केरल में गर्भवती हथिनी की दर्दनाक मौत को लेकर देश में गुस्से का माहौल है. हथिनी की मौत पर भारतीय जनता पार्टी की सांसद मेनका गांधी भी कई बयान दे चुकी है. वहीं अब एक बयान को लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
केरल के मल्लपुरम में भारतीय जनता पार्टी की सांसद मेनका गांधी पर उनके बयान को लेकर केस दर्ज किया गया है. आईपीसी की धारा 153 के तहत मेनका गांधी पर FIR दर्ज की गई है, जो धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने से संबंधित है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद मेनका गांधी ने कहा था कि केरल का मल्लपुरम ऐसी घटनाओं के लिए कुख्यात है. यह देश का सबसे हिंसक राज्य है. वहीं मल्लपुरम को लेकर दिए बयानों के कारण मेनका गांधी के खिलाफ सात से ज्यादा शिकायतें थीं लेकिन एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया.
क्या था मेनका का बयान?
हथिनी की मौत को लेकर मेनका गांधी ने कहा कि ये हत्या है. मल्लपुरम ऐसी घटनाओं के लिए कुख्यात है. यह देश का सबसे हिंसक राज्य है. यहां लोग सड़कों पर जहर फेंक देते हैं, जिससे 300 से 400 पक्षी और कुत्ते एक साथ मर जाएं. केरल में हर तीसरे दिन एक हाथी को मार दिया जाता है. केरल सरकार ने मल्लपुरम मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. ऐसा लगता है, वो डरे हुए हैं.
मेनका गांधी के इस बयान पर कई लोगों ने आपत्ति जताई है. केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने भी मेनका गांधी से बयान वापस लेने को कहा है. रमेश चेन्निथला ने कहा कि हथिनी की मौत दुखद है. इस पूरे मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन केरल के मल्लपुरम जिले को लेकर मेनका गांधी का बयान अस्वीकार्य है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मल्लपुरम में एक गर्भवती हथिनी खाने की तलाश में जंगल के पास वाले गांव पहुंच गई, लेकिन वहां शरारती तत्वों ने अनानास में पटाखे भरकर हथिनी को खिला दिया. जिससे उसका मुंह और जबड़ा बुरी तरह से जख्मी हो गया. इसके बाद हथिनी वेलियार नदी पहुंची, जहां तीन दिन तक पानी में मुंह डाले खड़ी रही. बाद में उसकी और गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई.