ड्रैगन को विदेश मंत्री जयशंकर की दो टूक- गलवान में जो हुआ वह चीन की साजिश
विदेश मंत्री (Ministry of External Affairs) एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अपने चीनी समकक्ष से फोन पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कड़े शब्दों में भारत-चीन सेना के बीच हुई हिंसक झड़प (Deadly Clash) पर कड़ा प्रतिरोध जताया.
नई दिल्ली. विदेश मंत्री (Foreign Ministry) एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अपने चीनी समकक्ष से फोन पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कड़े शब्दों में भारत और चीन सेना के बीच हुई हिंसक झड़प पर जबरदस्त प्रतिरोध जताया है. इस हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक (Indian Soldiers) शहीद हो गये थे, जबकि कई चीनी सैनिक (PLA Soldiers) भी हताहत हुये थे. विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और चीन के राज्य काउंसलर और विदेश मंत्री एच.ई. वांग यी (H.E. Mr. Wang Yi) ने लद्दाख (Ladakh) के हालिया घटनाक्रम पर आज दोपहर में फोन पर बातचीत की.
Wang Yi-S Jaishankar talks: Strong message conveyed by Indian Foreign Minister to China, “What happened in Galwan was premeditated and planned action by China which was responsible for the sequence of events.” pic.twitter.com/KVWtHgtylL
— ANI (@ANI) June 17, 2020
विदेश मंत्री ने 15 जून 2020 को गलवान घाटी (Galwan Valley) में हिंसक झड़प पर भारत सरकार के विरोध को कड़े शब्दों में उनके सामने रखा. उन्होंने याद दिलाया कि 6 जून को हुई वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनातनी को कम करने और सेनाओं को पीछे ले जाने पर एक समझौता हुआ था. पिछले सप्ताह ग्राउंड कमांडर इस सहमति को लागू करने के लिए नियमित रूप से बैठक कर रहे थे. अभी इसमें कुछ प्रगति हुई ही थी कि तभी चीनी पक्ष ने एलएसी के हमारी तरफ गालवान घाटी में एक संरचना बनाने की मांग की. जब यह विवाद की जड़ बना, चीनी पक्ष ने पूर्व-निर्धारित और सुनियोजित तरह से कार्रवाई की, जो कि बाद की घटनाओं के लिए जिम्मेदार है, जिसमें हिंसा और मौतें हुईं. यह जमीन पर यथास्थिति को नहीं बदलने के हमारे सभी समझौतों के उल्लंघन को दिखाता है.
विदेश मंत्री ने जोर दिया कि इस अभूतपूर्व बात का द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यह समय की जरूरत है कि चीनी पक्ष अपनी कार्रवाई का पुर्नमूल्यांकन करे और सुधारात्मक कदम उठाए. दोनों पक्षों को 6 जून को वरिष्ठ कमांडरों की बातचीत में बनी समझ को सतर्कता और ईमानदारी से लागू करना चाहिए. दोनों पक्षों के सैनिकों को भी द्विपक्षीय समझौते (Bilateral Agreement) और प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. उन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का सख्ती से सम्मान करना चाहिए और इसकी स्वीकार्यता दिखानी चाहिये. साथ ही इसे बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई नहीं करनी चाहिए.
6 जून की सेनाएं कम करने की समझ को ईमानदारी से लागू करेंगे दोनों पक्ष
चर्चा के समापन पर, यह सहमति बनी कि पूरी स्थिति को एक जिम्मेदार तरीके से नियंत्रित किया जाएगा, और दोनों पक्ष 6 जून की सेनाएं कम करने की समझ को ईमानदारी से लागू करेंगे. कोई भी पक्ष मामले को आगे बढ़ाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करेगा और इसके बजाय, द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार शांति सुनिश्चित की जायेगी.