222 साल बाद हज यात्रा पर संकट / भारतीय हज कमेटी ने कहा- सऊदी अफसरों ने अब तक कोई जानकारी नहीं दी; जो लोग यात्रा कैंसिल करना चाहते हैं, उन्हें पूरी रकम रिफंड की जाएगी
हज यात्रा आखिरी बार 1798 में रद्द की गई थी, सऊदी सरकार ने 27 फरवरी को उमरा पर भी रोक लगा दी थी
नई दिल्ली. इस बार होने वाली हज यात्रा को लेकर संकट गहराता जा रहा है। इस बीच भारतीय हज कमेटी ने कहा है कि जो लोग खुद ही यात्रा कैंसिल करना चाहते हैं उन्हें पूरी जमा राशि लौटा दी जाएगी। हज कमेटी ने यह भी कहा कि अब तक सऊदी अरब के अफसरों की तरफ से कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। अगर इस बार हज रद्द होता है तो यह 222 साल में पहली बार होगा। सऊदी में 95 हजार 700 से ज्यादा कोरोना संक्रमित हैं और 642 मौतें हो चुकी हैं।
कैंसिलेशन के लिए क्या करें?
हज कमेटी की वेबसाइट से कैंसिलेशन फॉर्म डाउनलोड करें। फॉर्म भरकर ceo.hajcommittee@nic.in पर भेजना होगा।
रिफंड कैसे मिलेगा?
सीधे खाते में पैसे आएंगे। कैंसिलेशन फॉर्म के साथ बैंक पासबुक की कॉपी या कैंसिल चेक भी अटैच करना पड़ेगा।
मार्च के बाद सऊदी अरब से कोई अपडेट नहीं
कोरोना संक्रमण को देखते हुए सऊदी अरब ने मार्च में बताया था कि इस साल के हज की तैयारियां अस्थाई तौर पर रोक दी गई हैं। हज कमेटी का कहना है कि सऊदी की ओर से अभी तक कोई नया अपडेट नहीं मिला है, जबकि कई लोग इस बारे में जानकारी मांग रहे थे। इसलिए फैसला लिया है कि जो लोग रजिस्ट्रेशन कैंसिल करना चाहें वे बता सकते हैं।
इससे पहले 1798 में हज रद्द किया गया था
कोरोना के चलते दुनियाभर के धार्मिक स्थलों को बंद किया गया है। इसका असर सऊदी अरब में मक्का-मदीना पर भी दिख सकता है। इससे पहले हज यात्रा 1798 में रद्द की गई थी। सऊदी सरकार ने 27 फरवरी को उमरा पर भी बैन लगा दिया था। उमरा हज की तरह ही होता है, लेकिन निश्चित इस्लामी महीने में मक्का और मदीना की यात्रा को हज कहा जाता है।
हज यात्रा रद्द हुई तो सऊदी अरब को दोहरा नुकसान
पिछले साल करीब 20 लाख लोग हज के लिए पहुंचे थे। सऊदी अरब को हज यात्रा से करीब 92 हजार करोड़ रुपए (12 अरब डॉलर) की इनकम होती है। अगर यात्रा रद्द होती है, तो सऊदी अरब की इकोनॉमी के लिए मुश्किल और बढ़ जाएगी, क्योंकि महामारी की वजह से तेल की कीमतें पहले ही काफी गिर चुकी हैं।