बठिंडा.सिरसा पुलिस व सेहत विभाग की संयुक्त टीम ने नोडल अफसर बुधराम की अगुवाई में शुक्रवार सुबह बठिंडा के नामदेव रोड़ पर स्थित इंद्राणी अस्पताल में भ्रूण जांच के आरोप में छापामारी की। सुबह 8 बजे के करीब शुरू हुई जांच दोपहर बाद तक जारी रही। इस दौरान अस्पताल में कई संदिग्ध दस्तावेज भी मिले हैं जिसकी जांच की जा रही है। सिरसा जिले के सिविल सर्जन की तरफ से भेजी गई टीम को पहले ही पता था कि उक्त अस्पताल में लिंग जांच हो रही है। इस संबंध में टीम ने टैप लगाकर लिंग जांच करते हुए कुछ लोगों को पकड़ा है जिसमें दो आरएमपी डाक्टर, एक दलाल व एक महिला शामिल है। उक्त लोग हरियाणा के साथ पंजाब के नजदीकी गांव में ऐसे लोगों से संपर्क करते थे जो गर्भवती महिला के पेट में भ्रूण की जांच करवाते थे व पता लगवाते थे कि भ्रूण लड़का है या फिर लड़की। वही लड़की होने पर भ्रूण की हत्या करवाने का धंधा भी किया जाता था। इस काम की एवज में मोटी राशि वसूल की जाती थी।
जानकारी अनुसार गुरजीत सिंह पुत्र महिंदर सिंह वासी फूस मंडी मानसा के सरदूलगढ़ में आरएमपी डाक्टर है। जो अपनी सालीहार रुपिंदर कौर पत्नी जुगराज सिंह वासी रतिया गांव वोडा के साथ मिलकर बठिंडा के परसराम नगर वासी जगतार सिंह के सहयोग से बठिंडा के भाई मतिदास नगर के आरएमपी डाक्टर (बजरंगी) मदन लाल से मिलकर उक्त अस्पताल में भ्रूण जांच का काम करते थे। जिसके एवज में वह ग्राहक से 35 हजार रुपए में सौदा करते थे। जिसमें आरएमपी डाक्टर गुरजीत सिंह को 2 हजार, रुपिंदर कौर को 1 हजार, जगतार सिंह को 2 हजार और आरएमपी डाक्टर (बजरंगी) मदन लाल और संबंधित को 20 हजार रुपए आपस में बांट लेते थे।
गुरजीत सिंह फोन के माध्यम से मदन लाल को जांच के लिए ग्राहक भेजता था। उनके अनुसार पिछले 20 दिनों में वह तीसरा केस लेकर सुबह 7 बजे आए थे। यहां मदन लाल उर्फ बजरंगी डाक्टर से मिल कर जांच करता था। सिरसा जिला सेहत विभाग व पुलिस ने सिरसा जिले के गांव ताजिया खेड़ा की एक गर्भवती महिला को ग्राहक के तौर पर तैयार किया। जिसके बाद रुपिंदर कौर ने आरएमपी डा. गुरजीत सिंह ले संपर्क किया और गुरजीत सिंह ने जगजीत सिंह से और जगजीत सिंह ने मदन लाल उर्फ बजरंगी से संपर्क किया। इसके बाद भ्रूण जांच का काम शुरू हुआ। हालांकि इस मामले में इंद्राणी अस्पताल के डा. अतिल गुप्ता का कहना है कि उन्हें बदनाम करने के लिए इस तरह की साजिश रची गई है। अस्पताल में जब ट्रैप किया गया तो टीम के साथ दूसरे लोग जबरन अस्पताल में दाखिल हुए व अंदर अल्ट्रासाउड कर बाहर निकल गए। उन्होंने कहा कि उनके अस्पताल में अल्ट्रासाइड नहीं किया जाता है। उन्होंने इस मामले में जांच करवाने की बात भी कही। ही सिविल सर्जन बठिंडा डा. अमरिक सिंह सिद्धू का कहना है कि मामले की जांच विभाग की टीम कर ही है व इसमें जांच कर रही हरियाणा की टीम से भी तालमेल किया गया है। मामले में जांच के बाद बनती कानूनी कारर्वाई की जाएगी।