भारत में अगले 5 साल तक बिल्कुल खत्म हो जाएगा चीनी कंपनियों का दबदबा, 4 लाख नौकरियों के भी बनेंगे मौके- गौतम अडानी का बड़ा बयान!

दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी ने हाल ही में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट का प्रोजेक्ट हासिल किया है. अब अडानी का कहना है कि चीन से भारत में करीब 90 फीसदी सोलर इक्विपमेंट आयात किया जाता है, जो अगले 3-5 सालों में खत्म हो जाएगा

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नई दिल्ली. दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनी ने 8 गीगावाट (GW) के मैन्युफैक्चरिंग-लिंक्ड सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट का टेंडर हासिल कर लिया है. इसमें वे करीब 45,000 रुपए का निवेश करेंगे. इकोनॉमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में अडानी ने कहा कि चीन से सोलर इक्विपमेंट का इंपोर्ट अगले 3-5 साल में कम होकर नामात्र रह जाएगा. अभी इंडियन मार्केट में इसकी हिस्सेदारी 90 फीसदी से ज्यादा है.

4 लाख नौकरियों के मौके बनेंगे
यह टेंडर अडानी ग्रीन एनर्जी ने हासिल किया है. कंपनी का मकसद 2025 तक 25 गीगावाट की क्षमता के साथ इस सेगमेंट में वर्ल्ड लीडर बनना है. इस टेंडर में 8 गीगावाट का सोलर पावर और 2 गीगावॉट के सोलर सेल और मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी तैयार करना है. इससे 4 लाख नौकरियों के मौके बनेंगे.

अडानी ने कहा कि उनका ग्रुप सोलर इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग में इक्विटी और स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के लिए बात कर रहा है. सोलर इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग में तेजी से टेक्नोलॉजी बदल रही है. उन्होंने कहा कि भारत में सिर्फ उनके ग्रुप के पास टोटल और विल्मर जैसी कंपनियों के साथ 50:50 फीसदी साझेदारी में काम करने का ट्रैक रिकॉर्ड है.

देश तेजी से आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा: अडानी 
अडानी ने कहा कि देश तेजी से आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अभी तक 90 फीसदी तक चीनी इक्विपमेंट का इंपोर्ट होता है जो आगे घटकर 50 फीसदी हो जाएगा और अगले 3 से 5 साल में यह बिल्कुल खत्म हो जाएगा. अडानी को पूरा भरोसा है कि इस निवेश से वह दुनिया की सबसे बड़ी सोलर कंपनी बन जाएंगे.

अडानी ग्रीन एनर्जी कंपनी 2025 तक 25 गिगावाट का उत्पादन करते हुए दुनिया में लीडर बनना चाहती है. उन्होंने कहा कि तब तक 18-20 गिगावाट का थर्मल उत्पादन होगा और सोलर उत्पादन उससे भी अधिक हो जाएगा.

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