्स चार्ज माफ करने, गन्ने के बकाया जारी करने, धान की लगवाई में मजदूरी की लागत बढ़ने के बाद किसानों को तीन हजार रुपए मुआवजा देने, कोरोना महामारी से प्रभावित आटोरिक्शा, टैक्सी, कैब, बस आपरेटर, ड्राइवर व कंडक्टर को कम से कम पांच हजार रुपए प्रति माह आर्थिक मदद देने, पंजाब में राजनीतिक रंजिश में दर्ज किए जा रहे झूठे मामलों को रद्द करने, लाकडाउन के दौरान पंजाब के विभिन्न जिलों में पत्रकारों पर दायर किए झूठे मामले रद्द करने, मेडिकल कालेजों में बढ़ाई फीसों को रद्द करनवे व पंजाब में पैट्रोल पर लगायावैट समाप्त करने की मांग की गई। इस मौके पर दर्शन सिंह कोटफत्ता, भाजपा के प्रदेश सचिव सुखपाल सिंह सरा, पूर्व मेयर बलवंत राय नाथ, निर्मल सिंह संद्धू भाजपा नेता रविंदर अरोड़ा, हरविंदर शर्मा, प्रवक्ता चमकौर सिंह मान, पूर्व मेयर बलजीत सिंह बीड़बहिमण, गुरसेवक सिंह मान, भाजपा नेता अशोक बालियावाली, सह मिडिया प्रभारी भाजपा पंजाब सुनील सिंगला, भाजपा स्टेट कमेटी के अशोक भारती जिला प्रेस सचिव शिअद डा. ओमप्रकाश शर्मा ने भी संबोधित किया।
जालंधर में गुरुवार को शिरोमणि अकाली दल और भाजपा कार्यकर्ताओं ने पंजाब की कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना दिया। तीन महीने का बिजली बिल माफी, बीज घोटाले, शराब और राशन घोटाले समेत कई मामलों को लेकर डीसी ऑफिस के सामने धरने पर बैठे नेताओं ने सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। नेताओं ने कहा, कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में भी कांग्रेसी नेताओं ने घोटालों से तौबा नहीं की है।
राजनीतिक दलों की ओर से धरना देने के लिए बड़ा टेंट लगाया गया था। इसके बावजूद फोटो खिंचवाने के चक्कर में किसी ने शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं किया। सारे नेता और कार्यकर्ता एक था बैठे रहे। हाथ में बैनर, तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इससे पहले धरना स्थल पर नेताओं ने भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी।
धरना प्रदर्शन में विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला, पूर्व विधायक और अकाली दल प्रवक्ता पवन टीनू, पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता मनोरंजन कालिया, पूर्व सीपीएस केडी भंडारी, अकाली नेता सरबजीत मक्कड़, पूर्व मेयर सुनील ज्योति, जिला भाजपा प्रधान सुशील शर्मा, जिला अकाली दल प्रधान कुलवंत सिंह मन्नन, अमरजीत अमरी, मोहिंदर भगत, अनिल सच्चर व अन्य मौजूद रहे।
भाजपा नेताओं ने दो दिन पहले मेयर राजा को घेरा था
विपक्षी दलों ने शहर में भी मेयर जगदीश राजा और कांग्रेस विधायकों को घेरना शुरू कर दिया है। दो दिन पहले ही जिला भाजपा अध्यक्ष सुशील शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया, पूर्व सीपीएस केडी भंडारी व अन्य नेताओं ने मेयर जगदीश राजा पर विकास करवा पाने में पूरी तरह नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफा मांगा था।
भाजपा नेताओं ने शहर के कांग्रेस विधायकों पर भी आरोप लगाया था कि वह शहर में विकास कार्य करवाने में विफल रहे हैं। पूर्व मेयर और भाजपा ने सुनील ज्योति ने भी मेयर राजा और विधायकों पर स्मार्ट सिटी के तहत 4000 करोड़ रुपए के विकास कार्य न करवा पाने का आरोप लगाते हुए उन्हें कठघरे में खड़ा किया था।