नई दिल्ली. आरबीआई–भारतीय रिजर्व बैंक (RBI-Reserve Bank of India) ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक (People’s Co-operative Bank) की कमजोर फाइनेंशियल स्थिति को देखते हुए उस पर छह महीने के लिये नये कर्ज़ देने और जमा स्वीकार करने से रोक दिया है. आरबीआई ने 11 जून को इसकी जानकारी दी.
खाताधारक नहीं निकाल पाएंगे अपने पैसे- आरबीआई ने कहा कि पीपुल्स को-ऑपरेटिव (People’s Co-operative Bank) सहकारी बैंक से किसी जमाकर्ता को राशि की निकासी करने की भी सुविधा फिलहाल नहीं मिलेगी.
पीपुल्स को-ऑपरेटिव (People’s Co-operative Bank) पर लगी ये रोक-
आरबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 10 जून, 2020 को व्यवसाय बंद होने के बाद, बैंक रिजर्व बैंक की लिखित अनुमति के बिना कोई नया कर्ज़ देने या पुराने बकाये को रिन्यु नहीं कर सकेगा. इसके अलावा बैंक कोई नया निवेश नहीं कर सकेगा और न ही नया जमा स्वीकार कर सकेगा.’
रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंक के ऊपर किसी संपत्ति को बेचने, स्थानांतरित करने या उसका निपटान करने से रोक दिया है.
केंद्रीय बैंक ने कहा, विशेष रूप से, सभी बचत बैंक या चालू खाते या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि को निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
यह निर्देश 10 जून को कारोबार बंद होने के छह महीने बाद तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन होंगे. हालांकि रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया कि इस निर्देश को सहकारी बैंक के बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिये. बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा.
मई में भी रद्द हो चुका एक बैंक का लाइसेंस-आपको बता दें कि मई में RBI ने महाराष्ट्र के सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया. महाराष्ट्र के इस को-ऑपरेटिव बैंक पर वित्तीय अस्थितरता के चलते आरबीआई ने यह फैसला लिया.
30 अप्रैल के बाद से ही आरबीआई ने बैंक के सभी ऑपरेशन रोक दिए थे. निवेशकों का फैसला बचाने के लिए रिजर्व बैंक को यह फैसला लेना पड़ा.
आरबीआई ने बैंक के लाइसेंस को वित्तीय अस्थिरता के आधार पर ही रद्द किया है. बैंक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रहा है और वित्तीय संकट से जूझ रहा है.