नाडा की कार्रवाई / जानकारी नहीं देने पर पहली बार पुजारा, जडेजा समेत 5 क्रिकेटरों को नोटिस, बीसीसीआई ने कहा- पासवर्ड की गड़बड़ी से देरी हुई

नाडा ने दो महिला क्रिकेटरों दीप्ति शर्मा और स्मृति मंधाना को भी अपना पता नहीं बताने पर नोटिस भेजा नाडा के डीजी ने कहा- खिलाड़ी या बोर्ड को व्हेयर अबाउट क्लॉज के तहत हर 3 महीने में रहने के स्थान की जानकारी देनी होती है नाडा के मुताबिक, जानकारी नहीं देने को व्हेयर अबाउट क्लॉज का उल्लंघन मानने पर जल्द ही फैसला होगा

0 990,194

नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने पहली बार नेशनल रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल (एनआरटीपी) में शामिल पांच भारतीय क्रिकेटरों को नोटिस भेजा है। इनमें चेतेश्वर पुजारा, रविंद्र जडेजा, केएल राहुल के अलावा दो महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना और दीप्ति शर्मा शामिल हैं।

इन सभी ने व्हेयर अबाउट क्लॉज (रहने का स्थान) के तहत बीते तीन महीने की जानकारी डोपिंग एजेंसी को नहीं दी थी। बीसीसीआई ने अपनी सफाई में कहा कि पासवर्ड में हुई गड़बड़ी की वजह से खिलाड़ी जानकारी नहीं भेज पाए।

नाडा के डायरेक्टर जनरल नवीन अग्रवाल ने न्यूज एजेंसी को बताया कि बीसीसीआई ने एनआरटीपी में शामिल 5 क्रिकेटरों द्वारा जानकारी नहीं देने पर ई-मेल भेजकर अपना रुख साफ किया है।

खिलाड़ी खुद भी ऑनलाइन जानकारी भर सकते हैं

डीजी अग्रवाल ने कहा,‘‘एंटी डोपिंग एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट सिस्टम (एडीएएमएस) सॉफ्टवेयर में व्हेयर अबाउट फॉर्म (रहने का स्थान) भरने के दो ही तरीके हैं। खिलाड़ी खुद या बोर्ड उनकी तरफ से यह फॉर्म ऑनलाइन भर सकता है। कुछ एथलीट इतने जानकार नहीं होते या उनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं होती कि वे खुद व्हेयर अबाउट क्लॉज से जुड़ी सारी जानकारी अपलोड कर पाएं। ऐसे में उन्हें संबंधित बोर्ड की मदद लेनी पड़ती है।’’

बीसीसीआई को क्रिकेटरों की जानकारी भेजनी थी: नाडा

उन्होंने आगे कहा,‘‘ज्यादातर क्रिकेटर पढ़े-लिखे होते हैं और तकनीक की जानकारी होती है। इसके बावजूद उनके जानकारी नहीं देने की एक वजह उनका व्यस्त होना हो सकता है। ऐसे में बोर्ड को उनका व्हेयर अबाउट फॉर्म भरना चाहिए था।’’

‘बोर्ड के स्पष्टीकरण पर फैसला करेंगे’

बोर्ड ने इन खिलाड़ियों की जानकारी क्यों नहीं अपलोड की? इस पर नाडा के डीजी ने कहा कि देखिए बीसीसीआई ने अपना स्पष्टीकरण भेजा है, जो अभी हमें ठीक लग रहा है। जल्द इस पर यह फैसला किया जाएगा कि यह व्हेयर अबाउट क्लॉज का उल्लंघन है या नहीं?

बीसीसीआई पिछले साल नाडा के दायरे में आया

बीसीसीआई पिछले साल अगस्त में ही नाडा के दायरे में आया है। इससे पहले भारतीय बोर्ड स्वीडन स्थित इंटरनेशनल डोप टेस्टिंग मैनेजमेंट (आईडीटीएम) की मदद से क्रिकेटरों के सैम्पल लेती थी और फिर इसे नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी में भेजती थी। हालांकि, खेल मंत्रालय लंबे वक्त से इस पर आपत्ति जता रहा था।

लंबे विवाद के बाद बोर्ड नाडा के अधीन आने को तैयार हुआ। आरटीपी में शामिल खिलाड़ियों को इस बात की जानकारी अनिवार्य तौर पर देनी होती है कि वह कहां रह रहे हैं। साल में 4 बार खिलाड़ियों को व्हेयर अबाउट क्लॉज भरना पड़ता है।

बोर्ड खिलाड़ियों से भी जानकारी देने को कह सकता था
बीसीसीआई के क्रिकेट ऑपरेशन से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारी ने भी नाडा को क्रिकेटरों की जानकारी नहीं भेजने पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा,‘‘लॉकडाउन के कारण सभी क्रिकेटर घर पर ही हैं। इनमें से कुछ तो इंस्टाग्राम पर लाइव चैट के साथ पॉडकास्ट भी कर रहे थे।

अगर बोर्ड को पासवर्ड ठीक करने में मुश्किल आ रही थी तो इन पांचों क्रिकेटरों को सीधे जानकारी भरने के लिए कहा जा सकता था और वे किसी की मदद से इसे पूरा कर सकते थे। उन्होंने कहा कि शायद इस बार नाडा नरमी बरतेगा लेकिन अगर यह अधिकारिक चेतावनी बन गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

Leave A Reply

Your email address will not be published.