मोदी कैबिनेट के 6 फैसले / किसानों को अपनी मर्जी से फसल बेचने की आजादी मिलेगी, कोलकाता पोर्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की मंजूरी

किसान सीधे व्यापारी को उपज बेच सकेंगे, अपने हिसाब से रेट भी तय कर सकेंगे कृषि मंत्री ने कहा- 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य, अनाज, दाल, प्याज एसेंशियल कमोडिटी एक्ट से हुआ बाहर, किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी

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नई दिल्ली. कैबिनेट की बैठक में आज किसानों से जुड़े तीन अहम फैसले लिए गए। किसानों से जुड़े दो नए अध्यादेशों को मंजूरी दी गई और एक अध्यादेश में संशोधन की मंजूरी दी गई। इससे किसानों को अपनी मर्जी से फसल बेचने की आजादी मिलेगी। बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी। सरकार ने पिछले महीने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इन सुधारों की घोषणा की थी।

कैबिनेट के 6 फैसले

1. फार्मिंग प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स ऑर्डिनेंस-2020 को मंजूरी
किसानों को अपनी फसल अपने हिसाब से बेचने की आजादी मिलेगी। अध्यादेश लागू होने के बाद किसान जहां चाहेगा और जिसे चाहेगा अपनी फसल बेच सकेगा। ई-ट्रेडिंग के जरिए खरीद-बिक्री हो सकेगी। किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिल पाएगी। एक देश, एक बाजार की दिशा में इसे बड़ा कदम बताया जा रहा है।

2. द फार्मर्स एग्रीमेंट प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज ऑर्डिनेंस-2020 को मंजूरी
किसान और ट्रेडर एग्रीमेंट कर सकेंगे। इसमें मिनिमम प्राइस पहले ही तय होगा। ऐसे में किसानों को नुकसान होने का खतरा नहीं रहेगा। अगर फसल आने पर भाव ज्यादा होता है तो व्यापारी को होने वाले फायदे में से किसान को भी हिस्सा मिलेगा। इसके नियम केंद्र सरकार तय करेगी। किसी तरह का विवाद होने पर मामला कोर्ट में नहीं जाएगा, बल्कि प्रशासन के स्तर पर ही निपटारा हो जाएगा।

3. जरूरी वस्तु अधिनियम में संशोधन की मंजूरी
अनाज, तेल, तिलहन, दाल, आलू और प्याज को इस एक्ट के दायरे से बाहर किया गया है। इन पर अब स्टॉक लिमिट लागू नहीं होगी। किसान जितना चाहे एक्सपोर्ट कर सकता है, जितना चाहे स्टोर कर सकता है। सिर्फ आपदा, युद्ध या बहुत ज्यादा महंगाई होने की स्थिति में ही स्टोरेज से जुड़े प्रतिबंध लागू होंगे।

4. प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल्स बनेंगे

देश में निवेश बढ़ाने के लिए एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज (EGoS) और प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल्स (PDCs) बनाने की मंजूरी। ये इस बात का ध्यान रखेंगे कि निवेशकों को सरकारी विभागों और मंत्रालयों से समय पर क्लीयरेंस मिल जाए। साथ ही देश में निवेश बढ़ाने की योजनाएं बनाएंगे और विदेशी निवेशकों की मदद करेंगे।

5. कोलकाता पोर्ट का नाम बदलेगा

कैबिनेट ने कोलकाता पोर्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जनवरी को इसकी घोषणा की थी।

6. मेडिसिन एंड होम्योपैथी कमीशन बनेगा

आयुष मंत्रालय के अधीन फार्माकॉपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी बनाया जाएगा। गाजियाबाद में आयुष मंत्रालय के दो लैब्स हैं। इन दोनों लैब्स का भी इसके साथ मर्जर हो रहा है।

अनाज, दाल, प्याज एसेंशियल कमोडिटी एक्ट से हुआ बाहर, किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने बुधवार को साढ़े छह दशक पुराने एसेंशियल कमोडिटी एक्ट (Essential Commodities Act) में संशोधन को मंजूरी दे दी ताकि अनाज (cereals), दलहन (edible oils) और प्याज (onion) सहित खाद्य वस्तुओं को नियमन के दायरे से बाहर किया जा सके. उम्मीद है कि इससे इन वस्तुओं का व्यापार मुक्त तरीके से किया जा सकेगा और इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी.

मंत्रिमंडल ने कृषि उपज के बाधा मुक्त व्यापार को सुनिश्चित करने के लिए कृषि उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सहायता) अध्यादेश, 2020′ को भी मंजूरी दी. सरकार ने किसानों की स्थिति को, प्रोसेसर, एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के सामने सशक्त बनाने के लिए मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020 पर ‘किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौते’ को भी मंजूरी दी.

कैबिनेट के फैसलों की घोषणा करते हुए, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, इससे कृषि क्षेत्र की सूरत बदलेगी और इसके साथ-साथ भारत के किसानों की मदद करने की दिशा में इसका दूरगामी प्रभाव होगा. उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रस्तावित संशोधन से अत्यधिक विनियामकीय हस्तक्षेप के संबंध में निजी निवेशकों को आशंकायें खत्म होंगी.

तोमर ने कहा कि ‘कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020’ राज्य कृषि उपज विपणन कानून के तहत अधिसूचित बाजारों के अहाते के बाहर अवरोध मुक्त अंतर-राज्य और अन्य राज्यों के साथ व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगा. उन्होंने कहा, यह देश में व्यापक रूप से विनियमित कृषि बाजारों को खोलने का एक ऐतिहासिक कदम है.

तोमर ने कहा कि मूल्य आश्वासन और फार्म सेवा अध्यादेश, 2020 ‘ पर किसानों के (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौते से किसान, किसी प्रकार के शेषण के भय के बिना, प्रोसेसर, एग्रीगेटर, बड़े खुदरा विक्रेताओं, निर्यातकों आदि से समान स्तर पर जुड़ने के लिए सशक्त होंगे. ये प्रस्ताव कोविड-19 के प्रसार को थामने के लिए लगाये गये लॉकडाऊन से प्रभावित लोगों की मदद के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का हिस्सा हैं.

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