चंडीगढ़. पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव में फिर से सत्ता में आने का ख्वाब पालकर तैयारियां शुरू कर चुकी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। जाने-माने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पार्टी के लिए रणनीति बनाने से साफ इन्कार कर दिया है। एक समाचार एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दोहते निर्वाण प्रशांत किशोर से मिलने दिल्ली पहुंचे थे। दो दिन से वह दिल्ली में ही हैं। मुलाकात से पहले निर्वाण को दो घंटे इंतजार करना पड़ा। बाद में जब टाइम मिला तो प्रशांत किशोर ने कैप्टन का अनुरोध अस्वीकार कर दिया।
दरअसल, शुक्रवार को ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रशांत किशोर को अपना ‘पारिवारिक सदस्य’ बताया था। उन्होंने कहा था, ‘किशोर मेरे परिवार का हिस्सा हैं। हम लंबे समय से एक साथ हैं।’ कैप्टन ने यह भी कहा था कि जब लॉकडाउन से पहले मेरी प्रशांत से दिल्ली में बात हुई थी, तो उन्होंने कांग्रेस के लिए काम करने की दिलचस्पी दिखाई थी। कांग्रेस के 80 में से 55 विधायक चाहते हैं कि प्रशांत कांग्रेस के चुनाव प्रचार का जिम्मा संभालें।
वैसे भी ऐसा पहली बार नहीं है जब कैप्टन ने इस उद्देश्य के लिए प्रशांत से संपर्क किया हो। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनाव प्रचार की कमान संभालकर कैप्टन को पंजाब का कैप्टन बनाने वाले प्रशांत किशोर ही हैं। इसी साल जनवरी में चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार ने भी दिल्ली में प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी। वहीं, हाल ही में कांग्रेस के राज्य महासचिव संदीप संधू ने प्रचार अभियान के बारे में सभी पार्टी विधायकों को किशोर के पक्ष में लिखने के लिए फोन किया था।
हाल ही में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था कि वह अब इस भूमिका में काम नहीं करना चाहते। प्रशांत ने मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के लिए भी कांग्रेस का प्रस्ताव खारिज कर दिया था। अब कैप्टन अमरिंदर सिंह के दोहते निर्वाण से मुलाकात के दौरान पंजाब के 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कैंपेन करने से इनकार कर दिया है।