न मेरा बाप किसी से डरता था, न मैं किसी के बाप से डरती हूं, हम वापस कश्मीर जाएंगे: अजय पंडिता की बेटी
सरकार से नाराज सरपंच अजय पंडिता की बेटी ने कहा कि मेरे पिता ने सुरक्षा मांगी थी, कोई इंसान बिना वजह के सुरक्षा नहीं मांगता है. उन्होंने किसी वजह से सुरक्षा मांगी थी. सरकार की जिम्मेदारी थी उनको सुरक्षा देना. जो चीज उनको मिलनी चाहिए थी वो चीज वो मांग रहे थे, लेकिन मांगने के बाद भी नहीं मिली.
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मेरे पिता को नहीं मिली सुरक्षा: अजय पंडिता की बेटी
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‘मेरे पिता ने सिर्फ गांव से नहीं पूरे देश से प्यार किया’
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल आतंकियों पर कहर बनकर टूट रहे हैं. बुधवार को 5 आतंकी मारे गए हैं. इस हफ्ते आतंकियों के साथ तीसरी मुठभेड़ में 14 दहशतगर्दों को धराशायी किया गया है. लेकिन सुरक्षाबलों की इस कामयाबी के बीच ये सवाल फिर गूंजा है कि कश्मीरी पंडितों को इंसाफ कब? दरअसल, सोमवार को कश्मीर के सरपंच अजय पंडिता की हत्या कर दी गई. आजतक से बात करते हुए अजय पंडिता की बेटी शीन पंडिता ने कहा कि हम कश्मीर वापस जाएंगे. न मेरा बाप किसी से डरता था, न मैं किसी के बाप से डरती हूं.
सरकार से नाराज अजय पंडिता की बेटी ने कहा कि मेरे पिता ने सुरक्षा मांगी थी, कोई इंसान बिना वजह के सुरक्षा नहीं मांगता है. उन्होंने किसी वजह से सुरक्षा मांगी थी. सरकार की जिम्मेदारी थी उनको सुरक्षा देना. जो चीज उनको मिलनी चाहिए थी वो चीज वो मांग रहे थे, लेकिन मांगने के बाद भी नहीं मिली.
उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने अपने नाम के आगे भारतीय लगा दिया था. वो कहते थे अगर मुझे कभी कुछ होगा तो मेरी पहचान भारतीय होनी चाहिए. वो देश से बहुत प्यार करते थे. मेरे पिता ने सिर्फ गांव से नहीं पूरे देश से प्यार किया.
सरकार हत्यारों को ढूंढे
अजय पंडिता की बेटी ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के जाने के बाद भी मेरे पिता ने यहां पर सेवा की. वो और भी ज्यादा सेवा करना चाहते थे. मेरी सरकार से गुजारिश की वो मेरे पिता के हत्यारों को ढूंढे. मेरे पिता को जिन्होंने मारा उनको कोई डर नहीं है. वो सामने आकर बोले हां हमने किया.
सरपंच की बेटी ने कहा कि मेरे पिता छोटे से गांव के सरपंच थे. आतंकियों को क्या जरूरत पड़ी उनको मारने की. मेरे पिता को इस वजह से मारा गया क्योंकि वो एक पंडित थे. इस देश का फर्ज है कि अब वो मेरे पिता के हत्यारों को ढूंढे.
उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने धारा 370 हटने का इंतजार नहीं किया. वो बहादुर थे. 370 जब हटा था तो मैंने अपने पिता को कहा था कि 370 हट गया. तब मेरे पिता ने कहा था कि एक धारा ही तो थी. हट गया तो ठीक है. अगर कुछ हुआ तो हम खुश हो जाएंगे. अगर नहीं हुआ तो हम लोग देश के लिए हैं. मेरे पिता निडर थे, हमारा पूरा परिवार निडर है. हम फिर वहां वापस जाएंगे. हम किसी से नहीं डरते हैं.
सरपंच की बेटी ने कहा कि वो हमारी मातृभूमि है. हम वहां वापस क्यों नहीं जाएं. लोगों को सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है.
J-K: अजय पंडिता की हत्या से खौफ में घाटी के सरपंच, जम्मू हो रहे हैं शिफ्ट
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों द्वारा सरपंच की हत्या किए जाने के बाद स्थानीय लोगों में डर बढ़ गया है. घाटी में इस तरह आतंकियों के द्वारा कश्मीरी पंडित सरपंच की हत्या किए जाने के बाद बाकी सरपंचों में खौफ है. यही कारण है कि घाटी के कई कश्मीरी पंडित पंच और सरपंच अपना घर छोड़ जम्मू की ओर शिफ्ट हो गए हैं, ताकि सुरक्षित रह सकें.
गौरतलब है कि बीते सोमवार को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों ने सरपंच अजय पंडिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी.
अजय पंडिता का संबंध कांग्रेस पार्टी से था. जिसके बाद से ही घाटी में सुरक्षा को लेकर सवाल हो रहे हैं और देश की सियासत गर्मा गई है.
अजय पंडिता को आतंकियों ने उनके घर के पास ही गोलियों से भून दिया था, अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. अभी पुलिस इस मामले की पूरी जांच पड़ताल कर रही है.
पिछले दिनों में आतंकियों के द्वारा जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमले करने की कोशिश की गई थी, लेकिन असफल रही. लेकिन इस बार एक सरपंच को निशाना बनाया गया, जिसमें आतंकियों को सफलता मिल गई. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच भी लगातार कई मुठभेड़ हो रही हैं, जिनमें पिछले दो-तीन दिनों में ही एक दर्जन से अधिक आतंकी मारे जा चुके हैं.
शुरू हुई थी राजनीतिक बयानबाजी
अजय पंडिता का संबंध कांग्रेस पार्टी से था, ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर उनकी हत्या पर दुख व्यक्त किया. राहुल गांधी ने लिखा था कि अजय पंडिता ने कश्मीर में लोकतांत्रित व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपनी जान दे दी. इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिवार और दोस्तों के साथ खड़ा हूं. हिंसा की कभी जीत नहीं हो सकती.
साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अजय पंडिता का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उनकी हत्या, कश्मीर में आम लोगों में डर और विभिन्न वर्गों में नफरत पैदा करने की एक साजिश है.