चीनी कंपनियों को दिए ठेके रद्द हों, स्टार न करें चाइनीज प्रोडक्ट का प्रचार: कैट

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कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भारतीय सैनिकों पर गलवान घाटी में हुए हमले की निंदा करते हुए कहा कि देश के व्यापारी लद्दाख में एलएसी के ताजा घटनाक्रम से काफी आक्रोशित हैं.  कैट ने चीनी उत्पादों का बहिष्कार और भारतीय वस्तुओं को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रीय अभियान को और अधिक तेज करने का फैसला किया है.

कैट ने सरकार से चीनी कम्पनियों को दिए गए ठेकों को तुरंत रद्द करने और भारतीय स्टार्टअप में चीनी कंपनियों द्वारा निवेश को वापस करने के नियमों को बनाने जैसे कुछ तत्काल कदम उठाने का भी आग्रह किया है, ताकि भारतीय सैनिकों के खिलाफ चीन के अनैतिक और बर्बरतापूर्ण व्यवहार का सख्ती से जवाब दिया जा सके.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि हाल के घटनाक्रमों और भारत के प्रति चीन के लगातार रवैये के मद्देनजर, भारतीय व्यापारियों ने संकल्प लिया है कि चीनी आयात को कम करके चीन को एक बड़ा सबक सिखाया जाए.

बीसी भरतिया ने सरकार से चीन पर एक मजबूत स्थिति बनाने का आग्रह किया है और चीनी कंपनियों को दिए गए सभी सरकारी अनुबंधों को तुरंत रद्द करने की मांंग की. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से चीनी कंपनियां विभिन्न सरकारी अनुबंधों में बहुत कम दरों पर बोली लगा रही हैं और इस तरह से वे कई सरकारी परियोजना निविदाओं को प्राप्त करने में सफल हुई हैं.

कैट का कहना है कि भारतीय तकनीकी स्टार्टअप में भारत को फोकस करने की जरूरत है, इस क्षेत्र में बढ़ते चीनी निवेश खत्म करने की तत्काल आवश्यकता है. पेटीएम, उदान, बिग बास्केट, मिल्क बास्केट, फ्लिपकार्ट, स्विगी जैसे कई भारतीय स्टार्टअप में चीन की कम्पनियों ने पैसा लगाया है.

यह पूरी तरह से भारतीय खुदरा बाजारों पर कब्जा करने के लिए चीन के एक भयावह डिजाइन के अलावा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को चीनी निवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए नियमों को लाना चाहिए और साथ ही इन तकनीकी दिग्गजों को चीनी निवेश वापस लेने की सलाह भी देनी चाहिए.

इसके अलावा भरतिया और खंडेलवाल ने भारतीय फिल्म स्टारों और क्रिकेटरों द्वारा चीनी ब्रांड्स के बड़े पैमाने पर विज्ञापन करने पर भी गंभीर चिंता जताई. उन्होंने बताया कि दीपिका पादुकोण, आमिर खान, विराट कोहली, रणवीर सिंह, सारा अली खान, रणबीर कपूर, विक्की कौशल जो विभिन्न चीनी मोबाइल उत्पादों की ब्रांडिंग करते हैं. इन कलाकारों से कैट ने अपील करते हुए कहा कि वे चीनी ब्रांडों का ब्रांडिंग और प्रमोशन करना बंद करें और राष्ट्र की भावनाओं का सम्मान करें.

गौरतलब है कि कैट ने चीन को आर्थिक चोट पहुंचाने की तैयारी कर ली है. कैट ने चीनी प्रोडक्ट्स के बहिष्कार और भारतीय सामान के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘भारतीय सामान- हमारा अभिमान’ के नाम से एक कैंपेन शुरू किया है.

5 चीनी कंपनियां, जिनका भारत के बाजार पर है ‘कब्जा’!

इन दिनों चीन के साथ सीमा पर कैसा तनाव चल रहा है, वह किसी से छुपा नहीं है। कल तो ये भी खबर आ गई कि सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प (india china border clash) हुई है, जिसकी वजह से करीब 20 भारतीय जवानों की मौत (20 indian soldier martyred china border) हो गई है। पहले से ही चीन के रवैया को लेकर भारत के लोगों में गुस्सा भरा हुआ था, लेकिन अब चीन की हरकतों ने लोगों का गुस्सा और भड़का दिया है। पहले से ही चीनी सामान के बहिष्कार (boycott Chinese products) की मांग उठ रही थी और अब सीमा पर जो हुआ है, उसके बाद हो सकता है भारत सरकार भी चीन के खिलाफ कोई सख्त कदम उठा ले। ऐसे में भारत से चीनी कंपनियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। आइए जानते हैं 5 बड़ी चीनी कंपनियों (top 5 chinese companies in india) के बारे में, जिनका भारत में है तगड़ा कारोबार या यूं कहें कि कब्जा है।

1- श्याओमी है नंबर-1 मोबाइल कंपनी

undefinedचीन की मोबाइल निर्माता कंपनी श्याओमी भारत में नंबर-1 पर है। यह तो भारत में इतनी लोकप्रिय है कि इसने एक चौथाई से भी अधिक बाजार पर कब्जा किया हुआ है। 2019 की तीसरी तिमाही में भारत में श्याओमी के 26 फीसदी यूजर थे।

2- बाइटडांस: टिकटॉक और हेलो का दबदबा

undefinedआज के समय में टिकटॉक को कौन नहीं जानता। हर युवा इसकी ओर खिंचा चला आ रहा है। बहुत से लोग तो टिकटॉक से ही स्टार तक बन गए। चीनी कंपनी बाइटडांस का ये प्रोडक्ट भारत में करीब 11.9 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं।

भारत में इन दिनों हेलो ऐप भी खूब पॉपुलर हो रहा है। ये भी चीनी कंपनी बाइटडांस का ही एक प्रोडक्ट है। मौजूदा समय में भारत में हेलो ऐप के करीब 5 करोड़ मंथली एक्टिव यूजर्स हैं। चीन का ये ऐप भारत के शेयरचैट ऐप को तगड़ी टक्कर देता है।

3- वीवो के पास 20 फीसदी मार्केट

undefinedचीन की ही एक दूसरी मोबाइल कंपनी है वीवो, जिसने भारत के करीब 20 फीसदी बाजार पर कब्जा किया हुआ है। अगर चीन की श्याओमी, वीवो, ओपो और रीयलमी को एक साथ जोड़कर देखें तो इन सबने मिलकर भारत के करीब 65-67 फीसदी बाजार पर कब्जा किया हुआ है। सैमसंग भी दूसरे नंबर पर है। टॉप-5 में सैमसंग के अलावा बाकी सारी मोबाइल कंपनियां चीनी हैं।

4- यूसी ब्राउजर में भी बड़ा निवेश

undefinedचीन को छोड़कर बाकी दुनिया में यूसी ब्राउजर को करीब 1.1 अरब लोगों ने डाउनलोड किया हुआ है। आपको बता दें इसमें करीब आधा हिस्सा सिर्फ भारत का है। यानी भारत में करीब 50 करोड़ यूजर्स चीन के यूसी ब्राउजर को इस्तेमाल करते हैं। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि इस समय भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 50 करोड़ से कुछ अधिक है। यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि बहुत ही कम ऐसे मोबाइल हैं, जिनमें यूसी ब्राउजर नहीं है।

5- पबजी को भी ना भूलें

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बात अगर गेमिंग की हो तो पबजी वो नाम है जो हर बच्चे और युवा की जुबां पर चढ़ा हुआ है। हालात तो ऐसे हैं कि भारत में पबजी मोबाइल का सबसे बड़ा मार्केट है। दुनिया भर में इसके 55.5 करोड़ रुपए हैं, जिनमें से करीब 21 फीसदी यानी लगभग 11.6 करोड़ यूजर सिर्फ भारत में हैं। अगर चीनी कंपनियों को भारत से बाहर का रास्ता दिखाया गया तो ये सब बंद हा जाएगा।

 

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