गालवन घाटी झड़प में चीन के कमांडिंग अफसर समेत 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए; भारत के 4 जवानों की हालत गंभीर
20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने असम राइफल्स की पैट्रोलिंग पार्टी पर एम्बुश लगाकर हमला किया था, भारत के 4 जवान शहीद हुए थे राहुल गांधी ने ट्वीट किया- प्रधानमंत्री कहां हैं, वे छिपे हुए क्यों हैं, हम जानना चाहते हैं कि आखिर क्या हुआ, हमारे सैनिकों को मारने की चीन की हिम्मत कैसे हुई
लद्दाख. भारत और चीन के सैनिकों के बीच गालवन घाटी में हुई झड़प का मामला बढ़ गया है। न्यूज एजेंसी ने बुधवार को सूत्रों के हवाले से कहा कि चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं, जिनमें यूनिट का कमांडिंग अफसर भी शामिल है। यह अफसर उसी चीनी यूनिट का था, जिसने भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प की। भारत के 4 जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। 15-16 जून की दरमियानी रात को गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के कमांडिंग अफसर समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। 135 जख्मी हैं।
Gujarat: People in Ahmedabad's Bapu Nagar burnt photos of Chinese President Xi Jinping, yesterday. #IndiaChinaBorder pic.twitter.com/6sL2UcNKrL
— ANI (@ANI) June 17, 2020
तीन घंटे चली यह झड़प दुनिया की दो एटमी ताकतों के बीच लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली में हुई। यह हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से किया गया। उसी गालवन वैली में, जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी। उधर, भारत ने चीन की तरफ हुई बातचीत इंटरसेप्ट की थी। इसके मुताबिक, चीन के 43 सैनिक हताहत होने की खबर है, लेकिन चीन ने यह कबूला नहीं है।
- चीन से जारी तनाव के बीच हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिले में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इन जिलों की सीमाएं चीन से लगती हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस कवायद का मकसद स्थानीय लोगों को खतरे से बचाना और खुफिया जानकारी जुटाना है। पुलिस ने कहा कि लोगों की हिफाजत के लिए तमाम जरूरी कदम उठाए गए हैं।
- कुछ देर में रक्षा मंत्रालय में एक अहम बैठक होना है। उसके बाद सेना बयान जारी कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच सीमा पर जो बातचीत चल रही थी, वह बेनतीजा रही।
- सूत्रों के मुताबिक- हिंसक झड़प में बड़ी तादाद में चीनी सैनिकों को भी नुकसान हुआ। यह बात इसलिए सामने आई, क्योंकि झड़प के बाद घटनास्थल पर कई चीनी एम्बुलेंस आईं। साथ ही चीनी हेलिकॉप्टर की मूवमेंट भी बढ़ी।
- भारतीय सूत्रों ने यह भी कहा कि चीन की तरफ के कितने सैनिक मारे गए, इस बारे में स्पष्ट तौर से बता पाना तो मुश्किल है, लेकिन यह संख्या 40 या इससे ज्यादा हो सकती है।
सीमा पर तनाव, राजनीति भी शुरू
राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री कहां हैं? वे छिपे हुए क्यों हैं? अब बहुत हुआ। हम जानना चाहते हैं कि आखिर क्या हुआ। हमारे सैनिकों को मारने की चीन की हिम्मत कैसे हुई। वह हमारी जमीन पर कब्जा करने की हिम्मत कैसे कर सकता है?’’ वहीं दिग्विजय ने ट्वीट किया कि मोदी की विदेश यात्राएं कितनी सफल रहीं, इसका प्रमाण दें। प्रधानमंत्री जुमलेबाजी छोड़कर हर क्षेत्र में असफल रहे।
45 साल पहले चीन ने ऐसे ही धोखा दिया था
20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर धोखे से एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे। इसके 45 साल बाद चीन बॉर्डर पर हमारे सैनिकों की शहादत हुई है।
चीन रुक-रुककर सैनिकों के शव भेज रहा, कुछ सैनिक नदी में गिर गए थे
सेना के सूत्रों ने बताया कि 15 से 20 सैनिक लापता हैं। इनमें से कुछ चीन के कब्जे में हैं। चीन रुक-रुककर भारतीय सैनिकों के शव भेज रहा था। कुछ सैनिक नदी में गिर गए हैं, जिनके शव मिल रहे हैं। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन के हेलिकॉप्टरों का मूवमेंट बढ़ गया है। वह अपनी सेना के हताहतों को एयरलिफ्ट कर रहा है।
गोली लगने से शहीद हुए तीन सैनिक
सूत्रों के मुताबिक, 20 में से 3 सैनिक गोलियां लगने से शहीद हुए हैं। 45 जवानों को बंधक बनाया गया और इनमें से 25 को छोड़ दिया गया। 135 भारतीय जवान घायल हैं। इससे पहले सेना ने आधिकारिक बयान में कहा था कि दोनों सेनाएं अब पीछे हो चुकी हैं। लाइन ऑफ ड्यूटी के दौरान भारत के 17 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे। वे शून्य से भी कम तापमान में ऊंचाई वाले इलाकों में थे। इस वजह से उनकी जान चली गई।
जो शहीद हुए हैं, उनमें 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू शामिल हैं। दो अन्य नामों की पुष्टि हुई है। ये हैं- हवलदार पालानी और सिपाही कुंदन झा। बाकी नाम अभी सामने नहीं आए हैं।
दिल्ली से गालवन महज 1200 किमी दूर, फिर भी सूचनाओं में देरी क्यों?
- सोमवार रात 12 से 2 बजे के बीच: लद्दाख के गालवन में बड़ी घटना होती है। पर इसकी सूचना किसी को नहीं मिलती। दिल्ली के रास्ते देश को भी नहीं।
- मंगलवार दोपहर करीब 12.45 बजे: खबर आती है कि सीओ, यानी कमांडिंग ऑफिसर समेत तीन सैनिक शहीद हो गए हैं।
- दोपहर 1 बजे: घटना के करीब 11 घंटे बाद सेना बयान जारी कर कहती है कि हां, कर्नल समेत हमारे तीन जवान शहीद हुए हैं।
- दोपहर 3 बजे: प्रधानमंत्री दिल्ली में बैठकर 20 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करते हैं। विषय होता है कोरोना। देश को बता रहे हैं कि मास्क पहनकर निकलिये।
- रात 8 बजे: मुख्यमंत्रियों से बैठक के बाद रात 9 बजे के करीब प्रधानमंत्री के घर पर रक्षामंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की बैठक होती है।
- रात 10 बजे: इसी दौरान खबर आती है कि चीन की बॉर्डर पर 20 जवान शहीद हुए हैं, संख्या बढ़ सकती है। फिर खबर आती है कि चीन के भी 43 जवान या तो मारे गए हैं, या घायल हुए हैं।
- मंगलवार रात 10.30 बजे: प्रधानमंत्री के घर पर जारी बैठक खत्म। लेकिन रात तक किसी का कोई बयान नहीं।
झड़प के बाद चीन की बातचीत की पहल
सोमवार रात की घटना के बाद चीन डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुट गया। मंगलवार सुबह 7:30 बजे चीन की पहल पर ही गालवन वैली में मीटिंग बुलाई गई। इसमें दोनों देशों के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत हुई।
भारत का चीन का जवाब- आपसी रजामंदी का ध्यान रखा होता तो ऐसा न होता
झड़प की बात सामने आने के करीब 8 घंटे बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों तरफ नुकसान हुआ है। अगर चीन की तरफ से हाई लेवल पर बनी आपसी सहमति का ध्यान रखा जाता तो दोनों तरफ हुए नुकसान को टाला जा सकता था। भारत ने हमेशा अपनी सीमा में रहकर ही मूवमेंट किया है। हम उम्मीद करते हैं कि चीन भी ऐसा ही करे।
भारत-चीन विवाद पर संजय राउत ने पूछे सवाल, कहा- देश प्रधानमंत्री के साथ लेकिन सच क्या है?
नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीन (China) के साथ हिंसक झड़प की घटना के बाद से विपक्ष एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बाद अब शिवसेना के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने भी सरकार से कई सवाल किए हैं. संजय राउत ने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) से पूछा है कि संकट की इस घड़ी में देश प्रधानमंत्री के साथ है लेकिन सच क्या है?
चीन के मुंहजोरी को कब मिलेगा करारा जबाब?बिना गोली चले हमारे 20 जवान शहीद होते है.हमने क्या किया?
चिनके कितने जवान मारे गये? चीन हमारे जमीन पर घुस गया है क्या?प्रधान मंत्रीजी इस संघर्ष के घडीमे देश आपके साथ है लेकीन सच क्या है?
बोलो.कुछ तो बोलो. देश सच जानना चाहता है.
जय हिंद!— Sanjay Raut (@rautsanjay61) June 17, 2020
लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए है. चीन की सैनिकों की इस हरकत के बाद से देश में गुस्से का माहौल है. इस दौरान केंद्र सरकारी की ओर से कोई भी बयान न दिए जाने पर विपक्ष लामबंद होता दिखाई दे रहा है. शिवसेना नेता ने चीन के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद दो ट्वीट किए हैं. पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, प्रधान मंत्री जी आप शुर और योद्धा हो. आपके नेतृत्त्व में देश चीन से बदला लेगा. इसके बाद उन्होंने पूछा, चीन की मुंहजोरी को करारा जवाब कब मिलेगा? बिना गोली चले हमारे 20 जवान शहीद होते हैं, ऐसे में हमने क्या किया?’
चीन के कितने जवान मारे गये? चीन हमारे जमीन पर घुस गया है क्या? प्रधान मंत्री जी इस संघर्ष के घड़ी मे देश आपके साथ है लेकीन सच क्या है? बोलो. कुछ तो बोलो. देश सच जानना चाहता है.
देश के वीर शहीदों को मेरा सलाम।https://t.co/hikmIWBADa
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 17, 2020
राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी से पूछे सवाल?
सीमा पर लगातार बढ़ते तनाव को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.राहुल गांधी ने कहा,’बस अब बहुत हुआ. हमें सच जानना है कि आखिर क्या हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले पर चुप क्यों है? राहुल गांधी ने ट्वीट किया- ‘पीएम चुप क्यों हैं? वह क्यों छिप रहे हैं? बस बहुत हुआ. हम जानना चाहते हैं कि क्या हुआ है. चीन की हिम्मत कैसे हुई हमारे सैनिकों को मारने की? उनकी हिम्मत कैसे हुई हमारी जमीन लेने की?’
Why is the PM silent?
Why is he hiding?Enough is enough. We need to know what has happened.
How dare China kill our soldiers?
How dare they take our land?— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 17, 2020