गांधीनगर. गुजरात में रविवार रात 8 बजकर 12 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.5 थी। इसका केंद्र राजकोट से 122 किमी दूर था।
राज्य में 19 साल बाद इतने तेज झटके महसूस किए गए। इससे पहले भुज में 26 जनवरी 2001 को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
भूकंप के झटके राजकोट के अलावा जामनगर, सुरेंद्रनगर और जूनागढ़ में भी महसूस किए गए। अहमदाबाद में भी लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राजकोट, कच्छ और पाटन जिले के कलेक्टरों से फोन पर हालात की जानकारी ली।
गुजरात के साथ-साथ जम्मू, तुर्की और पुर्तो रिको में भी भूकंप
- राजकोट के पास भूकंप आने के बाद रविवार रात करीब साढ़े आठ बजे जम्मू-कश्मीर के कटरा और आसपास के शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का एपिसेंटर कटरा से 90 किलोमीटर दूर था और तीव्रता 3 थी।
- वहीं, राजकोट में भूकंप आने से करीब 19 मिनट पहले तुर्की में 5.9 और पुर्तो रिको में 2.5 तीव्रता का भूकंप आया।
6 जून को उत्तर गुजरात में भूकंप आया था
इससे पहले 6 जून को बनासकांठा जिले समेत उत्तर गुजरात के कई इलाकों में 10 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 4.8 थी।
गुजरात में 19 साल पहले भूकंप ने तबाही मचाई थी
गुजरात में 26 जनवरी 2001 को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। भुज और कच्छ में इस दौरान भारी तबाही हुई थी। 10 हजार लोग इस भूकंप के कारण मारे गए थे। 2 हजार शव तो 26 जनवरी को ही निकाले गए थे। इनमें भुज के एक स्कूल के 400 बच्चे भी शामिल थे। अस्पतालों को भी नुकसान पहुंचा था। इसके कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आई थी।