पीजीआइ में प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हुआ पहला कोरोना मरीज, 60 वर्षीय बुजुर्ग स्वस्थ होकर घर पहुंचा

चंडीगढ़। शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में दिन-प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है। इन सबके बीच शुक्रवार को पीजीआइ से एक खुशखबरी मिली। हरियाणा के कुरुक्षेत्र के 60 वर्षीय कोरोना मरीज का प्लाज्मा थेरेपी से सफल इलाज किया गया। शुक्रवार को मरीज को पीजीआइ से डिस्चार्ज कर उसके घर भेजा गया। इस मरीज के ठीक होने डॉक्टरों की टीम में जोश भर गया है। 60 या उससे ऊपर के लोगों के लिए कोरोना को काफी जानलेवा माना जा रहा है लेकिन प्लाज्मा थेरेपी से ऐसे लोगों के ठीक होने की उम्मीद बढ़ गई है।

पीजीआइ निदेशक प्रो. जगत राम ने मरीज का सफल इलाज करने पर डॉक्टरों की टीम को बधाई दी। चंडीगढ़ में कोरोना से पीड़ित यह पहला मरीज है जो प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हुआ। अप्रैल में आइसीएमआर ने पीजीआइ को प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए अनुमति दी थी।

यह टीम वर्क की सफलता

प्रो. जीडी पुरी, डीन (शिक्षाविद) और प्रमुख, एनेस्थीसिया विभाग ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी के साथ सफल इलाज एक सकारात्मक संकेत है। यह किसी एक व्यक्ति विशेष की सफलता नहीं, बल्कि टीम वर्क है। प्लाज्मा थेरेपी नैदानिक परीक्षणों में हमें आगे आने के लिए अधिक प्लाज्मा डोनर्स की आवश्यकता है। इसलिए सभी ठीक हो रहे मरीजों से आग्रह है कि वे अपना प्लाज्मा डोनेट करें और दूसरे मरीजों के उपचार में योगदान दें। उन्होंने लोगों को ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करने के लिए भी प्रेरित किया।

एंटीबॉडी द्वारा काम करती है यह थेरेपी

प्रो. पंकज मल्होत्रा, आंतरिक चिकित्सा अधिकारी, पीजीआइ ने बताया कि चंडीगढ़ कोरोना पॉजिटिव रोगियों के लिए आइसीएमआर राष्ट्रीय परीक्षण के केंद्र में से एक है, जिसमें कोरोना पॉजिटिव रोगियों को ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता होती है। अप्रैल के अंतिम सप्ताह में पीजीआइ को आइसीएमआर साइट में से एक के रूप में चुना गया था। पहले रोगी ने नौ मई को प्लाज्मा दान किया था।

कॉनवलसेंट प्लाज्मा कोरोना संक्रमित मरीजों से उनके ठीक होने के बाद लिया जाता है। कई रिपोटर्स हैं, जो बताती हैं कि यह बीमारी की प्रारंभिक अवस्था में उपयोगी चिकित्सा है। प्लाज्मा थेरेपी में ठीक हुए व्यक्ति की एंटीबॉडी कोरोना संक्रमण से जूझ रहे व्यक्ति को रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ाती हैं।

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