हाईकोर्ट का आदेश / कोरोना के चलते बच्चे घरों में कैद, स्कूल ने ट्यूशन फीस संग ट्रांसपोर्ट व खेलकूद गतिविधियों के अभिभावकों से मांगे पैसे

इसी तरह एलकेजी क्लास में पढ़ने वाले छात्रों से 150 रुपए एडमिशन फीस, 660 रुपए ट्यूशन फीस, 630 रुपए बस किराया, 200 रुपए बिल्डिंग फंड, 100 रुपए पेपरों की फीस, स्पोर्ट्स फीस 100 रुपए के अलावा 100 रुपए भी अन्य  फंड से वसूले जा रहे हैं।

होशियारपुर. कोरोना महामारी के कारण राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट शिक्षा संस्थान बंद हैं। स्कूल अध्यापकों द्वारा छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश पर पंजाब सरकार के शिक्षा मंत्री की तरफ से राज्य के सभी प्राइवेट स्कूलों को यह हिदायत की गई है कि वह छात्रों के माता-पिता से 70 प्रतिशत ही ट्यूशन फीस लेंगे।

स्कूल की तरफ से छात्रों को दी गई फीस की रसीदें। -भास्कर

बावजूद, टांडा उड़मुड़ क्षेत्र से संबंधित पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त गुरु नानक मिशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रबंधकों द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना का मामला सामने आया है। स्कूल के प्रबंधकों की तरफ से छात्रों से ट्यूशन फीस के साथ-साथ एडमिशन फीस, कंप्यूटर फीस, बस किराया, बिल्डिंग फंड, इम्तिहान फीस के अलावा स्पोर्ट्स एक्टिविटी जैसे दूसरे चार्ज पर वसूल किए जा रहे हैं।

स्कूल की फीस स्लिप के मुताबिक स्कूल की तरफ से 9वीं क्लास में पढ़ने वाले छात्रों से अप्रैल-मई और जून महीने की 150 रुपए एडमिशन फीस, 910 रुपए ट्यूशन फीस, 140 रुपए कंप्यूटर फीस, 200 रुपए बिल्डिंग फंड, पेपर फीस 150 रुपए, स्पोर्ट्स एक्टिविटी के 100 रुपए के अलावा 200 रुपए अन्य मद में लिए जा रहे हैं।

इसी तरह एलकेजी क्लास में पढ़ने वाले छात्रों से 150 रुपए एडमिशन फीस, 660 रुपए ट्यूशन फीस, 630 रुपए बस किराया, 200 रुपए बिल्डिंग फंड, 100 रुपए पेपरों की फीस, स्पोर्ट्स फीस 100 रुपए के अलावा 100 रुपए भी अन्य  फंड से वसूले जा रहे हैं।

स्कूल के प्रिंसिपल ने सवाल सुनने के बाद काट दिया फोन
इस सबंध में जब पक्ष जानने के लिए स्कूल की प्रिंसिपल राजिंदर कुमारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने पहले सवाल सुन लिया और जवाब देने के समय कहा कि उन्हे आवाज सुनाई नहीं दे रही और फोन काट दिया। इसके बाद उन्हे बार-बार फोन कर पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। पहले ही फीस वसूली का यह मामला माननीय हाईकोर्ट में भी गया है, जिसमें अदालत ने स्कूलों को ट्यूशन 70 फीसदी फीस लेने के निर्देश दिए हुए हैं।

अदालत के आदेश सभी स्कूल प्रबंधकों को मानने ही पड़ेंगे : डीईओे
जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी बलदेव राज से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि माननीय अदालत ने स्कूलों को ट्यूशन फीस का 70 फीसदी लेने के लिए कहा है। अदालत के आदेशों से किसी को बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। अगर ऐसा हुआ है तो गलत है। शिकायत आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.