क्लीनिकल इस्टेबलिशमेंट एक्ट के विरोध में 23 को राज्य भर में मेडिकल सेवा बंद करने की चेतावनी

-इंडिय़न मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने विधायकों, सांसदों व मंत्रियों के माध्यम से सरकार को भेजे ज्ञापन

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बठिंडा. सरकार की तरफ से एक जुलाई से लागू किए जा रहे क्लीनिक इसटैबलिशमेंट एक्ट को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पंजाब की तरफ से काम बंद रख कर बठिंडा जिले के सभी विधायकों के साथ वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को एक ज्ञापन दिया गया। उक्त मांग पत्र राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलावा सेहत मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू, चीफ सेक्रेटरी सुरेश कुमार तथा सेहत सचिव अरुण अग्रवाल को भी सौंपे गए। ज्ञापन में डॉक्टरों ने नए पास किए जा रहे सीएए का विरोध करते हुए इस एक्ट को रद करने की मांग की। डॉक्टरों ने बताया कि इस एक्ट के लागू होने से इंस्पेक्टरी राज कायम हो जाएगा। इलाज करवाने वालों की जेब पर बोझ बढ़ेगा तथा बहुत सारे छोटे अस्पताल बंद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस एक्ट के लागू होने से डॉक्टरों को परेशानी आएगी वहीं लोगों को भी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।


आईएमए पंजाब के वाइस प्रेसिडेंट व बठिंडा के प्रधान डा. विकास छाबड़ा वे बताया कि अगर छोटे अस्पताल बंद होंगे तो लोग बड़े शहरों के अस्पताल में इलाज करवाने के लिए मजबूर होंगे। एसोसिएशन के नेताओं ने बताया कि आने वाले दिनों में जिला प्रशासन को भी यह ज्ञापन दिए जाएंगे। अगर फिर भी कोई मसला हल न हुआ तो जत्थेबंदी की तरफ से राज्य स्तर पर 23 जून को हड़ताल करके सेहत सेवाएं मुकम्मल तौर पर बंद रखी जाएंगी। नेताओं ने कहा कि इससे पहले अकाली सरकार के समय मुख्यमंत्री की तरफ से इस ऑर्डिनेंस को राज्य में लागू नहीं किया गया था। इसलिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिह भी इसे राज्य में लागू न करें।

  • गौरतलब है कि एक जुलाई से पंजाब में लागू हो रहे क्लीनिकल इस्टेबलिशमेंट एक्ट (सीईए) के विरोध में डॉक्टरों का गुस्सा पंजाब सरकार के खिलाफ फूट रहा है। डॉक्टरों ने इस एक्ट को वापस लेने की मांग की। बठिंडा में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. विकास छाबड़ा की अगुआई में समूह डॉक्टरों ने ज्ञापन यहां केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, सांसद व अकाली दल के राष्ट्रीय प्रधान सुखबीर सिंह बादल, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, अकाली दल के पूर्व विधायक सरूपचंद सिंगला, आप विधायक बलजिंदर कौर, जगदेव सिंह कमालू, आप विधायक रुपिंदर सिह रुबी, अकाली दल के वरिष्ठ नेता सिकंदर सिंह मलूका, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, केबिनेट मंत्री गुरप्रीत सिंह कागड़ आदि को सौंपा गया है।
  • डॉ. राजेश महेश्वरी, डा. शिवदत्त गुप्ता, डा. नारंग, डा. बजाज, डा. दीपक बांसल, डा. अश्वनी गोयल, डा.गौरव गुप्ता, डा. विवेक जिंदल ने कहा कि पंजाब की कैप्टन सरकार ने सीईए एक्ट लागू कर डॉक्टरों और मरीजों से धक्का किया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब यह एक्ट केंद्र सरकार ने लागू किया था, तो कहा था कि प्रत्येक राज्य की सरकार को अधिकार होगा कि वह इस एक्ट को लागू करे या न करे।
  • मेडिकल क्षेत्र में पहले ही 43 एक्ट लागू हैं, फिर इस एक्ट को लागू करने की क्या जरूरत थी। पंजाब सरकार आज तक सरकारी सेहत विभाग को सही तरीके से चलाने में कामयाब नहीं हुई है और सरकार राजिदरा मेडिकल कॉलेज को भी प्राइवेट करने की कोशिश कर रही है। जबकि प्राइवेट अस्पताल पहले से ही 75 फीसद सेहत सेवाएं आम जनता को दे रहे हैं। इस एक्ट के एक जुलाई से लागू होने से फीसों के रेट पांच गुणा तक बढ़ जाएंगे, जिसका बोझ डॉक्टरों और मरीजों पर पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी देते कहा कि यदि यह एक्ट वापस न लिया गया तो पंजाब में समूह सेहत सेवाएं 23 जून को बंद रहेगी और संघर्ष को तेज किया जाएगा।

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